Jaipur news: बीजेपी ने सचिवालय के घेराव के लिए प्रदर्शन किया लेकिन इस दौरान पुलिस ने उन पर गंदा पानी छोड़ा. BJP के ऐतराज के बाद पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि जैसे लोग आए थे, वैसा पानी छोड़ा गया.
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Jaipur: भारतीय जनता पार्टी ने सचिवालय का घेराव करने की कोशिश में बैरिकेड्स तो तोड़ दिए, लेकिन सचिवालय की तरफ़ बढ़ते बीजेपी के कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए पुलिस ने भी पूरी तैयारी कर रखी थी. बीजेपी के प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने वाटर कैनन से बौछार करते हुए पानी की धार को हथियार बनाया. इस बौछार की चपेट में कई लोग आए.
यूं तो गर्मी में पानी की बौछार राहत देने वाली होती है, लेकिन बीजपी कार्यकर्ताओं ने इस बौछार पर नाराजगी जताई. दरअसल पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना था कि पुलिस ने गंदे पानी की वाटर कैनन चलाई. कुछ कार्यकर्ता इसे गंदा पानी बताते रहे तो कुछ ने इसे नाले का पानी बताया और कुछ ने सीवर का ट्रीटमेन्ट किया हुआ पानी बताया. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस बात की शिकायत बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से भी की.
प्रशासन को कहा था ऐसा पीनी छोड़ना- डोटासरा
उधर इस मुद्दे पर जब पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा की प्रतिक्रिया पूछी गई तो उन्होंने कहा कि, 'जैसे लोग, वैसा पानी'. डोटासरा ने कहा कि हमने तो प्रशासन को कहा था कि जैसे लोग आएं, वैसा पानी छोड़ देना. अब प्रशासन से पूछेंगे कि कैसे लोगों के लिए कैसा पानी छोड़ा? डोटासरा बोले कि हमें तो यह उम्मीद थी कि अच्छे लोग आएंगे और अच्छा पानी छोड़ेंगे.
बीजेपी कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए चलाया पानी
बीजेपी के प्रदर्शन को खदेड़ने के लिए पुलिस ने पानी चलाया. लेकिन पानी गंदा होने के आरोप आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति में एक नई बहस छेड़ सकता है. सवाल यह कि क्या पुलिस को प्रदर्शन के दौरान गंदा पानी चलाने का अधिकार है? सवाल यह कि क्या यह मानवाधिकारों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है? और सवाल यह भी कि अगर इस गंदे पानी से कोई बीमार होता है, तो उसका ज़िम्मेदार कौन?
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