कांग्रेस के वार्ड 147 से पार्षद भरत मेघवाल के साथ उपायुक्त महेश मान द्वारा की गई बदसलूकी के खिलाफ दोनों ही पार्टी के पार्षदों ने निगम में धरना दिया.
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जयपुर: नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज में आपसी खींचतान जारी हैं. अमूमन भाजपा और कांग्रेस के पार्षद आपको आपस में उलझते हुए नजर आते होंगे. लेकिन मंगलवार को नगर निगम ग्रेटर में दोनों ही पार्टियों के पार्षद निगम प्रशासन के खिलाफ एकजुट नजर आए. कांग्रेस के वार्ड 147 से पार्षद भरत मेघवाल के साथ उपायुक्त महेश मान द्वारा की गई बदसलूकी के खिलाफ दोनों ही पार्टी के पार्षदों ने निगम में धरना दिया.
'उपायुक्त पर राज कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप'
दरअसल भरत मेघवाल प्लानिंग से संबंधित काम को लेकर उपायुक्त महेश मान के पास गए थे. मेघवाल का आरोप है कि उपायुक्त ने उनके साथ बदसलूकी की और उन्हें कमरे से बाहर निकलवा दिया. मेघवाल ने यह भी आरोप लगाया कि उपायुक्त ने उन पर राज कार्य में बाधा उत्पन्न करने का मुकदमा दर्ज कराने की धमकी भी दी.
शिप्रा शर्मा को सौंपा गया प्लानिंग का काम
कांग्रेस और भाजपा के पार्षद निगम मुख्यालय पर एकत्रित हो गए तो आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह देव ने सभी को बुलाकर मीटिंग हॉल में चर्चा की. पार्षदों की मांग के अनुसार महेश मान को प्लानिंग से हटाकर एनयूएलएम के उपायुक्त पद पर लगाने के आदेश जारी किए गए. साथ ही शिप्रा शर्मा को प्लानिंग का काम सौंपा गया.
कमिश्नर के इस आदेश से पार्षद खफा
कमिश्नर के इस आदेश से पार्षद खफा नजर आए. उन्होंने कहा कि जब तक उपायुक्त सामूहिक रूप से माफी नहीं मांगेंगे तब तक हम अपनी मांग पर अड़े रहेंगे. जब पार्षद नहीं मानें तो कमिश्नर वहां से उठकर चले गए. सुनवाई नहीं हुई तो कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के पार्षद नगर निगम के पोर्च में गणेश जी की मूर्ति के सामने धरने पर बैठ गए. इस दौरान पार्षद एकता जिंदाबाद के नारे लगाए गए. हालांकि पार्षदों में फूट भी नजर आई.