राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनते ही सबसे पहले किसानों की कर्ज माफी की, जिसमें राजस्थान के 14 हजार करोड़ का सहकारी बैंको का ऋण माफ किया लेकिन सरकार अब तक राष्ट्रीयकृत निजी बैंको के ऋण माफ नहीं कर पाई. जिस पर राजस्थान में कड़ाके की ठंड के बीच सियासी गलियारे में राजनीति की गर्माहट बढ़ गई.
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Jaipur: राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनते ही सबसे पहले किसानों की कर्ज माफी की, जिसमें राजस्थान के 14 हजार करोड़ का सहकारी बैंको का ऋण माफ किया लेकिन सरकार अब तक राष्ट्रीयकृत निजी बैंको के ऋण माफ नहीं कर पाई. जिस पर राजस्थान में कड़ाके की ठंड के बीच सियासी गलियारे में राजनीति की गर्माहट बढ़ गई.
राष्ट्रीयकृत बैंकों से किसानों द्वारा लिए गए कर्ज माफी को लेकर अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) सरकार ने तमाम बैंको को प्रस्ताव भी भेजा है. जिसमें किसानों के कर्ज का 90 फीसदी बैंक माफ करने और बाकी 10 फीसदी किसानों की तरफ से सरकार चुकाएगी. इसी तर्ज पर अन्य बैंक भी गरीब किसानों को राहत प्रदान कर सकते है. यदि राजस्थान सरकार का ये प्रस्ताव बैंक स्वीकार कर लेते हैं तो करीब 3 लाख किसानों को कर्जमाफी का फायदा मिल सकता है.
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सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का कहना है कि संपूर्ण कर्जमाफी की चर्चा चल रही है, हमने सहकारी बैंको का ऋण माफ कर चुके है. सीएम गहलोत ने राष्ट्रीयकृत बैंको की कर्जमाफी के लिए तीन बार पीएम मोदी (PM Modi) को पत्र लिख चुके है,राजस्थान से सभी 25 सांसद है लेकिन कभी ये मुद्दे पीएम के सामने नहीं उठाते. वाकई इन्हें किसानों की फिक्र है तो पीएम के सामने ये मुद्दा उठाए, ताकि राजस्थान सरकार भी अपना हिस्सा किसानों को दे सके.
राजस्थान में सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने किसानों सहकारी बैंक का पूरा कर्ज और राष्ट्रीयकृत बैंकों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ किए जाने का वादा किया था. इस वादे में सहकारी बैंकों का कर्ज माफ किया जा चुका है और राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्ज माफ किया जाना बाकी है. कांग्रेस सरकार (Congress Sarkar) ने 14 हजार करोड़ का सहकारी बैंकों का ऋण माफ किया, जिसमें 6 हजार करोड़ तो पिछली बीजेपी सरकार (BJP Sarkar) में लिए गए ऋण शामिल है.