Jaipur में पर्यटकों के लिए खुशखबरी, मिल सकती है जंगल सफारी की सौगात
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Jaipur में पर्यटकों के लिए खुशखबरी, मिल सकती है जंगल सफारी की सौगात

 राजधानी जयपुर में पर्यटकों के लिए जंगल सफारी की सौगात भी मिल सकती है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: राजधानी जयपुर में पर्यटकों के लिए जंगल सफारी (Jungle Safari) की सौगात भी मिल सकती है. वन विभाग गलता के जंगल को बतौर जंगल कोरिडोर विकसित करना शुरू कर दिया है, इससे राजधानी के वन अभयारण्य (forest sanctuary) क्षेत्र आपस में जुडेंगे. राजधानी में झालाना लेपर्ड जंगल सफारी (Jhalana Leopard Jungle Safari) के साथ अब गलता और नाहरगढ़ अभयारण्य (Nahargarh Sanctuary) का बीड पापड वन क्षेत्र सहित आमेर का वन क्षेत्र में वन्यजीवों का कुनबा बढ रहा है. ऐसे में वन विभाग ने पर्यटकों के लिए झालाना लेपर्ड सफारी के साथ जयपुर में गलता और नाहरगढ़ अभयारण्य के बीड का पापड में वन्यजीवों के संरक्षण पर कार्य कर रही है.

राजधानी के झालाना, गलता और नाहरगढ़ सहित आमेर का वन क्षेत्र में पैंथर सहित अन्य वन्यजीवों का कुनबा बढ़ रहा है, ऐसे में बढ़ती वन्यजीवों की संख्या जंगल छोटा होने से सिर दर्द बन रही है. माना कि वन विभाग की पेट्रोलिंग, मॉनिटरिंग भले ही बेहतर हो रही है लेकिन वन्यजीवों के लिए क्षेत्र छोटा हो रहा है. नए पैंथरों में क्षेत्र की लड़ाई भी देखी जा रही है, जिसके कारण कई पैंथर आपसी लड़ाई में लहुलुहान हो रहे तो पैंथर की मौत भी हो जाने का खतरा बढ़ जाता है. 

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जिसके कारण कई पैंथर आसपास जंगलों में क्षेत्र ढूंढ रहे हैं. इसको लेकर वन विभाग ने गलता जंगल और नाहरगढ अभयारण्य में जंगल सफारी को विकसित करना शुरू कर दिया है. गलता जंगल में ट्रेक का काम भी शुरू कर दिया है तो नाहरगढ़ बीड का पापड में ग्रासलैंड विकसित करने का काम चल रहा है.

वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक हॉफ डॉ.डीएन पाण्डेय ने बताया कि 16 वर्ग किमी में फैले गलता जंगल में 2 ट्रेक बनाए जा रहे हैं, जिसमें छोटे छोटे कुछ रूट भी बनाए जाएंगे. इसके अलावा वन्यजीवों के शिकार के लिए ग्रासलैंड विकसित होगा. 10 से ज्यादा वाटर पॉइंट, ट्यूबवैल, दीवार बनाने सहित वन्यजीवों के संरक्षण में कई कार्य होंगे. सब कुछ ठीक रहा तो वर्ष 2022 में गलता और नाहरगढ़ जंगल सफारी की सौगात हो मिलने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि यह सब विकसित होते ही जंगल कोरिडोर बन जाएगा यानी कह सकते है झालाना जंगल से गलता, नाहरगढ़, आमेर और अचरोल होते हुए सरिस्का तक पैंथर विचरण कर सकेगा. वन विभाग पैंथरों के संरखण पर तेजी से जंगल कोरिडोर विकसित कर रहा है.

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आने वाले समय में राजधानी जयपुर में पर्यटकों को 4 जंगल लेपर्ड सफारी मिलेगी. जयपुर के नाहरगढ जैविक उधान में लॉयन सफारी चल रही है, अब नाहरगढ़ और गलता को भी झालाना की इसी तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. तीन लेपर्ड और एक लॉयन सफारी सहित जयपुर शहर पहला ऐसा शहर होगा जहां 4 जंगल सफारी हो सकेगी.

1. 20 वर्ग किलोमीटर में फैले झाना के जंगल में - 43 पैंथर
2. 16 वर्ग किलोमीटर में फैले गलता के जंगल में - 15 पैंथर
3. 55 वर्ग किलोमीटर में फैले नाहरगढ जंगल में - 20 पैंथर से ज्यादा विचरण कर रहे.

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