Jaipur: बोले- अरुणा रॉय जवाबदेही कानून पारित नहीं होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा
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Jaipur: बोले- अरुणा रॉय जवाबदेही कानून पारित नहीं होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा

जवाबदेही कानून लागू करने को लेकर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना शनिवार को खत्म हो गया. हालांकि राज्य सरकार के कानून लागू नहीं करने पर होली के बाद आंदोलन को गांव-गांव ढाणी-ढाणी पहुंचाने का संकल्प लिया गया. 

अनिश्चितकालीन धरना शनिवार को खत्म.

Jaipur: जवाबदेही कानून लागू करने को लेकर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना शनिवार को खत्म हो गया. हालांकि राज्य सरकार के कानून लागू नहीं करने पर होली के बाद आंदोलन को गांव-गांव ढाणी-ढाणी पहुंचाने का संकल्प लिया गया. सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान राजस्थान द्वारा जवाबदेही कानून की मांग को लेकर शहीद स्मारक पर  चल रहे जवाबदेही धरने के 19वें दिन शनिवार को अवैध खनन, विस्थापन, शामलात से संबंधित आदि मुद्दों पर जन सुनवाई हुई. उसके बाद दोपहर में एक पैनल के सामने जिसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मदन बी लोकुर, एमनेस्टी इंटरनेशनल के प्रमुख सलिल शेट्टी, पूर्व आईएएस अधिकारी राजेंद्र भाणावत और सामाजिक कार्यकर्ता एवं मजदूर किसान शक्ति संगठन की संस्थापक अरुणा रॉय ने पैनलिस्ट के तौर पर भाग लिया.

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सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने  कहा कि सूचना के अधिकार का पहला मसौदा बनाने वालों में जस्टिस पीबी सावंत की अहम भूमिका रही. इसी तरह जस्टिस राजिंदर सच्चर और जस्टिस एपी शाह ने भी हमारे जनांदोलनों को समय-समय पर अपना समर्थन दिया है. हमें पूरी उम्मीद है कि जस्टिस लोकुर का यह समर्थन इस अभियान को ताक़त देगा. उन्होंने कहा कि पहले भी हमने जवाब देही यात्रा की और जवाबदेही कानून के लिए विभिन्न प्रकार से संघर्ष करते आ रहे हैं आगे भी जवाबदेही कानून पारित नहीं होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा. 

अवैध खनन विरोधी समिति से जुड़े राधेश्याम शुक्लवास ने कहा कि अवैध खनन की वजह से लोगों का जीना दूभर हो गया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक अच्छा आदेश पारित किया है. जिसकी वजह से कुछ 15 अवैध खनन की खानें बंद हुई हैं. संघर्ष और भी और वह जारी रहेगा. बारां जिले से आए मुरारीलाल और उनके साथियों ने बताया कि हमारे यहां पर बांध बनाया जा रहा है. जिससे 305 परिवारों को विस्थापित किया जा रहा है और उन्हें 30 किमी दूर जगह दी जा रही है. उन्हें पास में जगह दी जाए. 

 18 दिन में पेश किए गए सभी मामले किए पेश

इस पैनल के सामने पिछले 18 दिनों में विभिन्न मुद्दों पर जनसुनवाई हुई. उनमें से एक एक व्यक्ति ने मुद्दे प्रस्तुत किए जिनमें प्रमुख तौर पर सिलिकोसिस भवन और संनिर्माण कल्याण मंडल, बीओसीडब्ल्यू से संबंधित मामले, महात्मा गांधी नरेगा, मानवाधिकार से जुड़े मुद्दे, विसलब्लोअर से जुड़े मुद्दे व खाद्य सुरक्षा एवं कच्ची बस्तियों में रहने वाले घुमंतुओं के मुद्दे तथा सामाजिक सुरक्षा पेंशन, पालनहार आदि से संबंधित मुद्दों के साथ-साथ खनन, विस्थापन और शामलात के मुद्दे सामने रखे गए.
जस्टिस लोकुर ने कहा कि अक्सर जब लोगों के हकों का उल्लंघन होता है तो वे अदालत का रुख़ करते हैं. 

लेकिन देश के विभिन्न भागों और दूरदराज के गांवों, कस्बों के लोगों के लिए यह आसान नहीं होता. यह जवाबदेही कानून जनता के नज़दीक के प्रशासनिक ढांचे को उनके प्रति जवाबदेह बनाएगा. इस कानून की सबसे बड़ी खासियत यही है कि यह प्रशासन के सबसे निचले स्तर पर आ रही समस्याओं का निवारण कर लोगों को फायदा पहुंचाएगा. यह कानून किसी एक व्यक्ति या इलाके की नहीं बल्कि पूरे देश के करोड़ों लोगों को लाभ पहुंचाने की ताक़त रखता है. समय बद्ध शिकायत निवारण की प्रक्रिया इसकी एक अहम शक्ति है. उन्होंने कहा कि यह कानून केवल राजस्थान राज्य की जरूरत नहीं है पूरे देश की जरूरत है इसे तुरंत पास किया जाना चाहिए.

पूर्व आईएएस अधिकारी राजेंद्र भाणावत ने कहा कि वर्तमान सरकारी ढांचे में कार्मिक यदि लापरवाही करते हैं, तो जवाबदेही की कोई उचित व्यवस्था नहीं है जिससे कि उन्हें जवाबदेह बनाया जा सके उन्होंने कहा कि यदि जवाबदेही कानून आता है तो इससे दलाली और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी. एमनेस्टी इंटरनेशनल के पूर्व प्रमुख एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता सलिल शेट्टी ने कहा कि सरकारों की हाशिए के समुदायों की तरफ़ अक्सर कोई जवाबदेही नहीं होती.  लेकिन उन्होंने भरोसा जताया कि जवाबदेही के इस अहम कानून को कोई ताक़त नहीं रोक सकती और यह ज़रूर अस्तित्व में आएगा.

  हमारा आंदोलन जारी रहेगा

सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे ने कहा कि आज धरने का समापन हो रहा है. लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने प्रेस वार्ता में घोषणा की कि होली के बाद जितनी शिकायतें हमें प्राप्त हुई हैं. उन सब शिकायतों का पीछा करते हुए एक एक शिकायत पर सरकार से जवाब देही ली जाएगी. उसे उच्चतम स्तर तक ले जाया जाएगा. होली के बाद हमारी क्षेत्रीय यात्राएं शुरू होंगी. क्षेत्रीय यात्राओं के बाद अगले चरण में हम जवाब देही यात्रा वापस 21 जिलों में शुरू करेंगे.

Report-Vishnu Sharma

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