Jaipur: BVG कंपनी के कर्मियों को 2 महीने से नहीं मिला भुगतान, थमे कचरा गाड़ियों के पहिये
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Jaipur: BVG कंपनी के कर्मियों को 2 महीने से नहीं मिला भुगतान, थमे कचरा गाड़ियों के पहिये

दोनों नगर निगम से कंपनी को दो महीने से कोई भुगतान नहीं हुआ है. इसके चलते कंपनी का करीब 290 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है. 

दोनों नगर निगम से कंपनी को दो महीने से कोई भुगतान नहीं हुआ है.

Jaipur: कोरोना संक्रमण काल (Corona Transition Period) में एक बार फिर शहर की सफाई व्यवस्था बेपटरी होने की वजह से गंदगी का अंबार राजधानी में नजर आने लगा है. 

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इससे पहले ही घरों से कचरा संग्रहण करने वाली बीवीजी कंपनी की कार्य पर पार्षदों से लेकर आमजन ने सवाल उठा रहे हैं. अब कंपनी दो महीने से वेतन नहीं मिलने के चलते 3 हजार से ज्यादा कर्मचारी और चालक हड़ताल पर चले गए हैं, जिसके कारण जयपुर शहर में कचरा उठाने वाली 560 गाड़ियों के पहिये थम गई है. 

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ज्यादातर हूपर कंपनी के हैं, ऐसे में सफाई व्यवस्था को मेंटेन रखने के दावे फिलहाल यहां दावे बनकर नजर आएंगे. कोरोना काल में हूपर समय से नहीं आने पर घरों से लेकर मुख्य मार्गों, सड़कों पर गंदगी के अंबार नजर आने लगा है. इसके बावजूद दोनों नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज में डोर टू डोर कचरा संग्रहण कर रही बीवीजी कंपनी पर सख्ती करने की बजाय हमेशा मेहरबानी नजर आई.

दोनों नगर निगमों ने नहीं किया भुगतान
जानकारी के मुताबिक, दोनों नगर निगम से कंपनी को दो महीने से कोई भुगतान नहीं हुआ है. इसके चलते कंपनी का करीब 290 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है. चालक और कर्मियों को दो महीने से वेतन नहीं दिया है. इससे नाराज कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. इससे पहले भी वेतन को लेकर कंपनी के कर्मचारी हड़ताल कर चुके हैं. इधर निगम के अधिकारियों के मुताबिक सफाई व्यवस्था को बिगडने नहीं दिया जाएगा. इसके लिए निगम के हूपर, डंपर को काम में लिया जाएगा. साथ ही कंपनी के प्रतिनिधियों से बातचीत कर कोई ना कोई हल निकाला जाएगा. ताकि लोगों को परेशानी न हो. 

क्या कहना है बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधियों का 
उधर बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि ग्रेटर—हेरिटेज महापौर के पास भुगतान के लिए फाइल भेजी गई थी, लेकिन फाइल बिना भुगतान के लौटा दी गई. ​महापौर से लेकर अ​न्य अधिकारी कंपनी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. यह गलत है. 290 करोड़ रुपये बकाया है, इनमें से पहले चरण में 50 प्रतिशत भुगतान भी मिलता तो कार्य बहिष्कार नहीं किया जाता. जयपुर में 3 हजार से ज्यादा कर्मचारी महज 6500 रुपये में काम कर रहे है, जिससे उनका घर चलाना मुश्किल हो रहा है. अब दो महीने से वेतन नहीं मिला. नगर निगम ग्रेटर में 332 और हेरिटेज में 230 हूपर के जरिए कचरा संग्रहण का कार्य निरंतर हो रहा है. जब तक भुगतान नहीं किया जाएगा, कर्मचारी काम पर नहीं लौटेंगे.

 

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