एसीबी टीम के मुफ्त सफर को झटका, रोडवेज को पसंद नहीं आया सरकार का ये आदेश
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एसीबी टीम के मुफ्त सफर को झटका, रोडवेज को पसंद नहीं आया सरकार का ये आदेश

एसीबी टीम के रोडवेज में मुफ्त सफर के प्लान को रोडवेज प्रबंधन ने झटका दिया है. रोडवेज ने बढ़ते कर्ज को लेकर तर्क दिया कि मुफ्त सफर नहीं करा सकते हैं. हालांकि सरकार ने एसीबी कर्मियों को मुफ्त सफर की मंजूरी दे दी थी, लेकिन रोडवेज को यह आदेश पसंद नहीं और आदेश को निरस्त कर दिया.

फाइल फोटो

Jaipur: एसीबी टीम के रोडवेज में मुफ्त सफर के प्लान को रोडवेज प्रबंधन ने झटका दिया है. रोडवेज ने बढ़ते कर्ज को लेकर तर्क दिया कि मुफ्त सफर नहीं करा सकते हैं. हालांकि सरकार ने एसीबी कर्मियों को मुफ्त सफर की मंजूरी दे दी थी, लेकिन रोडवेज को यह आदेश पसंद नहीं और आदेश को निरस्त कर दिया.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 5 जून 2020 को समीक्षा के दौरान पुलिसकर्मियों के आवागमन के लिए रोडवेज बसों में स्थाई पास की योजना शुरू करने की घोषणा की. इस योजना के तहत 8 जनवरी 2021 को रोडवेज की द्रुतगामी बसों में कांस्टेबल से इंस्पेक्टर तक के कर्मियों को नि:शुल्क यात्रा सुविधा देने के सरकार से आदेश दिए गए. यात्रा के लिए 200 रुपए पुलिसकर्मियों के वेतन से काटने तथा 100 रुपए का अनुदान सरकार की ओर देने पर सहमति बनी.

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इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने पुलिसकर्मिंयों की तर्ज पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पुलिसकर्मियों को भी रोडवेज बसों में नि:शुल्क यात्रा सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भिजवाया गया. एसीबी ने 780 कार्मिकों के लिए रोडवेज के रियायती पास पर नि:शुल्क यात्रा की मांग की गई थी. गृह विभाग ने एसीबी कर्मियों के इस प्रस्ताव को वित्त विभाग को भेजा. मुख्यमंत्री की हरीझंडी के बाद एसीबी कर्मियों को रोडवेज में रियायती पास पर नि:शुल्क यात्रा की सुविधा के लिए वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी. इसके बाद गृह विभाग से जारी आदेश को रोडवेज ने निरस्त कर दिया.

- दरअसल वित्त विभाग की सहमति मिलने के बाद गृह विभाग ने 19 अप्रेल को एसीबी के कांस्टैबल से इंस्पेक्टर तक के कार्मिकों को रोडवेज बसों में यात्रा सुविधा देने का आदेश जारी किया.

- रोडवेज प्रबंधन ने गृह विभाग के आदेश को निरस्त कर प्रभाव शून्य घोषित कर दिया, 29 अप्रेल को इसकी सूचना गृह विभाग को दे दी.

- आदेश निरस्त करने के पीछे रोडवेज प्रबंधन ने यूनियन की ओर रोडवेज का घाटा बढ़ने का हवाला दिया.

- रोडवेज ने तर्क दिया कि घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है, यूनियन इस तरह फ्री पास देने के खिलाफ है.

- रोडवेज का किराया 2016 से नहीं बढ़ाया गया, वहीं डीजल की दरों में भारी बढ़ोत्तरी हो चुकी है.

- इतना ही नहीं रोडवेज प्रबंधन ने गृह विभाग के आदेश को आउट ऑफ ज्यूरिडीक्शन करार दिया.

- इसके साथ्र ही रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन एक्ट 1950 की धारा 19 और 22 का उल्लंघन की श्रेणी में माना.

- इसके बाद रोडवेज के महाप्रबंधक यातायात ने गृह विभाग के आदेश को जारी करने की तारीख से ही प्रभाव शून्य घोषित कर निरस्त कर दिया.

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