विकसित राजस्थान मिशन 2030 के लिए आए 3,500 से अधिक दिए सुझाव, 163 से अधिक हुई बैठकें
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विकसित राजस्थान मिशन 2030 के लिए आए 3,500 से अधिक दिए सुझाव, 163 से अधिक हुई बैठकें

सरकार के विकसित राजस्थान 2030 के प्लान का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए सभी विभागों ने इस पर चर्चाएं शुरू कर दी है.

विकसित राजस्थान मिशन 2030 के लिए आए 3,500 से अधिक दिए सुझाव, 163 से अधिक हुई बैठकें

Mission Rajasthan Developed 2030: सरकार के विकसित राजस्थान 2030 के प्लान का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के लिए सभी विभागों ने इस पर चर्चाएं शुरू कर दी है. राजस्थान के सभी जिलों में जिला कलक्टर्स के माध्यम से विभाग के हितधारक अधिकारियों, कर्मचारियों, युवाओं और विद्यार्थियों से परामर्श कर सुझाव कलेक्ट किए जा रहे हैं. इन सभी सुझावो को समाहित करने के बाद विजन दस्तावेज-2030 तैयार किया जा रहा है. जिसमें देश के भविष्य को बेहतर करने की दिशा में रोडमैप बनाकर और उसी आधार पर आगे बढ़ा जाएगा.

राजस्थान को हर क्षेत्र में देश का सिरमौर बनाने की दिशा में जिला स्तर से लेकर संभाग और विभागवार विभिन्न वर्गों से सुझाव लेकर विजन 2030' डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है. हमारा राजस्थान सात साल बाद कैसा हो इसे लेकर अभी से ही एडवांस प्लानिंग शुरू हो गई है. राजस्थान के सभी जिलों में जिला कलक्टर्स के माध्यम से विभाग के हितधारक अधिकारियों, कर्मचारियों, युवाओं और विद्यार्थियों से परामर्श कर सुझाव प्राप्त किये जा रहे हैं. जिनके आधार पर विजन दस्तावेज-2030 तैयार किया जाएगा. अब तक विभिन्न जिलों में अब तक कुल 163 से अधिक बैठकें हितधारक समूहों के साथ आयोजित की जा चुकी हैं. और 13 हजार 600 से अधिक प्रतिभागियों ने 3,500 से अधिक सुझाव दिये हैं. अब तक अधिकारियों, कर्मचारियों से प्राप्त सुझावों में मुख्यतः राजकीय कार्यालयों को पेपरलेस बनाना, विभागों में प्राप्त प्रकरणों को समय से निस्तारित करना, कार्मिकों के पदस्थापन में स्थायित्व लाना एवं बड़ी संख्या में प्रचलित सेवा नियमों की संख्या में कमी लाने के सुझाव शामिल हैं.

सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए इच्छुक युवाओं और विद्यार्थियों ने भर्तियों में लगने वाले समय को न्यूनतम करने, भर्तियों को समयबद्ध करवाने-भर्तियों में अधिक से अधिक सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग किये जाने के सुझाव दिये हैं. इतना ही नहीं कार्मिक विभाग ने राजस्थान मिशन-2030 की वेबसाईट पर सुझाव प्राप्त करने के लिए 260 आईएएस, 195 आईपीएस, 98 आईएफएस, 865 आरएएस और 480 सचिवालय सेवा अधिकारियों से भी सुझाव मांगे हैं. वहीं युवाओं से अधिक से अधिक संख्या में सुझाव प्राप्त करने के लिए 22 हजार से अधिक युवाओं को एसएमएस भेजकर उन्हें राजस्थान मिशन-2030 की वेबसाईट पर जाकर अपने उपयोगी सुझाव पोस्ट करने के लिए आग्रह किया गया है. आज इसी कडी में कार्मिक विभाग की ओर से विजन दस्तावेज-2030 को तैयार करने के लिए विभिन्न अधिकारी संगठनों, कर्मचारी महासंघों और सचिवालय अधिकारी और कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक कर सुझाव प्राप्त किये गए. कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव हेमन्त कुमार गेरा ने बताया कि राज्य सरकार के लिए अधिकारी, कर्मचारी प्रमुख हितधारक हैं और विभागीय विजन दस्तावेज-2030 तैयार करने के लिए उनके साथ परामर्श करके सुझाव प्राप्त किए गए हैं.

