पुलिस चौकी थानों के लिए जमीन आवंटन नीति जंजाल बनी, जानिए क्या है समस्या
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पुलिस चौकी थानों के लिए जमीन आवंटन नीति जंजाल बनी, जानिए क्या है समस्या

Land allotment policy for Police Stations: राज्य सरकार की सालों पुरानी भू आवंटन नीति पुलिस महकमे के लिए 'जी का जंजाल' बन रही है. पुराने नियमों के मुताबिक पुलिस चौकी, थानों के लिए दी जा रही जमीन छोटी पड़ने लगी है. इससे लॉ एंड ऑर्डर प्रभावित हो रहा है, न जनता को मदद मिल रही है, न पुलिसकर्मी ठीक ढंग से काम कर पा रहे हैं.

फाइल फोटो

Land allotment policy for Police Stations: राज्य सरकार की सालों पुरानी भू आवंटन नीति पुलिस महकमे के लिए 'जी का जंजाल' बन रही है. पुराने नियमों के मुताबिक पुलिस चौकी, थानों के लिए दी जा रही जमीन छोटी पड़ने लगी है. इससे लॉ एंड ऑर्डर प्रभावित हो रहा है, न जनता को मदद मिल रही है, न पुलिसकर्मी ठीक ढंग से काम कर पा रहे हैं. ऐसे में पुलिस अधिकारियों ने जमीन आवंटन नीति में बदलाव चाहते हैं. वहीं बढ़ती आबादी को देखते हुए अस्पताल, स्कूल आदि की तर्ज पर पुलिस चौकी, थानों के लिए कॉलोनी बसने के साथ ही जमीन का प्रावधान किए जाने की मांग करने लगे हैं.

प्रदेश (Rajasthan News) में सरकारी महकमों को भूमि आवंटन नीति 2015 बनाई हुई है. इसके तहत निगम, पालिका और ग्रामीण सीमा में पुलिस चौकी, थाने और कार्यालय के लिए जमीन का आवंटन की सीमा निर्धारित की हुई है. इसके अनुसार जमीन आवंटन कम पड़ रहा है, ऐसे में पुलिस महानिदेशक ने तीन एडीजी आरपीए निदेशक राजीव शर्मा, एडीजी आवासन ए पौन्नूचामी और एडीजी पुलिस कल्याण गोविंद गुप्ता की एक कमेटी बनाई गई. कमेटी ने पुलिस को जमीन की समस्या निराकरण के लिए समाधान दिए हैं.

- जमीन आवंटन नीति के अनुसार पीएचईडी को 1000 हजार वर्ग मीटर
- प्राथमिक-सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र 4000 वर्गमीटर
- उप स्वास्थ्य केंद्र भवन 5000 वर्ग मीटर पर
- पुलिस थाने के लिए 2000 वर्ग मीटर व पुलिस चौकी के लिए 500 वर्ग मीटर की शर्त है
- इससे अधिक जमीन आवंटन के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजने के लिए लिखा गया है
- कमेटी ने पुलिस चौकी, थाना, एएसपी, डीएसपी, एसपी कार्यालय, बटालियन मुख्यालय, ट्रेनिंग सेंटर के लिए जमीन आवंटन तय किया
- भविष्य की जरूरतों तथा वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर भूमि आवंटन तय किया गया है
- नगर निगम क्षेत्र में आवंटन में यह जमीन मांगी
- पुलिस चौकी 1000 वर्ग मीटर आवासीय भवन सहित
- पुलिस थाना दो हजार वर्गमीटर आवासीय भवन सहित- - डीएसपी-एएसपी कार्यालय पांच हजार वर्गमीटर
- पुलिस अधीक्षक कार्यालय के लिए 5500 वर्गमीटर
- रिजर्व पुलिस लाइन, बटालियन मुख्यालय ,पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के लिए 50 बीघा जमीन मांगी गई है
- नगर पालिका क्षेत्र में पुलिस चौकी 2000 वर्ग मीटर
- पुलिस थाना 5000 वर्ग मीटर
- ASP DSP कार्यालय 2000 वर्गमीटर
- एसपी कार्यालय के लिए 1000
- रिजर्व पुलिस लाइन बटालियन मुख्यालय प्रशिक्षण स्कूल के लिए 75 बीघा
- ग्रामीण क्षेत्रों में यह मांगा आवंटन
- पुलिस चौकी के लिए 2 बीघा
- पुलिस थाना के लिए 5 बीघा
- एएसपी और सीओ कार्यालय के लिए 2 बीघा
- एसी कार्यालय के लिए 5 बीघा
- रिजर्व पुलिस लाइन, बटालियन मुख्यालय, पुलिस ट्रेनिंग स्कूल ट्रॉनिग सेंटर के लिए 100 बीघा

