जयपुर नगर निगम ग्रेटर ने प्रदूषण को कम करने के लिए शुरू की ये पहल, चार्जिंग प्वाइंट लगाना जारी
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जयपुर नगर निगम ग्रेटर ने प्रदूषण को कम करने के लिए शुरू की ये पहल, चार्जिंग प्वाइंट लगाना जारी

Jaipur: जयपुर में बेकाबू हो रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए नगर निगम ग्रेटर नई पहल करने जा रहा है.अब आपके घर के द्वार बिना धुंआ छोड़ने वाला हूपर (कचरा संग्रहण करने वाला वाहन) हर रोज पहुंचने वाला है.इसकी शुरूआत मानसरोवर जोन से होगी.

 

जयपुर नगर निगम ग्रेटर ने प्रदूषण को कम करने के लिए शुरू की ये पहल, चार्जिंग प्वाइंट लगाना जारी

Jaipur: जयपुर में नगर निगम ग्रेटर अब मानसरोवर जोन में कचरा संग्रहण के लिए ग्रेट व्यवस्था करने जा रहा हैं.यदि सबकुछ ठीक रहा तो अगले माह से कचरा संग्रहण के लिए आने वाला हूपर शहर की आबोहवा का ध्यान रखेंगे.नगर निगम ग्रेटर प्रशासन अब पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने में जुटा हैं.अगले माह से बैटरी ऑपरेटेड वाहन घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करना शुरू कर देंगे.जयपुर में प्रदूषण कम करने के लिए निगम प्रशासन ने प्रयास शुरू किया है.

इसके लिए डीजल-पेट्रोल, सीएनजी वाले हूपर को बॉय-बॉय करते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों से डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए वार्डों में उतारा जाएगा.मानसरोवर जोन गैराज में इसके लिए 50 चार्जिंग प्वाइंट बनना शुरू हो गया हैं.इतना ही नहीं शहरवासियों के ई-व्हीकल को चार्ज करने के लिए चार अलग से पैड चार्जिंग प्वाइंट लगाए जा रहे हैं.नगर निगम ग्रेटर मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर ने बताया की शहर में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है.

इस कारण कचरा संग्रहण में उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रिक हूपर पर्यावरण संरक्षण के तौर पर बड़ा संदेश देंगे.वर्तमान में नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज क्षेत्र में सीएनजी या डीजल वाले हूपर से रोजाना कचरा संग्रहण के उपयोग में लिए जा रहे हैं.भविष्य में निगम इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाएगा.इससे प्रदूषण का स्तर भी कम होगा.

वर्तमान में कचरा संग्रहण के लिए लगे हूपर पर 40किलोमीटर की दूरी में करीब 4 लीटर डीजल खर्च होता है.इसकी लागत करीब 400 रुपए आती हैं.इलेक्ट्रिक हूपर पर 4 यूनिट बिजली खर्च होने पर 120 किलोमीटर में महज 250 रुपए का खर्च आएगा.उन्होने बताया की हूपर को पूरी तरह से चार्ज होने में लगभग चार घंटे का समय लगेगा.फिर यह हर चार्ज पर 120 किमी की दूरी तय कर सकता है.

उधर नगर निगम ग्रेटर के गैराज उपायुक्त अतुल शर्मा ने बताया की मानसरोवर जोन के करीब 21 वार्ड में अब ई-हूपर्स से कचरा संग्रहण की तैयारी चल रही है.इस जोन में 63 हूपर्स चलाए जाएंगे.यानि की हर वार्ड में तीन हूपरों के माध्यम से कचरा संग्रहण का काम होगा.इसके लिए नगर निगम प्रशासन फर्म को 1700 रूपए प्रति हूपर के हिसाब से प्रतिदिन का भुगतान करेगा.

यदि किसी दिन हूपर वार्ड में नहीं जाता है तो पेनल्टी का प्रावधान रखा गया हैं.मानसरोवर जोन कार्यालय में 54 चार्जिंग स्टेशन भी तैयार हो रहे हैं. प्रत्येक हूपर रोज 8 घंटे तक जोन क्षेत्र में कचरा संग्रहित करने का काम करेंगे.इस दौरान चार्जिंग स्टेशनों पर लोग अपने वाहनों को चार्ज कर सकेंगे.इसके लिए उन्हें निर्धारित शुल्क देना होगा.

इससे साथ ही प्रदेश में एक साथ इतने वाहनों को चार्ज करने वाला मानसरोवर जोन का गैराज पहला चार्जिंग स्टेशन भी बन जाएगा.रात के समय में यहां पर ही ई-हूपर्स को चार्ज किया जाएगा.प्रत्येक पॉइंट पर पावर-नॉर्मल चार्जिंग दोनों के ही पॉइंट एक साथ मिलेंगे.वर्तमान में चल रहे हूपर में 1200 किलो कचरा ले जाने की कैपेसिटी हैं लेकिन ई-हूपर एक बार में 600 किलो ही कचरा ले जा सकता है. 

600 किलो कचरा कम संग्रहित होने के कारण एक हूपर को प्रतिदिन 2 चक्कर अतिरिक्त लगाने होंगे.अब तक चार चक्करों में ही कचरा संग्रहित होने का काम किया जा रहा है.ई-हूपर को 6 चक्कर लगाने होंगे.शर्मा ने बताया की मानसरोवर जोन में निगम के 21 और किराए पर 19 तथा दूसरी पारी में 7 हूपर लगाए हुए है. वहीं, कचरा उठाने में प्रथम पारी में 4 यूनिट, जिसमें 1 एलएनटी, 3 जेसीबी, 6 डम्पर व 2 टीटी लगी हुई है, जबकि दूसरी पारी में 2 यूनिट में 2 जेसीबी और 2 डम्पर लगे हुए है, जो मानसरोवर जोन में कचरा उठा रहे हैं.

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