Rajasthan: नए जिलों के जरिए गहलोत ने PM मोदी पर कसा तंज, कहा- मोदी जी आपसे बड़ा फकीर हूं
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Rajasthan: नए जिलों के जरिए गहलोत ने PM मोदी पर कसा तंज, कहा- मोदी जी आपसे बड़ा फकीर हूं

Rajasthan CM Gehlot's taunt on Modi: राजस्थान में 19 नए जिले और तीन संभाग नोटिफिकेशन प्रभावी होने के साथ ही अस्तित्व में आ गए हैं. सीएम गहलोत पीएम पर तंज कसते हुए कहा की मोदी जी आपसे बड़ा फकीर हूं. 

Rajasthan: नए जिलों के जरिए गहलोत ने PM मोदी पर कसा तंज, कहा- मोदी जी आपसे बड़ा फकीर हूं

Rajasthan CM Gehlot's taunt on Modi: राजस्थान में अब इतिहास के साथ भूगोल भी बदल गया हैं. नए जिलों के नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही 33 जिलों वाला राजस्थान अब 50 जिलों और 10 संभाग वाला प्रदेश बन गया हैं. बिड़ला सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय जिला स्थापना कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने हवन में आहुतियां दीं और पूजा-अर्चना की. उसके बाद सभी नए जिलों के शिला पट्टिकाओं का बटन दबाकर वर्चुअल अनावरण किया और जिला कलक्टर्स ने अपने अपने जिलों में नोटिफिकेशन का पठन किया.

33 जिले नहीं अब 50 जिलों वाला राजस्थान 

राजस्थान में 19 नए जिले और तीन संभाग नोटिफिकेशन प्रभावी होने के साथ ही अस्तित्व में आ गए हैं. यानि की नए जिलों में प्रवेश हो गया हैं. बिडला सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय जिला स्थापना कार्यक्रम में सीएम गहलोत और राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने वर्चुअल माध्यम से बटन दबाकर इनकी शिला पट्टिकाओं का अनावरण किया. जिलों में प्रभारी मंत्रियों की मौजूदगी में उद्घाटन के साथ ही इन जिलों में ओएसडी अब कलेक्टर और एसपी की भूमिका में आ गए हैं.

सीएम गहलोत बटन दबाकर किया अनावरण 

गहलोत ने कहा की नए जिलों और संभागों के सृजन से राज्य की प्रशासनिक इकाइयों का विकेन्द्रीकरण होगा. उनकी क्षमताएं बढ़ेगी और कानून व्यवस्था अधिक मजबूत होंगी. आमजन के प्रशासनिक कार्य अब नजदीक ही सुगमता से होंगे. हालांकि इस नए जिलों के मास्टर स्ट्रॉक को सीएम गहलोत ने बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है.

सीएम गहलोत का मास्टर स्ट्रॉक

गहलोत ने पिछले तीन दिन में दूसरी बार कहा की मैं तो मुख्यमंत्री का पद छोड़ना चाहता हूं, लेकिन यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है. मैं राजनीति में हर बात सोच समझ कर बोलता हूं. मैं ऐसे ही कमेंट नहीं करता. मैंने यह बात सोच समझकर बोली थी. इसका मतलब यह मत समझना कि मैंने चलते हुए ही ये बोल दिया. पद छोड़ने का मन में क्यों आता है? इसे रहस्य रहने दो, लेकिन यह पद मुझे नही छोड़ रहा है. इसे भी कहने में आदमी को हिम्मत चाहिए. हाईकमान फैसला करे वह मंजूर है. प्रदेशवासियों के विश्वास पर 2030 की बात कर रहा हूं, क्योंकि उस वक्त कौन सीएम रहेगा, पता नहीं. गहलोत ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए खुद को सबसे बड़ा फकीर बताया है.

