Rahul Gandhi : राहुल गांधी और सोनिया गांधी के बचाव में पूरी पार्टी एकजुट दिख रही है, ईडी से जारी समन के बाद कांग्रेस ने गूगल,ट्वीटर से लेकर सड़क तक हल्ला बोल दिया है. मामले पर सचिन पायलट भी मुखर हैं और नरेंद्र मोदी सरकार से जवाब मांग रहे हैं
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Rahul Gandhi : राहुल गांधी और सोनिया गांधी को नेशनल हेराल्ड केस में जारी हुए समन के बाद से कांग्रेस ने ट्वीटर पर नरेंद्र मोदी सरकार पर हल्ला बोल दिया है और सड़क पर भी प्रदर्शन कर शक्ति प्रदर्शन होना है. इस बीच सचिन पायलट ने ट्वीट कर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा. सचिन पायलट ने कहा कि- यह सोचना जरूरी है कि हम आखिर कब तक हिंदू-मुसलमान, जाति-धर्म और भाषा के आधार पर वोट देते रहेंगे, 8 साल हो गए हैं, अब सवाल पूछना जरूरी है, इस सरकार को महंगाई और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों पर जवाबदेह होना पड़ेगा.
सचिन पायलट ने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा हर जगह हस्तक्षेप किया जा रहा है. भाजपा द्वारा डरा-धमकाकर विपक्षी दलों पर दबाव बनाने की यह कोशिश पूरी तरह से नाकाम साबित होगी. जनता की अदालत सब देख रही है कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ बोल रहा है. पिछले 7-8 सालों में ऐसी कोई संस्था नहीं है, जिसका दुरुपयोग न किया गया हो. जब भाजपा सरकार के खिलाफ कोई भी राजनीतिक पार्टी अपनी आवाज बुलंद करती है, तब सरकार द्वारा इस प्रकार सरकारी तंत्र का दुरुपयोग देखने को मिलता है. पिछले 6-7 सालों में अगर किसी ने मोदी जी और उनकी सरकार को राजनीतिक चुनौती दी है तो वह राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी हैं. इस राजनीतिक द्वेष के लिए आज जिस तरह सरकारी तंत्र का दुरुपयोग हो रहा है, वह पूरा देश देख रहा है.
पिछले 6-7 सालों में अगर किसी ने मोदी जी और उनकी सरकार को राजनीतिक चुनौती दी है तो वह राहुल गांधी जी और प्रियंका गांधी जी हैं।
इस राजनीतिक द्वेष के लिए आज जिस तरह सरकारी तंत्र का दुरुपयोग हो रहा है, वह पूरा देश देख रहा है : श्री @SachinPilot#BJP_Vendetta_Exposed pic.twitter.com/Uyrtj8kFw0
— Congress (@INCIndia) June 12, 2022
इधर गूगल न्यूज शोकेस में भी यही राहुल गांधी और कांग्रेस प्रदर्शन की खबर छायी हुई है.
क्या है नेशनल हेराल्ड केस समझें ?
जवाहर लाल नेहरु समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने एजेएल( Associate Journal Limited ) नाम से 1938 में एक कम्पनी बनाई, जो नेशनल हेराल्ड नाम से एक अखबार प्रकाशित करती थी. चूंकि ये कंपनी अखबार प्रकाशित करती थी, इसलिए इसे कई शहरों में सस्ते दामों पर सरकारों से जमीनें दी.
आरोप ये है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक ऐसी कम्पनी बनाई, जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था. बल्कि वो इस कम्पनी के जरिए एजेएल को खरीदकर उसकी 2 हज़ार करोड़ रुपये की सम्पत्ति को अपने नाम करना चाहते थे. साल 2011 में ऐसा ही हुआ. उस समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कम्पनी यंग इंडिया लिमिटेड ने एजेएल को टेकओवर कर लिया. इस तरह केवल 50 लाख रुपये चुकाकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2 हजार करोड़ रुपये की संपति के मालिक बने.
जानकारी के मुताबिक एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड नेशनल हेराल्ड अखबार की मालिकाना कंपनी है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया. इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी रही. बाकी 24 फीसदी हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास रही. इसके बाद टीएजेएल के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर 'यंग इंडियन ' को दिया गया और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाने की बात कही गयी. 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को इस कंपनी के 99 फीसदी शेयर मिले. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ किया, यानी 'यंग इंडियन' को मुफ्त में टीएजेएल की ऑनरशिप मिल गयी.
दरअसल सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जे की नीयत से किया गया.
सोनिया गांधी और राहुल गांधी 7 साल से जमानत पर बाहर हैं
नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडिस के अलावा सुमन दूबे और सैम पित्रोदा को आरोपी बनाया गया था. इन आरोपियों में से मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस की साल 2020 और 2021 में मौत हो चुकी है. बाकी बचे सभी आरोपियों को दिसंबर 2015 में इस मामले में निचली अदालत से जमानत मिल गयी थी. साल 2014 में प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच की. 18 सितंबर 2015 से इन मामले में जांच जारी है.
इधर सोनिया गांधी, कोरोना के चलते बुधवार को ईडी के सामने पेश नहीं पायी थी. मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हमारे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ईडी से पेश होने के लिए 3 हफ्ते का समय मांगा है.
वहीं राहुल गांधी का आज ईडी के सामने पेशी है.
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