भारत रत्न लता मंगेशकर ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया. फ़िल्मी दुनिया को एक से बढ़कर एक हिट गीत देने वाली लता जी ने 30 से ज्यादा भाषाओं में फिल्मी और गैर फिल्मी गाने गाए और सुरों का जादू बिखेरा
लता जी ने एक इंटरव्यू में बताया कि मैंने जब प्लेबैक सिंगर के तौर पर गाना शुरू किया था तब इतना काम रहता था कि मैं कुछ और करने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी, मै सुबह-सुबह करीब 8:30 पर रिकॉर्डिंग के लिए ट्रेन से जाती और रात को देर से आती थी मैंने कई जगह अकेले सफ़र किया हुआ है.
लता जी अपनी आवाज़ को सुरीला रखने के लिए काली मिर्च का सेवन किया करती थी. हमेशा नंगे पैर गाने गाती थी लता मंगेशकर, 30 हजार से ज्यादा गाने गाये. बताते हैं कि मोहम्मद रफ़ी से रॉयल्टी को लेकर लता मंगेशकर का मतभेद हो गया था वही किसी आपसी मतभेद के कारण एस.डी. बर्मन के साथ सात साल तक काम नहीं किया था
बताया जाता है कि एक अमेरिकन कंपनी ने लता जी का गला खरीद लिया है. वे लता जी की मौत के बाद उनके गले की जांच करेंगे और पता लगायेंगे की उनकी आवाज़ इतनी मधुर और सुरीली किस वजह से है.
लता जी का जब जन्म हुआ था तब उनका नाम हेमा रखा गया. बाद में उनका नाम उनके पिता के नाटक भाव बंधन के एक पात्र लतिका को देख कर लता रख दिया. लता मंगेशकर ने अपनी पहली पब्लिक परफॉरमेंस 1938 को शोलापुर के नूतन थिएटर में दी थी. लता ने राग खंबावती और 2 मराठी गीत गाए थे.
लता जी ने 5 साल की उम्र में ही अभिनय और गायन की शुरुआत की थी. अपने पिता के संगीत नाटक में लता ने एक छोटी बच्ची का किरदार निभाया था. लता जी ने अपना डेब्यू मराठी फिल्म किती हसाल (मराठी फिल्म) में गा कर किया था. गाने का नाम था नाचू या गाणे, खेलु साड़ी में हॉट भारी.
लता जी का जन्म 28 सितम्बर 1929 को इंदौर में एक मराठी परिवार में हुआ था. लता जी के पिता ने अपना सरनेम हर्डीकर से हटा कर मंगेशकर कर लिया था. उनके पिता चाहते थे कि लोग उन्हें उनके जन्म स्थान से पहचाने. उनके गाँव का नाम मंगेशी था.
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