Jaipur news: जवाहर कला केन्द्र में आज से म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट वर्कशॉप की शुरुआत हुई. इसमें 16 वर्ष से अधिक आयु के 35 प्रतिभागियों ने आवेदन किया है. संगीतज्ञ पंडित कृष्ण मोहन भट्ट ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं बेहद जरूरी है. शास्त्रीय संगीत हमारी जड़ों से हमें जोड़े रखता है.
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Jaipur news: जवाहर कला केन्द्र में आज से म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट वर्कशॉप की शुरुआत हुई. इसमें 16 वर्ष से अधिक आयु के 35 प्रतिभागियों ने आवेदन किया है. संगीतज्ञ पंडित कृष्ण मोहन भट्ट ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं बेहद जरूरी है. शास्त्रीय संगीत हमारी जड़ों से हमें जोड़े रखता है. यह समय है सभी को अवगत कराने का कि हमारी पुरातन संगीत परंपरा कितनी समृद्ध है. हाल ही जाकिर हुसैन, राकेश चौरसिया, शंकर महादेवन समेत पांच भारतीयों को ग्रैमी अवॉर्ड से नवाजा गया है, यह भारतीय संगीत की ताकत है.
सितार को लेकर आमधारणा बन गई है
पंडित चंद्र मोहन भट्ट ने बताया कि यह बड़ा अवसर है. इतने वाद्य यंत्रों में से मुख्य सितार की व्यावहारिक शिक्षा के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है. सितार को लेकर आमधारणा बन गई है कि इसे बजाना बेहद कठिन है, लेकिन इसमें शास्त्रीय के साथ-साथ लोक संगीत, तंत्रकारी अंग, गायकी अंग का वादन किया जा सकता है. शास्त्रीय संगीत परंपरा से युवाओं को जोड़ने के लिए कार्यशाला बहुत कारगर है.
प्रतिभागियों की प्रस्तुति होगी
आठ दिवसीय कार्यशाला में दोनों हाथों का बैलेंस, ताल के अनुसार छंद निर्माण, अलग-अलग तालों में उपज अंग से तैयार धुनें, तराने-ठुमरी की बंदिशें आदि सिखाई जाएंगी. प्रतिभागियों की प्रस्तुति के साथ कार्यशाला का समापन होगा. उन्होंने बताया कि संगीत के छात्रों के अलावा कई अन्य पेशों से आने वाले प्रतिभागी भी अपनी रुचि के अनुरूप सितार वादन सीख रहे हैं.
करियर निर्माण तक गुरु की भूमिका
राजस्थान विश्वविद्यालय के संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. वंदन कल्ला भी इस दौरान मौजूद रहीं. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया पर हर जानकारी उपलब्ध है. लेकिन भारत में एक समृद्ध गुरु शिष्य परंपरा है. व्यक्तित्व निर्माण से लेकर करियर निर्माण तक गुरु की भूमिका अहम होती है.