Jaipur: इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू हो रहा है. पितृ पक्ष में लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनके नाम पर उनकी मृत्यु तिथि पर श्राद्ध करते हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक, पितृ पक्ष पितरों को पिंड दान करने के लिए समर्पित होता है.
इस दौरान कोई शुभ कार्य जैसे- शादी, मुंडन, गृह प्रवेश और घर के लिए नए सामान की खरीदारी नहीं की जाती है. पितृ पक्ष में किये गए कुछ ऐसे उपाय हैं, जो पितृदोष से मुक्ति दिलाते हैं.
इस साल पित-पक्ष 10 सितंबर 2022 से शुरू हो रहा है. पितृ विसर्जन 25 सितंबर को किया जाएगा. पितृपक्ष के इन 15 दिनों में पितरों की पूजा, तर्पण और पिंडदान किया जाता है. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है तथा पितरदेव प्रसन्न होते हैं.
सर्व पितृ अमावस्या के दिन जल में काले तिल, सफेद चंदन, सफेद फूल पीपल की जड़ में चढ़ाएं. पेड़ के पास शुद्ध देसी घी का दीपक जलाते हुए ‘ॐ सर्व पितृ देवाय नम:’ मंत्र का जाप करें.
घर की दक्षिण दिशा की दीवार में पितरों की फोटो लगाकर उनपर फूलों की माला चढ़ाएं. इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है. पितरों की मृत्यु तिथि पर जरूरतमंद और गुणी ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा देना चाहिए.
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान का विशेष महत्व बताया गया है. धार्मिक मान्यता है कि हर मनुष्य का जन्म पिंडज योनि के तहत होता है. पिंड का रूप में ही उसका तर्पण भी किया जाता है. अगर पूर्वजों की मृत्यु के बारे में जानकारी नहीं हैं, तो अमावस्या के दिन श्राद्ध कर सकते हैंय
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