Jawaharlal Nehru Jayanti 2022: देश के पहले पीएम पं.जवाहरलाल नेहरू का आज जन्मदिन है, आजादी के बाद नेहरू जी के सामने तमाम तरह कि चुनौतियां मुंह खोले खड़ी थी. देश में इलाज की सुविधा नहीं थी, खाने के लिए भोजन नहीं था, कुशल श्रम नहीं था, तकनीकी नहीं थी, विकास के लिए न विजन था न योजना. जो भी करना था खुद करना था.
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Jawaharlal Nehru Jayanti 2022: आज भारत के पहले पीएम पं.जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन है, पं. नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को प्रयागराज में हुआ था. इस मौके पर देश के तमाम लोग पं. नेहरू को अपने-अपने तरीके से याद कर रहे हैं, देशभर में कांग्रेस के कार्यकर्ता नेहरू की विरास्त के संवाहक होने पर गर्व महसूस कर रहे हैं, तो वहीं गांव के लोग आज भी राजस्थान के नागौर जिले से 2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज्य का शंखनाद करने वाले नेहरू पर नाज कर रहे हैं, गांव से लेकर दुनिया दारी तक की नेहरू जी कि पैनी समझ, ज्ञान-विज्ञान का बेहत संतुलन हि परांपरागत भारत को आधुनिक भारत में बदला है. इसीलिए कोई उन्हें भारत का शिल्पकार कहता है, तो आधुनिक भारत का निर्माता.
देश में सभी बड़े बदलाव नेहरू के नेतृत्व में ही हुए थे. शायद आज इसीलिए नेहरू के बिना भारत कि कल्पना न कोई दल कर सकता न व्यक्ति. इस खास मौके पर कोई कविताएं लिखकर नेहरू को याद कर रहा है, तो कोई दोहा, कोई किताबें तो कोई अपने भावना रूपी सुमन चढ़ाकर उन्हें नमन कर रहा है.
आज इस खास मौके पर पं. नेहरू ने जिन संस्थानों की नीव रखी, जिन्हें बनाया है, आज उन संस्थानों से हर दिन भारत बन रहा है, तो ये हैं कुछ खास संस्थान जिन से बन रहा है हमारा भारत.
आईटीआईः भारत में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन चलाए जाने वाले प्रशिक्षण संस्थान है, जिनमें प्रशिक्षुओं को तकनीकी कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसकी स्थापना 1950 में की गई थी. देश जब आजाद हुआ था तो कुशल कामगारों का आभाव था तो पंडित नेहरू ने आईटीआई की स्थापना की थी. क्योंकि देश का औद्योगिकीकरण करने में कुशल श्रम पहली आवश्यकता थी.
भेलः भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड भारत में सार्वजनिक क्षेत्र की इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है. बीएचईएल आज भारत में ऊर्जा संबंधी मूलभूत संरचना क्षेत्र में विशालतम इंजीनियरिंग व विनिर्माण उद्यम है.इसकी स्थापना 1964 में हुई थी.
एम्सः अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, भारत के सार्वजनिक आयुर्विज्ञान महाविद्यालयों का समूह है. इस समूह में नई दिल्ली स्थित भारत का सबसे पुराना उत्कृष्ट एम्स संस्थान है, इसकी आधारशिला 1953 में रखी गयी और इसका सृजन 1956 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से एक स्वायत्त संस्थान के रूप में किया गया. आजादी के बाद देश में चिकित्सीय सुविधाओं की बड़ी कमी थी, लोगों को निशुल्क और बेहतर इलाज मिले इस ध्येय से पं. नेहरू ने एम्स बनाया था.
सेलः भारतीय इस्पात प्राधिकरण भारत की सर्वाधिक इस्पात उत्पादन करने वाली कम्पनी है. यह पूर्णतः एकीकृत लोहे और इस्पात का सामान तैयार करती है. कम्पनी में घरेलू निर्माण, इंजीनियरी, बिजली, रेलवे, मोटरगाड़ी और सुरक्षा उद्योगों तथा निर्यात बाजार में बिक्री के लिए मूल तथा विशेष, दोनों तरह के इस्पात तैयार किए जाते हैं.