मुख्य सचिव उषा शर्मा भी विजन दस्तावेज-2030 को लेकर मिल रहे सुझावों को लेकर लगातार विभागों से फीडबैक ले रही हैं. विजन दस्तावेज-2030 तैयार करने के लिए रिटायर्ड अधिकारी से लेकर अलग अलग सेक्टर के स्टेक हॉर्ल्डर्स अपने सुझाव दे रहे हैं. सुझावों में कहा गया की सरकारी कार्यालयों में ई-फाइलिंग सिस्टम शुरू होने के साथ सरकार का हर कार्य अब ऑनलाइन होता जा रहा हैं. इसके लिए आईटी एक्सपर्ट कर्मचारियों की भर्ती करने के साथ वर्तमान में काम करने वाले कर्मचारियों को एक्सपर्ट बनाना होगा. ई-मित्र पर 500 से ज्यादा सेवाएं ऑनलाइन कर दी गई. ई-मित्रों पर मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस, ओबीसी सर्टीफिकेट बनवाने के लिए बडी संख्या में आवेदन होते हैं. आवेदन का निस्तारण समय पर हो इसके लिए तहसील, एसडीएम कार्यालय पर स्टाफ बढ़ाने की जरूरत है. संपर्क पोर्टल पर दी गई शिकायतों के बारे में संबंधित अधिकारी-कर्मचारी शिकायत को दूर किए बिना ही निस्तारण होना बता दिया जाता हैं. पर जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.

प्रशासनिक सुधार विभाग ने ई-फाइलिंग सिस्टम शुरू कर दिया, लेकिन कर्मचारी आईटी एक्सपर्ट ही नहीं है. इसके लिए प्राइवेट सेक्टर की तरह कर्मचारियों की हर 6 माह में ट्रेनिंग जरूरी है. सरकार द्वारा आमजन के लिए किए जा रहे कार्यो को निश्चित समय अवधि में करने की जिम्मेदारी अधिकारियों की होती हैं. समय पर कार्य नहीं होने पर अधिकारी की जिम्मेदारी तय करनी होगी. विजन दस्तावेज को तैयार करने के लिए 33 हजार 882 एनसीसी कैडेट, 73 हजार 500 एनएसएस के स्वयंसेवक, 18 लाख 57 हजार 298 स्काउट्स-गाइड्स और 20 हजार विद्यालय सहायक अपने भी लिए गए हैं. इसी तरह से 80 हजार ई-मित्र, 10 हजार जल उपयोगिता संगम सदस्य, 6 लाख 26 हजार 715 ग्राम और जल समिति सदस्य के साथ ही 35 लाख पैक्स सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव दिए हैं. गौरतलब हैं की सरकार का दावा है कि करीब एक करोड़ लोगों से मिले सुझाव के बाद प्रदेश के भविष्य को बेहतर करने की दिशा में रोडमैप बनाकर और उसी आधार पर आगे बढ़ा जाएगा.

बहरहाल,प्रदेश के लिए विजन-2030 दस्तावेज तैयार किये जाने की घोषणा मुख्यमंत्री गहलोत ने की थी. इसके लिए एक मुहिम चलाई जा रही हैं जिसमें एक करोड़ प्रदेशवासियों से सुझाव लिए जाएंगे. इन्हें समाहित कर राज्य सरकार मिशन 2030 का विजन डॉक्यूमेंट जारी करेगी. इससे प्रदेश की प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा और राजस्थान वर्ष 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बन सकेगा.

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