मधुर गीतों पर तालियों की गरगराहट से गूंजा प्रताप सभागार, गायकों ने सुरीली आवाजों से बांधा समां
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मधुर गीतों पर तालियों की गरगराहट से गूंजा प्रताप सभागार, गायकों ने सुरीली आवाजों से बांधा समां

शहर के संगीत प्रेमियों के लिए एक हसीन यादगार बन गई, जब स्वर साधना परिवार के गायकों द्वारा गाए हुए मधुर गीतों से प्रताप सभागार गूंज उठा.

मधुर गीतों पर तालियों की गरगराहट से गूंजा प्रताप सभागार, गायकों ने सुरीली आवाजों से बांधा समां

जयपुर: शहर के संगीत प्रेमियों के लिए एक हसीन यादगार बन गई, जब स्वर साधना परिवार के गायकों द्वारा गाए हुए मधुर गीतों से प्रताप सभागार गूंज उठा. स्वर साधना परिवार द्वारा लगातार 4 साल के सफल संगीतमय सफर पूर्ण करने के उपलक्ष्य में इसकी चौथी वर्षगांठ पर संजोई गई.  इस संगीत संध्या में 60-90 के दशक के गीत प्रस्तुत किए गए. गायक पूनम शर्मा ने अपनी मधुर आवाज में कैलाश खेर के गाए गीत चैक पुराओ माटी रंगाओ से कार्यक्रम का आगाज किया तो पूरा सभागार तालियों से गूँज उठा.

इसके बाद गीतों का सिलसिला 3 घंटे तक चला और श्रोता मंत्रमुग्ध हो गीतों का आनंद लेते रहे. नरेन्द्र सिंह मेहता, के के ठाकोर, रजनी ठाकोर, कैलाश सोलंकी, जे पी रामावत, मनीष बत्ता और धर्मेन्द्र उपाध्याय के गाये मधुर गीतों ने कार्यक्रम को और परवान चढ़ाया. डॉ संकल्प कुलश्रेष्ठ के हम काले हैं तो, समीर सेन के तेरे नाम का दीवाना की अलहदा गायिकी ने श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी. सुधीर शर्मा और डॉ वेंकटेश के गाये गीतों ने फिजां में अलग ही रंग बिखेर दिया और श्रोताओं ने भी भरपूर लुत्फ उठाया.

गायकों ने बिखेरा आवाज का जादू

कार्यक्रम के अंत में सुरेन्द्र माथुर के गीत ओ मेरी मेहबूबा और अतुल माथुर के गाये गीत तुझे देखा तो ये जाना सनम ने भी श्रोताओं की वाहवाही बटोरी. इतना ही नहीं, स्वर साधना की गायिकाओं ने भी कार्यक्रम में चार चाँद लयाये. पूरा सभागार तालियों से गूँज उठा जब श्रुति ठाकोर ने पूनम शर्मा और साथी कलाकारों के साथ हिना की जबरदस्त कव्वाली आजा वे माही से अपनी आवाज का जादू बिखेरा. इसी के साथ डॉ सुगन्धा, प्रीति जोशी, वंदना जैमिनी, सोनिया शर्मा, अथर्वा कुलश्रेष्ठ और मानसी बत्ता ने युगल गीतों में अपनी उम्दा गायिकी से कार्यक्रम में और जान डाल दी.

कलाकारों ने दी अपनी प्रस्तुति

अथर्वा कुलश्रेष्ठ की एकल नृत्य प्रस्तुति भी कार्यक्रम का मुख्य आर्कषण रही. पूरा कार्यक्रम इतना मनोरंजक था कि संगीत प्रेमी कार्यक्रम के अंत तक बने रहे और सभी प्रस्तुतियों पर कलाकारों का हौसला बढ़ाते रहे. धर्मेन्द्र उपाध्याय और प्रीति जोशी अपने मंच संचालन से श्रोताओं को आखिर तक बांधने में कामयाब रहे. कार्यक्रम की परिकल्पना नरेन्द्र मेहता की थी, उन्होने बताया कि हमारे सभी कलाकार बहुत मेहनती हैं और लगातार रियाज से अपने हुनर को तराशने के लिये प्रयत्नशील रहते है. उन्होंने आगे बताया कि स्वर साधना परिवार इसी प्रकार अपने शहर के संगीत प्रेमियों के मनोरंजन के लिये आगे भी इसी प्रकार कार्यक्रम करता रहेगा. कार्यक्रम संयोजक डॉ संकल्प और मेंटोर्स मति ठाकोर ने भी बताया कि स्वर साधना का विशुद्ध उद्देश श्रोताओं के मनोरंजन के साथ ही नवोदित और उभरती प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना भी है.

Reporter- Anoop Sharma

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