मोदी के मन की बात एक तरफा, किसी की नहीं सुनते हैं, राहुल गांधी सबकी सुनते - नटराजन
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मोदी के मन की बात एक तरफा, किसी की नहीं सुनते हैं, राहुल गांधी सबकी सुनते - नटराजन

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संगठन की संवाद कार्यशाला को सम्बोधित करने जयपुर आई पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराज ने कहा कि पीएम मोदी की मन की बात का कार्यक्रम एक तरफा है. मोदी ने किसान के मन की बात नहीं सुनीं. किसान सालभर आंदोलन करते रहे, सर्दी, गर्मी, बरसते पानी और ठिठुरती ठंड में किसान बैठे रहे, लेकिन मोदी ने नहीं सुनी. 

मोदी के मन की बात एक तरफा, किसी की नहीं सुनते हैं, राहुल गांधी सबकी सुनते  - नटराजन

 Meenakshi NatarajanJaipur News: राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष और कांग्रेस की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने पीएम नरेंद्र मोदी की मन की बात को एक तरफ कार्यक्रम करार दिया है. नटराज ने आरोप लगाया कि मोदी किसी की नहीं सुनते, सिर्फ अपनी मन की बात सुनते हैं. वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी सबकी बात सुनते हैं.

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संगठन की संवाद कार्यशाला को सम्बोधित करने जयपुर आई पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराज ने कहा कि पीएम मोदी की मन की बात का कार्यक्रम एक तरफा है. मोदी ने किसान के मन की बात नहीं सुनीं. किसान सालभर आंदोलन करते रहे, सर्दी, गर्मी, बरसते पानी और ठिठुरती ठंड में किसान बैठे रहे, लेकिन मोदी ने नहीं सुनी. मोदी ने महिलाओं के मन की बात भी नहीं सुनी. अभी महिला पहचान धरना दे रही हैं, लेकिन मोदी उनकी पीड़ा नहीं सुन रहे हैं.

सीए-एनआरसी को लेकर सड़कों पर निकली असंख्य महिलाओं की भी पीएम मोदी ने नहीं सुनी थी. कोरोना काल में ऑक्सीजन के लिए हजारों मील पैदल चले लोग, उनके मन की बात नहीं सुनी गई. मीनाक्षी ने कहा कि पीएम मोदी के मन में क्या है, जिसकी बात वाे जरूर करते हैं. नक्सली हमले में शहीद के परिवारों की नहीं सुनी मन की बात. आप और हम जानते हैं कि पीएम के मन की असल बात क्या है.

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पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन ने कहा, असल मन की बात राहुल गांधी करते हैं. भारत जोड़ो यात्रा में जहां कहीं भी गए वहां राहुल गांधी ने लोगों के मन की बात सुनीं. राहुल गांधी जहां भी गए वहां लोगों की समस्याओं से रूबरू हुए और उनके निराकरण की बात भी कही. राहुल जहां कहीं पर पर भी नफरत, ध्रुवीकरण देखते हैं, डर देखते हैं उसके खिलाफ आवाज उठात हैं. वो कहते हैं उसको सहन करना उचित नहीं है. समाज को भी इनके खिलाफ जागरूक बनाना है और भारत जोड़ो यात्रा इसके लिए बड़ा अभियान था.

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