पीएम मोदी पर कसा तंज, बताया सबसे बड़ा फकीर

गहलोत ने कहा प्रदेशवासियों को मुझ पर विश्वास करना चाहिए. मैं जो कुछ कहता हूं. दिल से कहता हूं, उन्होंने पीएम पर तंज कसते हुए कहा की मोदी जी आपसे बड़ा फकीर हूं. आपने नोट किया होगा कि मोदी जी जो ड्रेस एक बार पहन लेते हैं. वो रिपीट नहीं करते हैं. दिन में एक, दो, तीन बार ड्रेस बदलते होंगे ? पता नहीं... मैं मेरी ड्रेस वही रखता हूं, मैं फकीर नहीं हूं क्या?

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा की मैंने अपनी जिंदगी में एक प्लॉट नहीं खरीदा है. एक ग्राम सोना नहीं खरीदा है. वो मुझसे बड़े क्या फकीर होंगे? उनका चश्मा ढाई लाख का है. मुझसे क्या सुनना चाहते हैं वो... पहले राहुल गांधी ने नहीं कहा था सूटबूट की सरकार. जब पहली बार पीएम बने तो मोदी का सूट लंदन से बनकर आया था. 10 लाख का सूट था वो, जैसे ही राहुल गांधी ने सूट बूट की सरकार बताकर अटैक किया, उस कोट को बेचना पड़ा.

जिंदगी में एक प्लॉट नहीं खरीदा- गहलोत

गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि जब मेरी बेटी की शादी हुई तो मेरी पत्नी ने कोई 90 हजार के चैक दिए होंगे. एमएलए एमपी को फ्लैट मिलते हैं तो 40 साल पहले कोई 90 हजार का प्लॉट मानसरावेर में मिला था. वो प्लॉट 10 साल की किश्तों में दिया. सांसद को दिल्ली में फ्लैट मिलता है. वह द्वारका में है. उसका कोई 15 हजार किराया आता है, कैसा फ्लैट होगा वो? उसकी 15 साल तक किश्तें चुकाईं.

गहलोत ने कहा की प्रधानमंत्री पद का मान सम्मान करते हैं. प्रधानमंत्री देश का होता है ना कि वह बीजेपी का होता है. प्रधानमंत्री को अब तक भ्रम है कि मैं बीजेपी का प्रधानमंत्री हूं तो उसका क्या कर सकता हूं. उनका देश में बोलने, चलने में जो व्यवहार है वो ऐसा है जैसे वो एक पार्टी के ही प्रधानमंत्री हैं.

प्रधानमंत्री का पद देश का होता है- गहलोत

वो खाली हिंदुओं के ही प्रधानमंत्री है, क्या ! यह बहुत खतरनाक बात है. आप डेमोक्रेसी में प्रधानमंत्री चुने गए हो. डेमाक्रेसी देश में कांग्रेस ने स्थापित की है. गरीब का मान सम्मान आज है वह डेमोक्रेसी की वजह से है. संजीवनी घोटाले में जब मैंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और परिवार को आरोपी बताया तो उन्होंने मेरे खिलाफ मानहानि का केस ​कर दिया. संजीवनी घोटाले में पीड़ित गरीब लोगों का पैसा डूब गया. मैं तो कहता हूं कि अगर मेरे जेल जाने से गरीबों का पैसा वापस मिलता है, तो मैं जेल जाने को तैयार हूं. जिलों के उद्घाटन कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने मजाक के लहजे में हुए कहा की में बचपन से मैं उछल कूद करने वाला आदमी रहा हूं.

इन जिलों की हुई स्थापना

अब 33 से बढकर हुए 50 जिले

1-जयपुर, 2-जयपुर ग्रामीण, 3-जोधपुर ग्रामीण, 4-जोधपुर, 5-अनूपगढ़,

6-गंगापुर सिटी, 7-कोटपूतली-बहरोड़, 8-बालोतरा, 9-खैरथल-तिजारा,

10-ब्यावर, 11-नीमकाथाना, 12-डीग, 13-फलौदी, 14-डीडवाना-कुचामन,

15-सलूम्बर, 16-दूदू, 17-केकड़ी, 18-सांचौर, 19- शाहपुरा

ये बने नए संभाग- 7 से बढकर हुए अब 10 संभाग

1-पाली, 2-सीकर और 3-बांसवाडा बने नए संभाग-अस्तित्व में आए

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा की साल 1956 में 2 करोड़ की जनसंख्या पर 26 जिले बने थे. वहीं, 67 साल में आबादी 3 गुना बढ़ने के बावजूद 7 ही नए जिलों का गठन हुआ था. अब राज्य सरकार ने जनभावना के सम्मान में प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण के लिए एक साथ 19 नए जिलों का गठन किया है. इसके पीछे हर एक प्रदेशवासी का सपना राजस्थान को वर्ष 2030 तक हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल कराना है.

