Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर असमंजस खत्म, छोटी काशी में सजा गोविंददेवजी का दरबार, मखमल और सिल्क के कपड़े पहन देंगे भक्तों को दर्शन
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Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर असमंजस खत्म, छोटी काशी में सजा गोविंददेवजी का दरबार, मखमल और सिल्क के कपड़े पहन देंगे भक्तों को दर्शन

 Janmashtami 2023:  श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर भी असमंजस बना हुआ है. विभिन्न योग-संयोगों में शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में गुरुवार को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. गोविंददेवजी मंदिर में हवाई गर्जनाओं के साथ गुरुवार को कान्हा प्रकटेंगे. छोटी नगरी 1000 से अधिक मंदिरों में महोत्सव मनाया जाएगा.

 

choti kashi jaipur

 Janmashtami 2023: छोटी काशी से लेकर मथुरा वृंदावन तक कान्हा के जन्मोत्सव की धूम मची है. जयपुर के जगतपुरा स्थित कृष्ण बलराम मंदिर में मखमल और सिल्क के कपड़े से मेहरून-हरे रंग की पोशाक में अपने इष्ट के दर्शन करेंगे. पोशाक को वृंदावन के 12 कारीगरों ने डेढ़ महीने में तैयार किया है. इसके अलावा मानसरोवर में श्रीलाई के श्रीकृष्ण दाऊजी इस्कॉन मंदिर, चित्रकूट के स्वामी नारायण अक्षरधाम मंदिर में भी जन्माभिषेक में लाखों लोग शामिल होंगे. इसी तरह चारदीवारी के अन्य मंदिरों पुरानी बस्ती के गोपीनाथजी, चौड़ा रास्ता के राधा दामोदर, सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज, चांदनी चौक आनंद कृष्ण बिहारी, बनीपार्क के राधा दामोदर मंदिर महोत्सव की धूम रहेगी. 

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सुबह मंगला आरती से उत्सव शुरू
श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा. सुबह मंगला आरती से उत्सव शुरू हो जाएगा और रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के साथ होने वाली महाआरती के साथ संपन्न होगा. इससे पूर्व 108 कलशों के नारियल पानी और पंचामृत से महा अभिषेक होगा. दर्शन के लिए दिन भर में लगभग 3 लाख से अधिक भक्तों के पहुंचने की संभावना है. हरे कृष्ण महामंत्र संकीर्तन के साथ नृत्य करते झूमते लाखों भक्त के सामने “नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की” गगनभेदी जयघोष के साथ भगवान श्री कृष्ण भव्यता से प्रकट होंगे. मंदिर के अध्यक्ष अमितासन दास ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्री कृष्ण बलराम मंदिर में मनाया जाने वाला वर्ष का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक उत्सव है.

वृंदावन से मंगाए गए विशेष प्रकार के चमकीले रेश्मी वस्त्र
 इस पर्व के आयोजन की महीनों से तैयारियां की जा रही है. उन्होंने बताया कि वृंदावन से मंगाए गए विशेष प्रकार के चमकीले रेश्मी वस्त्र आभूषणों से युक्त पोशाकों में नवरत्न और हीरो की जड़ाई चार चांद लगा देगी. जयपुर के विशेष जौहरियों द्वारा विदेश से मंगवाए गए नवरत्न और हीरे जयपुर में ही भगवान श्रीकृष्ण-बलराम जी की पोशाकों में जड़े गए हैं. प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी के प्रसिद्ध मंदिर में भगवान बालाजी को बड़ी माला महाहार पहनाया जाता है .तिरुपति की तर्ज पर जयपुर के श्री कृष्ण बलराम मंदिर लाकर भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर माला पहनाई जाएगी . जिससे भगवान की शोभा भगवान के दर्शन की भव्यता और बढ़ जाएगी .