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यह बताई समस्या
आला अफसरों ने बताया कि पुलिसकर्मियों के थाना-चौकी के आसपास आवासीय परिसर निर्माण करना जरूरी है, क्योंकि जरूरत पड़ने पर तुंरत हाजिर हो सके.
- वर्तमान में थाना परिसर में आवास होने से जब्तशुदा वाहन और अन्य माल आवासीय परिसर के सामने पड़े रहते हैं
- इनका बरसों तक निस्तारण नहीं होने से पुलिसकर्मी और परिवार परेशान होते रहते हैं
- शराब तस्करी, मादक पदार्थ तस्करी में जब्त वाहन भी परिसर के बाहर पड़े रहते हैं पुलिसकर्मियों के बच्चों पर मानसिक स्वास्थ्य पर नाकारात्मक असर पर पड़ रहा है
- कानून व्यवस्था बिगड़ने पर परिजनों की सुरक्षा का भी सवाल पैदा होता है

यह दिया कमेटी ने सुझाव -
कमेटी ने सुझाव दिया कि नगर निगम नगर विकास न्यास क्षेत्रों में नई कॉलोनियां विकसित करते समय सार्वजनिक संस्थाओं जैसे चिकित्सालय, स्कूल, पार्क और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के लिए उनको लोगों में जिस प्रकार से भूमि आरक्षित रखी जाती है उसी प्रकार पुलिस विभाग की सार्वजनिक सेवा संस्थान होने के कारण इन क्षेत्रों में पुलिस थाना चौकी यात्रा चौकी पुलिस सेवा केंद्र आदि के लिए आरक्षित रखी जानी चाहिए.

थानों का गठन का पूर्वानुमान रखा जाए
राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर नए थानों का सृजन पुलिस चौकियों को क्रमोन्नत कर किया जाता है। प्रदेश में कई थाने ऐसे हैं जहां थाना संचाल के लिए भवन ही उपलब्ध नहीं है. सरकार की ओर से उचित भूमि का आवंटन नहीं किया गया. अतः भूल पुलिस मुख्यालय समय-समय पर भाषण शाखा द्वारा प्राथमिकता के आधार पर अभियान चलाकर पुलिस थानों की पुलिस चौकी में करवाया जाना चाहिए.

पुलिस मुख्यालय की आवासन और पुलिस संगठन को आने वाले दस सालों की थाना चौकियों की सूचियां बनाकर जमीन आवंटन की मांग की जानी चाहिए. इसके अलावा जनसंख्या धनत्व वाले क्षेत्रों में जमीन आवंटन के प्रयास आवास और प्रशासनिक भवन के लिए अलग अलग किए जाने चाहिए.

इसी तरह विशेष प्रशिक्षण संस्थान जैसे साइबर क्राइम अकादमी, आर्थिक अपराध प्रशिक्षण संस्थान आदि के लिए भूमि आवंटन निर्धारित सीमा से कम किया जाए लेकिन सामान्य प्रशिक्षण संस्थान शहरी क्षेत्र के पास किए जाने चाहिए.

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