नरेंद्र यादव को मिले सिंबल में पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी ने नरेंद्र यादव (Narendra Yadav) के पिता के नाम के आगे रामेश्वरलाल जाट लिख दिया और इसके चलते सिंबल निरस्त हो गया.
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Chomu: प्रदेश के 6 जिलों में हो रहे पंचायत चुनाव में कई सीटों पर टिकटों को लेकर खींचतान भी देखने को मिला तो कई जगह नेताओं में खींचतान भी देखी गई.
जयपर (Jaipur) जिले की गोविंदगढ़ पंचायत समिति (Govindgarh Panchayat Samiti) में भी रोचक बात देखने को मिली, जहां पूर्व विधायक रहे पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी (Bhagwan Sahai Saini) को 3 बार विधायक और मंत्री रहे रामेश्वर यादव (Rameshwar Yadav) की जाति का मालूम नहीं है. इस बात का पता तब चला जब पूर्व मंत्री रामेश्वर यादव के पुत्र नरेंद्र यादव को मिला कांग्रेस का सिंबल खारिज हो गया.
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दरअसल, नरेंद्र यादव को मिले सिंबल में पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी ने नरेंद्र यादव (Narendra Yadav) के पिता के नाम के आगे रामेश्वरलाल जाट लिख दिया और इसके चलते सिंबल निरस्त हो गया. कांग्रेस के नेताओ की जुबान पर चर्चा इस बात की है. पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी नरेंद्र को टिकट देने के इच्छुक नही थे लेकिन प्रभारी रीटा चौधरी ने नरेंद्र को मजबूत दावेदार मानकर टिकट देने की सिफारिश की थी.
चर्चा इस बात की है कि पूर्व विधायक सैनी ने जानबूझकर षड्यंत्र करके नरेंद्र यादव के पिता की जाति गलत लिखी है, जिसके चलते सिंबल निरस्त हो गया हालांकि इधर नरेंद्र यादव ने निर्दलीय के तौर पर भी आवेदन किया था, जो स्वीकार हो चुका है. अब नरेंद्र यादव निर्दलीय के रूप में ताल ठोक रहे है. इधर अब चर्चा है कि यह षड्यंत्र पंचायत चुनाव में कही कांग्रेस के लिए भारी नही पड़ जाए.
प्रबल दावेदारों को नहीं मिला टिकट
ऐसा नही है केवल एक नरेंद्र यादव को टिकट नही देने में ही षड्यंत्र किया गया है बल्कि एक दर्जन नेता ऐसे हैं, जो पंचायत समिति गोविंदगढ़ से टिकट की दावेदारी कर रहे थे लेकिन किसी को भी टिकट नहीं मिला. सभी प्रबल दावेदारों की उम्मीदों पर पानी फिर गया.
दोनों नेताओं के बीच हुई तू तू- मैं मैं
मंगलवार देर शाम को एक गुड़लिया गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में भी दो नेता टिकट की बात को लेकर आपस में भिड़ गए. पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी और पूर्व मंडी अध्यक्ष संवार मल जाट के बीच तू तू मैं मैं हो गई. संवार मल जाट ने पूर्व विधायक को खरी खरी सुना डाली. इतना ही नहीं, कई संगीन आरोप भी लगा दिए. इस बहस को लेकर भी चुनावी माहौल में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.