कांग्रेस की बाड़ाबंदी को लेकर पूनिया ने कहा कि समय से पहले इतनी दूर चले गए हैं. अकबर को महान बताने वालों को महाणा राणा प्राताप की शरण लेनी पड़ी. कांग्रेस डरी हुई है, कांग्रेस तो ऐसी डरी हुई कि 'सो जा बेटा गब्बर आ जाएगा'. इस डर से कांग्रेस उदयपुर में शरण लिए हुए है. कांग्रेस में डर और खौफ है.
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Jaipur: एनडीए सरकार के आठ साल पूरे होने पर सुशासन को लेकर चलाए जा रहे कार्यक्रमों के तहत रविवार शाम बिड़ला सभागार में एससी मोर्चा की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया पहुंचे. पूनिया ने कांग्रेस की बाड़ाबंदी और भाजपा की बाड़ाबंदी को लेकर जवाब दिया कि नीयत और नीति का फर्क है. कांग्रेस जयपुर से दूर बाड़ाबंदी कर रही है. हमलोगों का तो सामान्य रूप से दो दिन के लिए पार्टी का प्रशिक्षण शिविर है. पार्टी का उम्मीदावारों का डेमो देने, पार्टी के सैद्धांतिक व नीतिगत अभ्यास के सत्र होंगे. इसमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह और अन्य नेताओं के सैद्धांतिक सीख होगी.
वहीं कांग्रेस की बाड़ाबंदी को लेकर पूनिया ने कहा कि समय से पहले इतनी दूर चले गए हैं. अकबर को महान बताने वालों को महाणा राणा प्राताप की शरण लेनी पड़ी. कांग्रेस डरी हुई है, कांग्रेस तो ऐसी डरी हुई कि 'सो जा बेटा गब्बर आ जाएगा'. इस डर से कांग्रेस उदयपुर में शरण लिए हुए है. कांग्रेस में डर और खौफ है.
केंद्र की योजनाओं का लाभ अंतिम आदमी तक पहुंचे
पूनिया ने कार्यक्रम को लेकर कहा कि एनडीए शासन के आठ साल पूरे हो गए. मोदीजी के प्रधानमंत्रीत्व काल में सुशासन के पूर्ति के लिए किए गए कार्यों को 30 मई से 14 जून तक लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. इसके तहत पार्टी के अलग अलग मोर्चों, इकाइयों को विभिन्न योजनाओं के प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी दी है. आठ साल पूरे होने पर लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे .जिले तक कार्यक्रमों के माध्यम से पहुंचे. पार्टी भी क्रियान्वति की समीक्षा कर पार्टी शीर्ष नेतृत्व तक भी जानकारी पहुंचाई जाएगी.
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बदलाव देखने को मिला है-पूनिया
पूनिया ने कहा कि लोगों ने बदलाव देखा है कि नेहरू, इंदिरा, राजीव गांधी, मनमोहन सिंह के बाद वाजपेयी सरकार की विकास योजनाओं को देखा है. अटलीजी ने विकास योजनाओं की शुरुआत की फिर चाहे प्रधानमंत्री सड़क योजना, परमाणु परीक्षण या अन्य बुनियादी काम हुए. मोदीजी के आने के बाद उज्जवला, जनधन आदि से आम आदमी का जीवन बदला. श्रीराम मंदिर निर्माण, तीन तलाक, धारा 370 का खात्मा लैंडमार्क फैसले थे जिनसे स्वाभिमान भी हासिल हुआ और भारत की साख भी बढ़ी.
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