राजस्थान में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन, नियम तोड़ने पर मिलेगी सजा
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राजस्थान में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन, नियम तोड़ने पर मिलेगी सजा

राजस्थान के पूरे प्रदेश में आज से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लग चुका है. अब ऐसे मामलों में पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी. 

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल

Jaipur: शुक्रवार 1 जुलाई से प्रदेशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णतया रोक शुरू लग चुकी है. राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने आमजन को जागरूक करने के लिए 66 लाख रुपए से अधिक का बजट भी जारी किया. उद्योग विभाग से मिली सूची के मुताबिक मंडल द्वारा कुल 1500 से अधिक फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया गया है. परकोटे समेत शहरभर में 500 से अधिक दुकानें हैं. बांस से बने उत्पादों और अन्य विकल्पों को काम में लेने पर मंडल जोर देगा. राजस्थान राज्य प्रदूषण नियत्रंण मंडल सदस्य सचिव उदय शंकर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए लोग भी जागरूक हों. फैक्ट्रियों को चिन्हित कर कई फैक्ट्रियों को बंद करवाया जा चुका है. एलएसजी को सीलिंग का पूरा अधिकार है.

ये है सजा का प्रावधान
राजस्थान में प्लास्टिक कैरीबैग के उपयोग पर 1 अगस्त, 2010 को पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के साथ ही पांच साल की सजा एवं एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान था. इसके बाद सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर स्थानीय नगर निकाय या निगम ने दिखावे के लिए कुछ दिन अभियान चलाकर नियमों को भूल गए. 

क्या है सिंगल-यूज प्लास्टिक
सिंगल यूज प्लास्टिक आमतौर पर ऐसी वस्तुएं होती हैं, जिन्हें केवल एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है और रीसाइक्लिंग प्रक्रिया के लिए नहीं जाता है. प्लास्टिक प्रदूषण में इनका बड़ा योगदान है. राज्य सरकार एक अभियान शुरू कर ऐसी वस्तुओं के निर्माण, वितरण, भंडारण और बिक्री से जुड़ी इकाइयों को बंद कराने की पहल करेंगी. प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी. इसके तहत जुर्माना, जेल की अवधि या दोनों शामिल हैं. प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं. प्रतिबंधित एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग की जांच के लिए विशेष प्रवर्तन दल गठित किए गए हैं. किसी भी प्रतिबंधित एसयूपी वस्तु की अंतर्राज्यीय आवाजाही को रोकने के लिए सीमा चौकियां स्थापित करने का भी आदेश दिया गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने लोगों की मदद लेने के लिए एक शिकायत निवारण एप भी शुरू किया है. एफएमसीजी क्षेत्र में पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इसे दिशानिर्देशों के अंतर्गत रखा जाएगा.

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इन वस्तुओं को किया गया है शामिल
एसयूपी वस्तुओं में ईयरबड, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक की छड़े, झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर और स्टिरर रैपिंग या पैकेजिंग शामिल हैं.

Reporter - Damodar Prasad

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