प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एनओसी नहीं मिलने का विरोध, हॉल मार्क सेंटरों पर 1 जून को सांकेतिक हड़ताल
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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एनओसी नहीं मिलने का विरोध, हॉल मार्क सेंटरों पर 1 जून को सांकेतिक हड़ताल

 प्रदेशभर के सभी हॉलमार्क सेंटर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एनओसी नहीं मिलने का विरोध दर्ज करवाने जयपुर पहुंच थे. झालाना स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुख्यालय पर प्रदेशभर के सभी हॉलमार्क सेंटर संचालकों ने प्रदर्शन किया. राजस्थान हॉलमार्क एसोसिएशन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एनओसी नहीं मिलने का विरोध कर रहा है. प्रदर्शन के बाद बोर्ड अध्यक्ष सुधांश पंत को ज्ञापन सौंपा गया. 

 

हॉलमार्क सेंटर संचालकों ने प्रदर्शन किया

Jaipur: प्रदेशभर के सभी हॉलमार्क सेंटर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एनओसी नहीं मिलने का विरोध दर्ज करवाने जयपुर पहुंच थे. झालाना स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुख्यालय पर प्रदेशभर के सभी हॉलमार्क सेंटर संचालकों ने प्रदर्शन किया. राजस्थान हॉलमार्क एसोसिएशन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एनओसी नहीं मिलने का विरोध कर रहा है. प्रदर्शन के बाद बोर्ड अध्यक्ष सुधांश पंत को ज्ञापन सौंपा गया. 

प्रदर्शन के बाद हॉलमार्क सेंटर संचालकों की बैठक में प्रदेश के सभी हॉल मार्क सेंटरों पर 1 जून को सांकेतिक हड़ताल का निर्णय लिया गया. राजस्थान भारतीय मानक ब्यूरो ने शहर में हॉलमार्क सेंटर संचालन के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी अनिवार्य कर दी है, लेकिन बोर्ड हॉल मार्क सेंटर्स को एनओसी नहीं दे रहा है. और हॉलमार्क सेंटर संचालकों पर अपने सेंटर्स को शहर से बाहर औद्योगिक शहरों में ले जाने का दबाव डाल रहा है.

इसके विरोध में हॉलमार्क सेंटर संचालक आंदोलन कर रहे हैं.  राजस्थान हॉलमार्क एसोसिएशन के संरक्षक बाबूलाल लावट का कहना है कि सोने की ज्वेलरी को शहर के बाहर औद्योगिक शहरों में लाना ले जाना जोखिम का काम है ,यह निर्णय व्यवहारिक नहीं है. 

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राजस्थान हॉलमार्क एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमेर मौसम का कहना है कि शहर के इस नियम के कारण ज्वेलर्स, उपभोक्ता और हॉलमार्क सेंटर संचालक सभी को भारी परेशानी झेलनी पड़ेगी. सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा की रहेगी. हॉलमॉर्क सेंटर संचालक सतीश खण्डेलवाल का कहना है कि पहले सरकार की ओर से हॉलमार्किंग सेंटरों को बढ़ावा दिया जा रहा था. इस कारण बड़ी संख्या में सेंटर खोले गये थे, लेकिन नये नियम से सेंटर संचालकों का कारोबार खत्म हो रहा है.

हॉलमॉर्क सेंटर संचालक एन पी सेतिया का कहना है कि एक सेंटर पर 80 लाख से एक करोड़ रुपये तक का खर्च आता है. अगर नये नियम के तहत सोने की हॉलमार्किंग होने लगी है, तो इन सेंटरों पर काम खत्म हो जायेगा. इससे करीब आठ हजार से अधिक लोग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से प्रभावित होंगे. सबसे बड़ी परेशानी सुरक्षा व्यवस्था की रहेगी. 

 प्रदेश में प्रतिदिन करीब 10 हजार सोने के गहनों की हॉलमार्किंग होती है. हड़ताल के कारण हॉलमार्क सेंटर संचालकों के साथ  उपभोक्‍ता और ज्वैलर्स दोनों को परेशानी झेलनी पड़ेगी. भारतीय मानक ब्यूरो और प्रदूषण नियंत्रक के बीच फुटबॉल बने हॉलमॉर्क सेंटर संचालकों को उम्मीद अब प्रदेश सरकार से है. दिल्‍ली, उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़ में दी गई राहत कारोबारी अब राजस्थान में भी चाहते है. 

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