Rajasthan assembly proceedings: भरे सदन में शांति धारीवाल ने आपा खो दिया. उन्होंने सभापति संदीप शर्मा को अपशब्द कहे. साथ ही उन्होंने संदीप शर्मा को कहा कि तुम कोटा के हो...कोटा में रहना है कि नहीं तुम्हें. जानिए पूरा मामला क्या है.
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Rajasthan politics: राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही (Rajasthan assembly proceedings) के दौरान UDH की अनुदान मांगों पर शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal)अपनी बात रख रहे थे. इस पर पूर्व मंत्री और कोटा उत्तर विधायक को सभापति संदीप शर्मा ( Sandeep Sharma)ने टोका. संदीप शर्मा ने शांति धारीवाल को समय का हवाला देकर वक्तव्य खत्म करने को कहा.
शांति धारीवाल ने गलत भाषा का इस्तेमाल करते हुए सभापति को कहा, ''तुम कोटा के हो. कोटा में रहना है कि नहीं तुम्हें. बोलने के फ्लो में सदन में धारीवाल गाली भी दे बैठे. ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या गाली भी सदन की प्रोसिडिंग का हिस्सा मानी जाए ? क्या यह दोनों के बीच की आम बोलचाल की शैली है? इससे पहले धारीवाल ने UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा से भी कुछ शब्द कहे.
वहीं गुरुवार को विधानसभा में कार्यवाही के दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला. सहकारिता विभाग की अनुदान मांगों पर विधायक श्रवण कुमार बोलने के लिए खड़े हुए.श्रवण कुमार के बोलने के दौरान बाबा बालक नाथ ने विरोध दर्ज करवाया.
बाबा बालक नाथ ने कहा कि जब तक संतों के अपमान पर माफी नहीं मांगी जाएगी उन्हें बोलने नहीं दिया जाएगा. इस दौरान बाबा बालक नाथ के साथ महंत प्रताप पुरी और विधायक बालमुकुंद आचार्य सहित मंत्री और विधायक खड़े हो गए. दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ विधायक राजेंद्र पारीक सहित अन्य विधायक खड़े हो गए.
गौरतलब है कि बुधवार को सदन की कार्यवाही के दौरान टोकाटाकी पर कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि चारों तरफ सदन में बाबा ही बाबा हैं. ये बयान देकर उन्होंने बाबा बालक नाथ और महंत प्रताप पुरी पर निशाना साधा. जब विधानसभा में कांग्रेस विधायक श्रवण कुमार के बोलने पर दो महंतों ने टोका तो श्रवण कुमार ने कहा कि बाबाजी मेरा समय ले रहे हैं.