Jaipur News राजधानी जयपुर में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के पांच जनों की जिंदा जलकर मौत हो गई. यह दर्दनाक हादसा जयपुर के विश्वकर्मा इलाके में रोड नंबर 17 पर जैसल्या गांव में हुआ.
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Jaipur News राजधानी जयपुर में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के पांच जनों की जिंदा जलकर मौत हो गई. गैस सिलेंडर में रिसाव की वजह से लगी भीषण आग में पति–पत्नी और उनके तीन मासूम बच्चों की मौत हो गई. इनमें 15 महीने का एक बेटा, साढ़े 3 साल और 7 साल की दो बेटियां भी शामिल है.
यह दर्दनाक हादसा जयपुर के विश्वकर्मा इलाके में रोड नंबर 17 पर जैसल्या गांव में हुआ. यहां इंडस्ट्रियल इलाके में एक मकान में रहने वाला राजेश यादव मूल रुप से बिहार के मधुबनी जिले का रहने वाला था. परिवार का पेट पालने के लिए वह पांच महीने पहले जयपुर आया था. यहां वीकेआई इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री में मजदूरी करता था. कल रात ही राजेश अपने परिवार के साथ बिहार से जयपुर लौटा था और आज सुबह पूरा परिवार दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया. हादसे की सूचना पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप, डीसीपी वेस्ट अमित कुमार सहित अन्य अधिकारी पहुंचे. वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए FSL टीम को भी मौके पर बुलाया गया, टीम ने वहां से साक्ष्य जुटाए.
राजेश और उसकी पत्नी रुबी आज गुरुवार सवेरे 7:30 बजे गैस चूल्हा जलाकर खाना पकाने की तैयारी कर रहे थे. तभी गैस सिलेंडर में रिसाव हो गया और आग लग गई. चंद सैकंड में ही आग की लपटें गैस सिलेंडर भभकने से तेज होकर कमरे में फैल गई. इस बीच कमरे में मौजूद राजेश, उसकी पत्नी रुबी और तीनों बच्चे कमरे में ही फंस गए. राजेश एक बारगी बाहर भी आ गया. लेकिन बच्चों की जिंदगी बचाने के प्रयास में अंदर चला गया और फिर बाहर नहीं आ सका. इससे सभी की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई.
पड़ोस में रहने वाले कुछ लोगों ने आग लगने की सूचना पुलिस और दमकल विभाग को दी. सूचना पर पुलिस और दमकल की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. पुलिसकर्मी जब उस कमरे में घुसे जहां पर यह आगजनी हुई तो कमरे के अंदर का दृश्य देखा वह सिहर गए. कमरे के अंदर एक कोने में राजेश का जला हुआ शव पड़ा था तो वहीं दूसरे कोने में रूबी का जला हुआ शव और उसके आंचल में तीनों बच्चों के शव पाए गए. रूबी ने अपने तीनों बच्चों को अपने आंचल में इस उम्मीद के साथ छुपा लिया कि शायद उनका जीवन बच जाए लेकिन ऐसा नहीं हो सका. वहीं पुलिस जब मौके पर पहुंची तो मकान की पहली मंजिल पर भी कुछ लोग फंसे हुए मिले जिन्हें सकुशल बाहर निकाला गया.
पुलिस कर्मियों का यह कहना है कि अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाती तो यह दर्दनाक हादसा नहीं होता और पांच लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती. गैस लीकेज की बदबू आने पर यदि चूल्हा नहीं जलता जाता तो यह हादसा नहीं होता. साथ ही यदि कमरे में आग बुझाने का कोई छोटा यंत्र मौजूद होता तो भी हादसे को टाला जा सकता था. इस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी ट्वीट कर अपनी संवेदनाएं प्रकट की. हालांकि देखने की बात होगी कि मृतकों के परिवार के अन्य सदस्यों को सरकार की ओर से क्या सहायता मुहैया कराई जाती है.