अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बना चुका तीर्थ नगरी पुष्कर का होली महोत्सव इस बार बिना किसी पाबंदियों के आयोजित होने जा रहा है. कोरोना संक्रमण के प्रभाव के चलते 2 साल से होली के रंग फीके थे. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के कमजोर पड़ने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय हवाई उड़ानें भी शुरू हो गई है. जिसके चलते पुष्कर होली में शामिल होने के लिए सात समुंदर पार से विदेशी पर्यटक पुष्कर पहुंच रहे हैं.
पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों में भी खुशी देखी जा रही है.होटल व्यवसायी विनोद ओझा बताते हैं कि शिवरात्रि से ही विदेशी पर्यटकों की आवक पुष्कर में बढ़ जाती है जो होली महोत्सव के समाप्त होने तक बनी रहती है.
10 मार्च को होलाष्टक प्रारंभ होने के साथ ही आयोजन स्थल पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच झंडा रोहण किया जाएगा. 12 मार्च से 17 मार्च तक राजस्थान के लोक नृत्य गैर के आयोजन किए जाएंगे. 18 मार्च को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रहलाद पूजन और होलिका दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. 19 मार्च को डीजे की धुन पर गुलाल अबीर और फूलों से होली खेली जाएगी.
18 मार्च को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रहलाद पूजन और होलिका दहन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. 19 मार्च को डीजे की धुन पर गुलाल अबीर और फूलों से होली खेली जाएगी.
इस बार होली महोत्सव का कार्यक्रम बीते आयोजनों से ज्यादा दिनों तक चलेगा. कार्यक्रम 7 मार्च से 11 मार्च तक चलेगा जिसमें देश भर से आए कलाकारों के साथ पुष्कर कस्बे के कलाकार संगीतमय में प्रस्तुतियां देंगे.
इस बार पुष्कर होली महोत्सव के आयोजन के चलते एक बार फिर पुष्कर के व्यवसायियों और पर्यटकों के चेहरों पर मुस्कान झलकने लगी है.
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