पहली बार नगर निगम ग्रेटर में प्री-बजट बैठक, व्यापारी-आमजन और विभिन्न संस्थाओं से लिए सुझाव
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पहली बार नगर निगम ग्रेटर में प्री-बजट बैठक, व्यापारी-आमजन और विभिन्न संस्थाओं से लिए सुझाव

शहरी निकायों पर हमेशा आरोप लगते रहे हैं कि वो कागजी बजट तैयार करते हैं.

पहली बार नगर निगम ग्रेटर में प्री-बजट बैठक, व्यापारी-आमजन और विभिन्न संस्थाओं से लिए सुझाव

जयपुर: शहरी निकायों पर हमेशा आरोप लगते रहे हैं कि वो कागजी बजट तैयार करते हैं. जिनका धरातल से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होता है.ऐसे में नगर निगम ग्रेटर ने पहल की है कि धरातल वाला बजट बनाया जाए.इसे लेकर निगम प्रशासन आमजन को बजट से जोड़ रहा है.महापौर सौम्या गुर्जर की अध्यक्षता में निगम मुख्यालय के ईसी हॉल में प्री बजट बैठक का आयोजन किया गया..बैठक में व्यापारी, कोचिंग संचालक और उद्योगों से जुड़े जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.सभी ने बजट के साथ-साथ शहर को किस तरह व्यवस्थित किया जाए. इसे लेकर भी सुझाव दिए गए.

महापौर ने बैठक के बाद कहा कि जो अच्छे सुझाव आए हैं. उन्हें बजट में शामिल किया जाएगा.निगम की कार्य प्रणाली को सुधारने के संबंध में जो सुझाव दिए गए हैं. उन पर भी अमल किया जाएगा. बैठक में पूर्व महापौर शील धाभाई, आयुक्त महेंद्र सोनी, हाथोज धाम के बालमुकुंदाचार्य महाराज, जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश सैनी, गोपाल जी का रास्ता व्यापार मंडल के हरीश केडिया सहित कई लोग उपस्थित रहें.

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बिल्डिंग बायलॉज का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग 

 

मेयर सौम्या ने बताया की प्री-बजट बैठक में सुझाव आया की कोचिंग संचालक स्वच्छता के लिए निगम के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. इसके लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किा जाएगा,​ जिसमें प्रथम और द्वितीय आने वालों को कोचिंग संस्थानों की ओर से इनाम दिया जाएगा. उद्योगों के प्रतिनिधियों का सुझाव है कि जयपुर में बिल्डिंग बायलॉज का सही तरके से पालन करवाया जाए जो इनका पालन नहीं करे, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

बैठक में आए अलग-अलग सुझाव

महिलाओं ने सुझाव दिया है कि कचरे का सेग्रीगेशन किया जाना चाहिए. विवि के छात्रों द्वारा ड्राइव चलाई जानी चाहिए ताकि आमजन को जागरूक किया जा सके. एक आर्गेनाइजेशन का सुझाव था कि बच्चों को नगर निगम ग्रेटर की योजनाएं. एप के बारे में सूचना दी जाए ताकि वे योजनाओं को आगे पहुंचाया जाए. हालांकि, बजट बैठक को लेकर संशय बना हुआ है कि बोर्ड बैठक बुलाकर बजट पारित किया जाएगा या फिर सरकार को बजट बनाकर सीधा भेजा जाएगा...क्योंकि विधानसभा सत्र होने के चलते विधायकों से अनुमति मिलने के बाद ही बोर्ड बैठक बुलाई जा सकती हैं.

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