अभी भी मंत्रिमंडल पुनर्गठन, राजनीतिक नियुक्ति और संगठनात्मक नियुक्तियों (Rajasthan Cabinet Reshuffle) जैसे मसलों को लेकर असमंजस की स्थितियां चल रही है लिहाजा महंगाई जैसे जनता से जुड़े मुद्दों पर पार्टी का ध्यान नहीं है.
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Jaipur : राजस्थान में सत्ता और संगठन में शुरू हुए सियासी उठापटक में कांग्रेस का महंगाई के खिलाफ अभियान (Campaign Against Inflation) पीछे छूट गया है. पार्टी को महंगाई के खिलाफ अभियान का गांव-ढाणियों में भी शुरू करना था. पार्टी बड़े स्तर पर इसकी तैयारियों में भी जुटी थी, लेकिन इसी बीच हुई सियासी उठापटक में पार्टी का पूरा प्लान धरा रह गया.
खुद पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने कहा था कि पार्टी अब महंगाई के मुद्दे को गांव-ढाणी तक लेकर जाएगी और 29 जुलाई को इसकी पूरी रूपरेखा का ऐलान किया जाएगा, लेकिन इसी बीच दिल्ली से नेताओं के दौरे शुरू हो गए और पूरी पार्टी सियासी असमंजस में उलझ गई.
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अभी भी मंत्रिमंडल पुनर्गठन, राजनीतिक नियुक्ति और संगठनात्मक नियुक्तियों (Rajasthan Cabinet Reshuffle) जैसे मसलों को लेकर असमंजस की स्थितियां चल रही है लिहाजा महंगाई जैसे जनता से जुड़े मुद्दों पर पार्टी का ध्यान नहीं है. जबकि पिछले दिनों पार्टी ने महंगाई के मुद्दे पर पार्टी ने सघन अभियान चलाया था और इस पर जनता का अच्छा रिस्पॉन्स भी मिला था. इसी से उत्साहित पार्टी ने अभियान का विस्तार करने की बात कही थी.
महंगाई के खिलाफ गांव-ढाणियों में शुरू होने वाले अभियान का रोडमैप तो पार्टी नेताओं ने तैयार कर लिया है, लेकिन सत्ता और संगठन में सियासी उठापटक होने के चलते महंगाई के खिलाफ गांव-ढाणियों में शुरू किए जाने वाले अभियान को मंजूरी ही नहीं मिल पा रही है, आगे ये अभियान शुरू भी पाएगा या फिर नहीं इसे लेकर भी संशय बना हुआ है, पार्टी नेता भी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है. वहीं, चर्चा ये भी है कि जब तक सियासी उलझनें सुलझ नहीं जाती हैं तब तक संगठन के स्तर पर महंगाई के खिलाफ अभियान को शुरू करने का फैसला नहीं लिया जाएगा.