राजस्थान में बसों में सफर करना असुरक्षित! परिवहन विभाग के अभियान में सामने आई तस्वीर
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राजस्थान में बसों में सफर करना असुरक्षित! परिवहन विभाग के अभियान में सामने आई तस्वीर

Jaipur News:प्रदेश में बसों का सफर कितना असुरक्षित है, इसकी तस्वीर तब सामने आ गई जब परिवहन विभाग ने 22 से 31 मई तक बसों की जांच का विशेष अभियान चलाया.

Rajasthan Transport Department

Jaipur News:प्रदेश में बसों का सफर कितना असुरक्षित है, इसकी तस्वीर तब सामने आ गई जब परिवहन विभाग ने 22 से 31 मई तक बसों की जांच का विशेष अभियान चलाया. अभियान के दौरान परिवहन विभाग को बसों के संचालन से जुड़ी दर्जनों अनियमितताएं पता चली. ऐसे में विभाग ने बड़े स्तर पर इन बसों पर कार्रवाई की है. 

परिवहन विभाग ने प्रदेश में 10 दिन के विशेष जांच अभियान में 18242 वाहनों पर कार्रवाई की है. दरअसल परिवहन विभाग को बड़ी संख्या में शिकायतें मिल रही थी कि दूसरे राज्यों में पंजीकृत बसों में नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. 

इसके अलावा बगैर नम्बर प्लेट या रूट परमिट का उल्लंघन कर चल रही बसों को लेकर भी शिकायतें मिली थी. परिवहन विभाग ने 22 मई से 31 मई तक इन सभी बसों की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया. 10 दिन के इस अभियान के जो आंकड़े सामने आए हैं, वे हैरत में डालने वाले हैं. 

दरअसल अभियान के दौरान परिवहन उड़नदस्तों को बड़ी संख्या में ऐसी बसें भी मिली हैं, जो बिना नम्बर प्लेट के ही सड़कों पर दौड़ रही थी. यानी इन बसों से यदि कोई हादसा हो जाता है तो आरोपी बस के ड्राइवर-कंडक्टर को पकड़ना भी संभव नहीं है. 

बहुत सारी बसों में अवैध रूप से सीटें बढ़ा ली गई थी, तो कुछ बसों में चैसिस को काटकर के डिक्की लगा दी गई थी. इसी तरह बसों की छतों पर सामान ढोने, परमिट नहीं होने, परमिट में दर्ज रूट से अन्यत्र स्थानों पर बसें चलाने के विभिन्न मामलों में कार्रवाई की गई है.

परिवहन विभाग को क्या मिला अभियान में ?
- 106 बसें बिना नम्बर प्लेट लगाए ही दौड़ रही थी सड़कों पर
- 327 वाहनाें की नम्बर प्लेट नहीं थी मानकों के अनुरूप
- एचएसआरपी लगाए बिना चल रही 161 बसों पर कार्रवाई
- 474 बसें बिना परमिट लिए ही हो रही थी संचालित
- वैध प्रोटोटाइप का उल्लंघन कर चल रही 2317 बसों पर कार्रवाई
- 33 बसों में तो चैसिस काटकर के बना ली माल ढोने की डिक्की
- 50 बस संचालकों ने आरसी में निर्धारित सीट से ज्यादा सीट बढ़ा ली
- यानी अनुमति यदि 50 सीट की थी, कई ने बढ़ाकर 60 सीट कर दी
- 6 बसें रोडवेज के समान रंग-रूप बनाकर हो रही थी संचालित
- 229 बसों के बिना वैध स्पीड गवर्नर लगाए संचालित होने पर चालान
- 1470 वाहनों के चालान रिफ्लेक्टर टेप नहीं लगा होने पर किए गए
- 1048 वाहन बगैर फिटनेस प्रमाण पत्र के हो रहे थे संचालित
- 449 वाहनों का परमिट शर्तों के उल्लंघन पर चालान किया गया
- 19 बसों पर बिना समय सारणी चलने पर कार्रवाई की गई
- अवैध रूप से पार्किंग में खड़े 55 वाहन
- बसों की छतों पर माल ढोने के 88 मामले पकड़े

परिवहन विभाग ने जब अभियान शुरू किया, तो सबसे बड़ी समस्या दूसरे राज्यों में पंजीकृत बसों के संचालन को लेकर थी. इसे लेकर परिवहन विभाग ने निर्देश दिए थे कि नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में पंजीकृत बसों की विशेष रूप से जांच की जाए. यदि इन बसों में गड़बड़ियां सामने आती हैं, तो इन पर मोटर व्हीकल एक्ट के अनुरूप कार्रवाई की जाए. अभियान के दौरान ऐसी बसों पर सख्ती बरती गई है.

अवैध रूप से संचालित दूसरे राज्यों की पंजीकृत बसें

- नागालैंड में पंजीकृत 75 बसों के चालान बनाए गए

- अरुणाचल प्रदेश में पंजीकृत 179 बसों के चालान किए

- मध्य प्रदेश में पंजीकृत 94 वाहनों के चालान

- अन्य राज्यों में पंजीकृत 169 वाहनों के चालान बनाए गए

- वहीं राजस्थान में पंजीकृत बसों में गड़बड़ियों के चलते 257 चालान

- 317 बसों में क्षमता से अधिक सवारियां बिठाने के चलते चालान

- इस तरह विभाग ने 10 दिन में 18242 वाहनों के चालान

- परिवहन विभाग को 6.91 करोड़ रुपए मिली जुर्माना राशि

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