Asian Games 2023: एशियाई खेलों की घुड़सवारी प्रतियोगिता में भारत ने मंगलवार को टीम ड्रेसेज स्पर्धा में टॉप पर रहकर स्वर्ण पदक के 41 साल के इंतजार को खत्म किया है. अनुश अग्रवाल, सुदीप्ति हजेला, हृदय विपुल छेड, और दिव्यकीर्ति सिंह की चौकड़ी ने शीर्ष स्थान हासिल किया.
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Asian Games 2023: एशियाई खेलों की घुड़सवारी प्रतियोगिता में भारत ने मंगलवार को टीम ड्रेसेज स्पर्धा में टॉप पर रहकर स्वर्ण पदक के 41 साल के इंतजार को खत्म किया है. अनुश अग्रवाल, सुदीप्ति हजेला, हृदय विपुल छेड, और दिव्यकीर्ति सिंह की चौकड़ी ने शीर्ष स्थान हासिल किया. आपको ये बता दें की भारत का यह मौका है जब ड्रेसेज स्पर्धा में टीम स्वर्ण पदक जीता है. 1986 में भारत ने कांस्य पदक के रूप में ड्रेसेज जिता था. घुड़सवारी में भारत ने पिछला स्वार्ण पदक नई दिल्ली में 1982 में हुए एशियाई खेलों में जीता था. 1982 के संस्करण में, भारतीय टीम ने इवेंटिंग और टेंट पेगिंग प्रतियोगिताओं में तीन स्वर्ण पदक जीते थे.
भारतीय टीम ने चीन को 204.882% और हांगकांग 204.852% को पीछे छोड़ कर 209.205 प्रतिशत हासिल किए और पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल किया. भारतीय चौकड़ी चयन ट्रायल में शानदार प्रदर्शन कर रही थी. पिछले संस्करणों के मुताबिक एशियाई खेलों के पदक विजेताओं से मेल खाते थे या उनसे बेहतर थे. ऐसे में पकद पक्का लग रहा था फिर बाद में सिर्फ तय होना था कि टीम किस रंग का मेडल जीतती है.
घोड़े और सवार का मूल्यांकन
ड्रेसेज में, घोड़े और सवार का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाता है कि वे किस प्रकार और विभिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया है. प्रत्येक घटनाक्रम को 10 (0 से 10 तक) में से चुनाव किया गया. हर एक राइडर को एक समग्र स्कोर मिलता है और वहां से, एक प्रतिशत निकाल दिया जाता है. श्रेष्ठ प्रतिशत वाला सवार विजेता होता है.
ऐसे में ही चौकड़ी के सबसे छोटी 21 वर्षीय सुदीप्ति का जन्म इंदौर में हुआ था और आज में वह फ्रांस के पामफौ में प्रशिक्षण लेती है. उन्होंने 6 साल की उम्र में ही शौक के तौर पर घुड़सवारी सिखी और बाद में पिता के सपनों को पुरा करने के लिए उन्होंने इसे एक खेल के रूप में गंभीरता से लिया और वहीं उनके घोड़े का नाम चिंस्की है.
The first Equestrian Gold in 41 years at the #AsianGames! A standing ovation for Sudipti Hajela, Divyakriti Singh, Hriday Chheda, and Anush Agarwalla for their remarkable achievement. The entire nation is basking in your glory. pic.twitter.com/sKVpEulgxg
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) September 26, 2023
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दिव्याकीर्ति की शिक्षा
जयपुर की रहने वाली 23 वर्षीय दिव्याकीर्ति जब अजमेर के प्रसिद्ध मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल में सातवीं कक्षा से ही घुड़सवारी सिखना शुरू कर दिया था. उन्होंने अपनी बैचलर की पढ़ाई दिल्ली के जीसस एंड मैरी कॉलेज से की. जिसके बाद 2020 में यूरोप चली गईं क्योंकि भारत में घुड़सवारी का बुनियादी ढांचा सबसे अच्छा नहीं है. दिव्याकीर्ति इस साल की शुरुआत में ड्रेसाज में एशिया की नबंर वन खिलाड़ी बनीं साथ ही दिव्याकीर्ति राजस्थान की पहली महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एशियन गेम्स में ड्रेसाज में मेडल जीता.