फूलों से भगवान का श्रृंगार 
दिल्ली, बैंगलोर और कोलकाता से मंगवाई गई विशिष्ट रंग-बिरंगे फूलों से भगवान के श्रृंगार होंगे, नयनाभिराम दर्शनों में कृष्ण भक्तों की संकीर्तन करती एवं नृत्य करते श्रद्धालु उसका आनंद उठा सकेंगे . श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए कृष्ण बलराम मंदिर में सुबह से ही आरती और अभिषेक शुरू हो जाएंगे. पहली आरती मंगला आरती और अभिषेक मुख्य कृष्ण बलराम मंदिर में किया जाएगा. इस पहली भव्य आरती के बाद भगवान को सुबह 6:30 बजे एक सुसज्जित भव्य पालकी में विराजमान करके मंदिर के नए भवन के सुधर्मा हॉल के सुसज्जित और भव्य मंच पर ले जाया जाएगा. पालकी के आगे हरे कृष्ण महामंत्र का भव्य संकीर्तन करते नृत्य करते भक्त आकर्षण का केंद्र रहेंगे. 

 महाअभिषेक लाखों की उपस्थिति में
इसके अलावा अन्य दो अभिषेक दिन में होंगे. इसके बाद रात्रि 12:00 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय होने वाला महाअभिषेक लाखों की उपस्थिति में होगा. महा अभिषेकम में नारियल पानी,दिव्य जल, जड़ी बूटियां, पंचामृत, पंचगव्य एवं 108 कलशों के साथ होने वाला महा अभिषेक श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में चार चांद लगा देगा. जन्माष्टमी पर आने वाले लाखों भक्तों के दर्शन की सुविधा के लिए पांच स्थानों पर दर्शन की व्यवस्था की गई है . दिर में भगवान की आकर्षक नवरत्न पोशाक में दर्शन, तीन अलग-अलग झुलाने और सुधर्मा हॉल में होने जा रहे अभिषेक के समय भगवान श्रीकृष्ण ने दिव्य दर्शन भक्त कर सकेंगे . इसी तरह मानसरोवर, धौलाई स्थित गिरधारी बलदाऊजी इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी पर मंदिर में दर्शन सुबह 4:30 से ही शुरू होंगे. सुबह 10:30 से शाम को 4:00 बजे तक कीर्तन और अभिषेक होगा.

केशवधाम मायापुर और वृंदावन से बुलवाई स्पेशल टीम
4बजे के बाद अन्य कार्यक्रम शुरू होंगे. इनमें भगवान की लीलाओं पर आधारित अलग-अलग प्रकार के नृत्य संगीत और नाटिकाएं होंगी. इसके लिए विशेष रूप से केशवधाम मायापुर और वृंदावन से स्पेशल टीम बुलवाई गई है. ठाकुरजी को भोग लगे प्रसाद का बहुत बड़ा स्टॉल लगेगा, जिसमें करीबन 108 से ज्यादा व्यंजन होंगे कान्हा का सबसे प्रिय खेल मटका फोड़ भी भक्तों को देखने को मिलेगा. 700 किलो विभिन्न प्रकार के फूलों से कान्हा और दाऊजी का शृंगार होगा. इसमें अलग-अलग देशों से मंगाए गए फूल भी शामिल होंगे. दर्शनार्थियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए 300 से ज्यादा गार्ड और 500 वॉलंटियर्स सेवा देंगे.

1600 सुरक्षाकर्मी तैनात 
बहरहाल, मंदिर में दर्शनों की सुचारु व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन और मंदिर प्रशासन की ओर से माकूल व्यवस्था की गई है . सुरक्षा व्यवस्था में करीब 1600 सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे, जिनमें पुलिसकर्मी , एनसीसी कैडेट्स एवं मंदिर के एक हजार स्वयं सेवकों सहित पूरा लवाजमा होगा . सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग तीन पुलिस थानों की पुलिस करेगी . पुलिसकर्मी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे . सुरक्षा में 250 सीसीटीवी कैमरे एवं मेटल डिटेक्टर युक्त द्वार भी लगाए जाएंगे जिसमे से पूरी तरह सुरक्षा जांच के बाद ही श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंच सकेंगे .

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