क्या चुनावी साल में राजस्थान में होने जा रही है ED की एंट्री?
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क्या चुनावी साल में राजस्थान में होने जा रही है ED की एंट्री?

जयपुर न्यूज: क्या चुनावी साल में राजस्थान में होने जा रही है ED की एंट्री? ये सवाल इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है.चुनावी साल में कांग्रेस-बीजेपी ईडी पर भिड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं.

 

क्या चुनावी साल में राजस्थान में होने जा रही है ED की एंट्री?

Jaipur: नौतपा शुरू होने से पहले ही राजस्थान में राजनीतिक पारा बढ़ रहा है. चुनावी साल में प्रदेश के राजनीतिक तापमान को सुलगाने वाले बयानों की कड़ी में अब ईडी की भी एन्ट्री हो चुकी है. पिछले दिनों मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत से लेकर कांग्रेस के दूसरे नेता भी ईडी, सीबीआई और इन्कम टैक्स जैसी सेन्ट्रल ऐजेन्सीज़ की चुनावी राज्यों में एन्ट्री पर सवाल उठा चुके हैं. लेकिन चुनावी साल में राजस्थान में भी ई़डी की चर्चाएं होने लगी हैं.

पिछले दिनों योजना भवन में डीओआईटी के बेसमेन्ट से 2 करोड़ 31 लाख से ज्यादा की नगदी और एक किलोग्राम सोने की बार बरामद होने के बाद भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी ने राज्य सरकार को घेरा है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के साथ सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने डीओआईटी में मिली रकम के पूरे मामले की ईडी से जांच कराने की मांग की है. तो उधर सरकार के मन्त्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कह दिया है कि ईडी की जांच करानी है तो बीजेपी करा ले. खाचरियावास का कहना है कि बीजेपी ईडी, सीबीआई और इन्कम टैक्स सभी को लेकर आएगी. तो वही जांच भी करा ले. अब चुनावी साल में कांग्रेस-बीजेपी पर ईडी पर भिड़ते हुए दिख रहे हैं.  ऐसे में सवाल यह है कि क्या वाकई चुनावी साल में राजस्थान में ईडी की एन्ट्री होगी?

बचपन में स्कूली किताबों में एक कहानी हुआ करती थी. जिसमें एक गड़रिया भेड़िया आया भेड़िया आया का हल्ला करके लोगों को बुलाता है लेकिन एक बार जब सच में ही भेड़िया आ गया  तो गड़रिये के हल्ला मचाने के बाद भी कोई नहीं आया. कहीं ऐसा ही कुछ राजस्थान की राजनीति में तो नहीं होने वाला?

 कांग्रेस और बीजेपी ईडी के मुद्दे पर आपस में भिड़ी!

ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि चुनावी साल में प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां ईडी के मुद्दे पर आपस में भिड़ती हुई दिख रही हैं. अब तक केन्द्र सरकार पर ऐजेन्सियों के दुरूपयोग के आरोप लगाते हुए कांग्रेस के नेता निशाना साधते रहे हैं. खुद मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत से लेकर पीसीसी चीफ डोटासरा इस बात का अंदेशा जता चुके हैं कि चुनावी साल में राजस्थान में ईडी, सीबीआई, इन्कम टैक्स जैसी सेन्ट्रल ऐजेन्सीज़ की एन्ट्री हो सकती है.

कांग्रेस की इस आशंका के बाद अब बीजेपी ने भी ईडी की मांग उठा दी है. दरअसल पिछले दिनों डीओआईटी में नकदी और सोना मिलने के बाद बीजेपी ने सरकार पर घेरा कसना शुरू कर दिया है. सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने प्रेस कॉन्फ्रेन्स करके डीओआईटी के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में घपले के आरोप लगाए हैं. किरोड़ी ने डीओआईटी के मामलों की जांच ईडी से कराने की मांग करते हुए कहा कि मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत को इस मामले में ईडी की जांच के लिए पत्र लिखना चाहिए. किरोड़ी ने तो यहां तक कह दिया कि डीओआईटी में भ्रष्टाचार नहीं मिला तो वे राजनीति से ही संन्यास ले लेंगे.

 खाचरियावास ने बीजेपी को लिया आड़े हाथ 

उधर सरकार के मन्त्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने ईडी से जांच की मांग के सवाल पर बीजेपी को तल्ख अंदाज में जवाब दिया. खाचरियावास ने सवाल उठाते हुए कहा कि कोई सीएम के लिखने से ईडी आती है क्या? खाचरियावास ने तो बीजेपी को आड़े लेते हुए कहा कि ई़डी तो वैसे भी आएगी क्योंकि बीजेपी इन सबको लाएगी. मन्त्री ने कहा कि ईडी तो राजस्थान में आ चुकी है और जो करना वो चालू करो.

ईडी पर भिड़न्त के लिए दोनों पार्टियां तैयार दिख रही हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या वाकई प्रदेश में ईडी आएगी? सवाल यह कि क्या राज्य सरकार की सिफारिश के बिना ईडी आ सकती है और सवाल यह भी कि अगर ईडी आई तो क्या वाकई इससे चुनाव के प्रभावित होने की आशंका होगी?

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