राजस्थान 2030 तक अग्रणी राज्यों में होगा शामिल 

राज्य सरकार गांधीजी के विचारों और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रही है. जिला गठन समिति रामलुभाया का कार्यकाल 6 माह बढ़ाया गया है, जिससे आमजन की न्यायोचित मांगों पर परीक्षण कर पूरा किया जाएगा. गहलोत ने कहा कि जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने देश को खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, सूचना और रोजगार प्राप्त करने का अधिकार कानून बनाकर दिया.

उसी तरह हमने भी स्वास्थ्य का अधिकार (आरटीएच), राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी, न्यूनतम 1000 रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन का अधिकार राजस्थान के हर पात्र व्यक्ति को दिया है. इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी में 125 दिन रोजगार, महात्मा गांधी नरेगा के 125 दिन के रोजगार और अनिवार्य एफआईआर की गारंटी दी है. अब राजस्थान रेगिस्तान नहीं बल्कि गारंटी देने वाला प्रदेश बन गया है.

राजस्थान गारंटी देने वाला प्रदेश बन गया

पिछले 4 साल में शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, कृषि, रोजगार, पानी, बिजली सहित हर क्षेत्र में विकास हुआ है. विद्यालय क्रमोन्नयन, नए महाविद्यालय व विश्वविद्यालयों की स्थापना, चिकित्सा केंद्रों की शुरूआत और हर ब्लॉक में रीको क्षेत्र का विकास किया गया है.तीन लाख से अधिक सरकारी नौकरियां दी जा रही हैं. साथ ही, अलग से कृषि बजट पेश करने के साथ निजी क्षेत्र में हजारों रोजगार, स्वरोजगार को बढ़ाने के लिए नीतियां सहित पेपर लीक प्रकरणों में सख्त कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं.

योजनाओं और नीतियों की चर्चा पूरे देश में

राजस्थान की योजनाओं और नीतियों की चर्चा पूरे देश में हो रही है. प्रदेश सब-सेंटर, पीएचसी, सीएचसी, चिकित्सा महाविद्यालय, विश्वविद्यालय सबसे अधिक खोलने, देश का सबसे बड़ा आईपीडी टावर एसएमएस अस्पताल में बनाने, सबसे पहले पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) फिर से लागू करने, देश का पहला शांति एवं अहिंसा विभाग स्थापित करने, लगभग 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1000 रुपए की सामाजिक सुरक्षा पेंशन दिलाने, दूध, ऊन, सरसों, चना, दाल, सोलर, रिन्युएबल एनर्जी के उत्पादन में सबसे आगे है.

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साथ ही, जीडीपी विकास दर में भी हम दूसरे स्थान पर है. गहलोत सरकार ने चुनावी साल में नए जिले बनाकर सियासी नरेटिव बदलने का प्रयास किया है. ब्यावर, कोटपूतली-बहरोड़, नीम का थाना, बालोतरा, डीडवाना-कुचामन, फलोदी सहित कई ऐसे जिले हैं, जिनकी मांग पिछले चार दशक से चल रही थी. जनता की पॉपुलर डिमांड पूरा करके गहलोत सरकार चुनावी साल में सियासी माहौल अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही है.

बहरहाल, नए जिलों और पुर्नगठित जिलों को प्रदेश आगामी विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. बताया जाता है कि गहलोत सरकार ने इसे ध्यान में रखते हुए नए जिलों के जरिए मतदाताओं को रिझाने के साथ-साथ सियासी समीकरण साधने का प्रयास किया है, जो नए जिले बने हैं उनमें सत्तारूढ़ कांग्रेस चुनाव फायदा लेने का प्रयास करेगी.

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