जयपुर जिला न्यायालय महानगर प्रथम ने चाकसू नगर पालिका चेयरमैन के पद पर कमलेश बैरवा के चुनाव को रद्द कर दिया है. याचिका में कहा गया कि कमलेश बैरवा ने अपने निर्वाचन के समय यह तथ्य छिपाया था कि वह नगर पालिका का ही ठेकेदार है. नियमानुसार कमलेश बैरवा पार्षद और चेयरमैन पद के निर्वाचन के लिए योग्य ही नहीं था.
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Jaipur News: जिला न्यायालय महानगर प्रथम ने चाकसू नगर पालिका चेयरमैन के पद पर कमलेश बैरवा के चुनाव को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने बैरवा के बतौर वार्ड नंबर 33 से पार्षद के निर्वाचन को भी निरस्त कर दिया है. अदालत ने इन पदों पर नए सिरे से चुनाव कराने को कहा है. अदालत ने यह आदेश वार्ड नंबर 17 से पार्षद विनोद राजोरिया की चुनाव याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.
चुनाव याचिका में अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने अदालत को बताया कि कमलेश बैरवा नगर पालिका में ठेकेदार था. ठेकेदार के तौर पर काम करते हुए उसने वार्ड नंबर 33 से पार्षद पद का चुनाव लड़ा और उसमें विजयी हुआ. इसके बाद उसने याचिकाकर्ता को परास्त कर एक मत से नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव जीता. याचिका में कहा गया कि कमलेश बैरवा ने अपने निर्वाचन के समय यह तथ्य छिपाया था कि वह नगर पालिका का ही ठेकेदार है. नियमानुसार कमलेश बैरवा पार्षद और चेयरमैन पद के निर्वाचन के लिए योग्य ही नहीं था.
ऐसे में उसके निर्वाचन को निरस्त किया जाए. वहीं कमलेश बैरवा की ओर से कहा गया कि उसने निर्वाचन से पहले नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को प्रार्थना पत्र पेश कर अपना कॉन्ट्रेक्ट समाप्त करवा लिया था. ऐसे में वह चुनाव लड़ने के लिए पात्र हो गया था. इस पर याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि बैरवा ने बैक डेट में प्रार्थना पत्र दिया था और उस पर कोई तारीख भी नहीं थी. वहीं अधिशासी अधिकारी ने भी इस प्रार्थना पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की.
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याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में तय कर रखा है कि कॉन्ट्रैक्ट को सामान्य प्रार्थना पत्र पेश कर समाप्त नहीं कराया जा सकता है. कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कराने के लिए अलग से तय प्रक्रिया का पालना करना पड़ता है. दोनों पक्षों की बहस सुनकर अदालत में चुनाव याचिका स्वीकार करते हुए कमलेश बैरवा के निर्वाचन को रद्द कर दिया है.