प्रदेश के अति पिछड़े ब्लॉकों में विकास को सरकार का नया प्लान, कलेक्टरों से मांगे नाम
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प्रदेश के अति पिछड़े ब्लॉकों में विकास को सरकार का नया प्लान, कलेक्टरों से मांगे नाम

सामाजिक और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ओर से जल्द नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. जिसमें प्रदेशभर के 99 ब्लॉकों में सभी पैरामीटर्स को ध्यान में रखकर डेवलपमेंट किया जाएगा. जो अन्य क्षेत्रों के लिए रोल मॉडल बनेंगे. 

प्रदेश के अति पिछड़े ब्लॉकों में विकास को सरकार का नया प्लान, कलेक्टरों से मांगे नाम

Jaipur: प्रदेशभर में सामाजिक और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार की ओर से जल्द नया कार्यक्रम शुरू किया जाएगा. जिसमें प्रदेशभर के 99 ब्लॉकों में सभी पैरामीटर्स को ध्यान में रखकर डेवलपमेंट किया जाएगा. जो अन्य क्षेत्रों के लिए रोल मॉडल बनेंगे. इसके लिए सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों से नाम मांग लिए हैं. आशांवित जिला कार्यक्रम की तर्ज पर अब प्रदेश के सभी जिलों में ऐसा कार्यक्रम चलाए जाने के लिए प्लान बनाया जा रहा है, जिससे प्रदेश के सभी ब्लॉक लेवल और जिला लेवल पर विषमताओं को समाप्त कर समन्वित और संधारणीय विकास अर्जित किया जा सके. इस कार्यक्रम का उद्देश्य अभिसरण, सहयोग और प्रतिस्पर्धा के माध्यम से कमजोर सामाजिक-आर्थिक संकेतकों से प्रभावित ब्लॉक के मानव विकास सूचकांक में समग्र सुधार लाना है.

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ये सूची ग्रामीण विकास को भेजी गई, अब नई सूची मंगाई गई है

अजमेर- जवाजा, मसूदा
अलवर- उमरैण, किशनगढ़बास, तिजारा
बांसवाड़ा- बागीदौरा, गांगडतलाई
बारां- किशनगंज व शाहाबाद
बाड़मेर- रामसर, सेडवा, गडरारोड
भरतपुर- रूपवास, वैर
भीलवाड़ा- आसींद, शाहपुरा
बीकानेर- नौखा
बूंदी- नैनवां
चितौड़गढ़- भैंसरोगढ़, बड़ीसादड़ी
चूरू- बीदासर
दौसा- महुआ
धौलपुर- बसेडी
डूंगरपुर- बिछिवाड़ा, चितरी, डूंगरपुर
हनुमानगढ़- टिब्बी
जयपुर- जमवारामगढ़, चितरी, डूंगरपुर
जयपुर- जमवारामगढ़, कोटपूतली, सांभर
जैसलमेर- सम
जालौर- जसवंतपुरा, आहोर
झालावाड़- डग व झालरापाटन
झुंझूनूं- बुहाना एवं सूरजगढ़
जोधपुर- देचू
करौली- मंडरायल
कोटा- खैराबाद
नागोर- नावां, खींवसर, नागौर
पाली- रानी स्टेशन व पाली
प्रतापगढ़- धरियावाद
राजसमंद- कुंभलगढ़, भीम
सवाईमाधोपुर- खंडार
सीकर- नीम का थाना, खंडेला
सिरोही- आबूरोड
श्रीगंगानगर- अनूपगढ़, घड़साना
टोंक- टोंक व देवली
उदयपुर- कोटड़ा, फलासिया, लसाडिया, सायरा

इससे पहले आशांवित जिला कार्यक्रम के तहत ग्रामीण विकास विभाग की ओर से 60 पिछड़े ब्लॉकों का चयन किया गया था. जिसमें ऐसे ब्लॉक भी शामिल कर लिए गए जो कम पिछड़े हैं. अब सरकार ने सभी कलेक्टरों से निर्धारित पैरामीटर को ध्यान में रखते हुए तीन तीन पिछले क्षेत्रों के नाम मांगे हैं, जिससे वहां नया कार्यक्रम शुभारंभ किया जा सके. जो अन्य क्षेत्रों के लिए रोल मॉडल निभाएगा.

Reporter- Bharat Choudhary

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