भेलः भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant (BSP)) भारत के छत्तीसगढ़ के भिलाई में स्थित इस्पात कारखाना है. यह भारत का पहला इस्पात उत्पादक संयंत्र है तथा मुख्यतः रेलों का उत्पादन करता है. इस संयंत्र की स्थापना सोवियत संघ की सहायता से १९५५ में हुई थी. इस कारखाने की स्थापना दूसरी पंचवर्षीय योजना (1956-61)के अंतर्गत की गई थी.
आईआईटीः भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भारत के 23 तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं. ये संस्थान भारत सरकार द्वारा स्थापित किये गये "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान" हैं. 2018 तक, सभी 23 आईआईटी में स्नातक कार्यक्रमों के लिए सीटों की कुल संख्या 11,279 है. इसकी स्थापना पं. जवाहर लाल नेहरू ने मई 1950 में की थी.
ओएनजीसीः तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम 23 जून 1993 से प्रारंभ हुई एक भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी है, इसे फॉर्च्यून ग्लोबल 500 द्वारा 335 वें स्थान पर रखा गया है. यह भारत में कच्चे तेल के कुल उत्पादन मे 77% और गैस के उत्पादन मे 81% का योगदान करती है. यह सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे अधिक लाभ अर्जित करने वाली कंपनी है.इसकी स्थापना 14 अक्टूबर 1956 को हुई थी.
प्लॉनिंग कॉमिशनः भारत का योजना आयोग, भारत सरकार की एक संस्था थी जिसका प्रमुख कार्य पंचवर्षीय योजनायें बनाना था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपने पहले स्वतंत्र दिवस के भाषण में यह कहा कि उनका इरादा योजना कमीशन को भंग करना है. 2014 में इस संस्था का नाम बदलकर नीति आयोग किया गया. जो भी हो विकास का एक खाका तैयार करने के लिए नेहरू जी ने प्लॉनिंग कॉमिशन की स्थापना की थी. ताकि देश के कुशल विकास की प्रभावी योजना बन सके.
डीआरडीओः रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों के लिये देश की अग्रणी संस्था है. यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक ईकाई के रूप में काम करता है. इस संस्थान की स्थापना १९५८ में भारतीय थल सेना एवं रक्षा विज्ञान संस्थान के तकनीकी विभाग के रूप में की गयी थी. रक्षा क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बनें, किसी दुश्मन देश की भारत कि तरफ आंख उठाने की हिम्मत न पड़े इसलिए पं. नेहरू ने DRDO की नीव रखी थी.
आईआईएमः भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आई आई एम) भारत के सर्वोत्तम प्रबंधन संस्थान हैं. प्रबन्धन की शिक्षा के अतिरिक्त ये अनुसंधान व सलाह (कांसल्टेंसी) का कार्य भी करते हैं. वर्तमान में २० भारतीय प्रबन्धन संस्थान हैं, जिनमें से ६ प्रमुख संस्थान बंगलुरू, अहमदाबाद, कोलकाता, लखनऊ, इन्दौर तथा कोझीकोड में स्थित हैं. ये प्रबन्धन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की उपाधि प्रदान करते हैं जो एम बी ए के समतुल्य है.
बादल ने बाल दिवस पर लिखे दोहे
नशा-मुक्ति अभियान को, ख़ूब किए नाकाम।
बाल-दिवस की धूम है, चाचा जी के नाम।।
लाल बहादुर मिट गए, वंशज उनके काठ।
चाचा जी कर के गए, सात पुश्त की ठाठ।।
जय हो चाचा चौधरी, जय तेरी हर चाल।
ऐसी चालें हो चले, वंशज मालामाल।।
धुआँ नहीं है आग बिन, कहते सारे लोग।
गोरी मेमों का लगा, चाचा जी को रोग।।
उलझाए कश्मीर तुम, किए देश बेडौल।
चाचा, बच्चों का अभी ख़ून रहा है खौल।।
खेले चाचा ने सदा, ऐसे-ऐसे खेल।
अपनी धरती हारकर, मिला न हमको ढेल।।
ग़लती पर ग़लती किए, चाचा जी हर बार।
फिर भी चमचे पूजते, मानें खेवनहार।
भोपाल के गजलकार, कवि मनीष बादल ने कुछ इस तरह पं. नेहरू को याद है..