बाल दिवस पर राजस्थान विधानसभा में पहला बाल सत्र, CM गहलोत की पोती ने रखी अपनी बात
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बाल दिवस पर राजस्थान विधानसभा में पहला बाल सत्र, CM गहलोत की पोती ने रखी अपनी बात

काश्विनी ने कहा कि जंगली जानवरों की जानकारी और जंगल की जरूरत समझाने के लिए एक दूरदर्शिता की जरूरत है.

राजस्थान विधानसभा में बाल सत्र का आयोजन किया गया.

Jaipur: आज बाल दिवस (Children's Day 2021) है और आज राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) में पहला बाल सत्र का आयोजन किया गया. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) समेत कई नेता इस सत्र में मौजूद रहे.

देशभर से आए 200 बच्चों ने सदन की कार्रवाई चलाई. बच्चे ही स्पीकर, सीएम, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष और विधायक की भूमिका अदा कर रहे हैं. वहीं, इस मौके पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी सदन को संबोधित किया. 

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पोती काश्विनी गहलोत (kashwini Gehlot) ने भी अपनी बात रखी. काश्विनी गहलोत ने वन्यजीवों के संरक्षण के लिए नियम 295 के तहत कहा कि वन्य जीव और जंगल हमारे जीवन की सबसे बड़ी जरूरत हैं. साथ ही, काश्विनी ने कहा कि सरकार के पास वन क्षेत्र के लिए बड़ा बजट है लेकिन बच्चों को वन्य जीवन से परिचित कराने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है. 

काश्विनी ने कहा कि जंगली जानवरों की जानकारी और जंगल की जरूरत समझाने के लिए एक दूरदर्शिता की जरूरत है. वहीं, काश्विनी ने संदन में  सरकार को सुझाव दिया और कहा कि स्कूल की तरफ से बच्चों के लिए ऐसे टूर आयोजित किए जाएं, जिससे नई पीढ़ी प्रकृति की अहमियत समझ सके. 

काश्विनी गहलोत ने कहा कि जंगली जानवरों, खासकर बाघों के संरक्षण के लिए विभाग जंगल के आस-पास के लोगों को जागरूक करें और जानवरों को शिकारियों से बचाने के लिए प्रयास बढ़ाने की जरूरत है. काश्विनी ने कहा कि मेरी सरकार से मांग है कि स्कूली शिक्षा में व्यावहारिक पक्ष को मजबूत करें और वन्य जीवों की व्यापक जानकारी को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाएं. 

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