Jaipur News:परिवहन आयुक्त के दौरे के बाद नहीं सुधरे हालात,खटारा गाड़ियों से हो रहा है ट्रायल
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Jaipur News:परिवहन आयुक्त के दौरे के बाद नहीं सुधरे हालात,खटारा गाड़ियों से हो रहा है ट्रायल

Jaipur News:परिवहन विभाग के दोहरे मानक देखे जा रहे हैं. एक तरफ परिवहन विभाग प्रदेशभर में वाहन चालकों को 1 अप्रैल 2019 से पुराने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.

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Jaipur News:परिवहन विभाग के दोहरे मानक देखे जा रहे हैं. एक तरफ परिवहन विभाग प्रदेशभर में वाहन चालकों को 1 अप्रैल 2019 से पुराने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, तो दूसरी तरफ परिवहन विभाग के कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस की ट्रायल खटारा गाड़ियों से हो रही है. इनमें किसी भी वाहन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगी हुई है.

25 अप्रैल को परिवहन विभाग की आयुक्त डॉ. मनीषा अरोड़ा ने जगतपुरा स्थित एआरटीओ कार्यालय का औचक निरीक्षण किया था. तब आयुक्त की मौजूदगी में ड्राइविंग ट्रायल को लेकर अनियमितताएं नहीं पाई गई थी. परिवहन आयुक्त के दौरे में ट्रायल देने वाले सभी खटारा श्रेणी के वाहनों को हटा दिया गया था,लेकिन महज 15 दिन में ही जगतपुरा एआरटीओ कार्यालय में वही गड़बड़ियां फिर से मिलने लगी हैं. 

दरअसल जगतपुरा परिवहन कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए जब आवेदकों की ड्राइविंग ट्रायल ली जाती है तो उसमें उपयोग किए जाने वाले वाहन खटारा श्रेणी के हैं. एक तरफ तो परिवहन विभाग सड़क दुर्घटनाएं कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. 1 अप्रैल 2019 से पुराने सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाने के लिए पाबंद किया जा रहा है. 

सभी पुराने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाने के लिए 30 जून 2024 अंतिम तिथि तय की गई है. वहीं ट्रायल देने वाले एक भी वाहन पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट नहीं लगी हुई है. एचएसआरपी तो दूर की बात है, कई वाहनों के तो पंजीयन और बीमा दस्तावेज ही नहीं हैं.

सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि किराए पर दी जाने वाली इन गाड़ियों में कई गाड़ियां तो आउटडेटेड हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन एक्सपायर हो चुका है. एक तो जर्जर गाड़ियां, ऊपर से आरसी एक्सपायर हो चुकी गाड़ियां, किराया मनमाना और विभाग की नाक के नीचे नियमों की अनदेखी, अपने आप में कई तरह के सवाल खड़े करती है. 

अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन जर्जर और आउटडेटेड गाड़ियों में अगर किसी का टेस्ट देते वक्त एक्सीडेंट हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा,क्योंकि कई गाड़ियों के तो बीमा भी नहीं हैं. बड़ी बात यह है कि परिवहन विभाग के आयुक्त के दौरे के महज 15 दिन बाद ही फिर से वही गड़बड़ियां लागू हो गई हैं, जिनके बंद होने का दावा परिवहन विभाग ने किया था.

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