राजस्थान के कई जिलों में पिछले तीन से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं.
बीकानेर में भी हालात में सुधार नहीं है. भारी बारिश ने नेशनल हाइवे 62 तक को पानी में डूबो दिया. बाजार में करीब 3 से 4 फुट पानी भरने से दुकानें डूबी हुईं हैं. कमर से ऊपर तक पानी भरने के चलते लोग कहीं भी आना जाना नहीं हो पा रहा है. जिनका घर निचले इलाके में है उनका हाल तो और भी बुरा है.
धौलपुर में आंगई डैम से पानी छोड़े जाने के बाद से पार्वती नदी उफान पर है. कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. फसलें तो बर्बाद हो ही गईं हैं, घरों को बचाना मुश्किल हो रहा है. परिवारों को सरकारी स्कूल पर शिफ्ट कराया जा रहा है.
धौलपुर जिले में ही पार्वती के साथ साथ चंबल नदी का भी डबल अटैक पड़ रहा है. कोटा बैराज और कालीसिंध बांध से से भी चंबल नदी में पानी छोड़ा गया है. इससे चंबल नदी खतरे के निशान से करीब 2 मीटर ऊपर बह रही है और आस पास के गांवों पर अपना रौद्र रूप दिखा रही है.
बाढ़ में सबसे अधिक परेशानी गांवों में बीमार लोगों के इलाज को लेकर हो रही है. गर्भवती महिला को परेशानी होने पर नदी पार कराते यह तस्वीर है कोटा जिले की है.
वहीं, मलारना डूंगर में बनास नदी उफान पर है. भारी बारिश की चेतावनी के बाद प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर आने की अपील कर रहा है. भारी बारिश के चलते कई जगह कच्चे मकान गिर गए हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़