कावड़ यात्रा, चातुर्मास और ईद के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर लगी रोक, गृह विभाग ने जारी की गाइडलाइन
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कावड़ यात्रा, चातुर्मास और ईद के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर लगी रोक, गृह विभाग ने जारी की गाइडलाइन

श्रावण मास में राज्य में तथा राज्य के बाहर से श्रद्धालुओं द्वारा कावड़ यात्राएं आयोजित की जाती है. पूरे श्रावण मास के दौरान सड़कों पर कावड़ियों भारी भीड़ रहती है और बोल ताड़क बम की गूंज सुनाई देती है.

कावड़ यात्रा पर सरकार ने लगाई रोक. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Jaipur: प्रदेश में कोरोना संक्रमण भले ही कम हो गया हो लेकिन तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर राज्य सरकार फूंक फूंक कर कदम उठा रही है. राज्य सरकार ने आने वाले दिनों में त्योहारों को देखते हुए धार्मिक आयोजनों पर पूरी तरह रोक लगा दी है. गृह विभाग की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई है. नई गाइडलाइन में कावड़ यात्रा चातुर्मास और ईद के सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगाई गई है. नई गाइडलाइन 17 जुलाई सुबह 10 बजे से लागू होगी.

सड़कों पर नहीं गूंजेगा बोल तड़क बम
श्रावण मास में राज्य में तथा राज्य के बाहर से श्रद्धालुओं द्वारा कावड़ यात्राएं आयोजित की जाती है. पूरे श्रावण मास के दौरान सड़कों पर कावड़ियों भारी भीड़ रहती है और बोल ताड़क बम की गूंज सुनाई देती है. इधर उत्तराखंड आदि राज्यों में कावड़ पर रोक लगाई जा चुकी है. कावड़ यात्राओं में भीड़भाड़ की संभावना को देखते हुए इस प्रकार की समस्त धार्मिक यात्राओं एवं जुलूस इत्यादि की राज्य में अनुमति नहीं होगी.

ईद पर घर पर करें इबादत 
प्रदेश में 21 जुलाई को ईद-उल-जुहा का त्यौहार मनाया जाएगा. वर्तमान कोरोना की परिस्थितियों के मद्देनजर अत्यधिक भीड़-भाड़ की संभावना को देखते हुए किसी भी सार्वजनिक एवं धार्मिक स्थान पर एकत्रित होकर इबादत करने की अनुमति नहीं होगी.

मुड़िया पूनों मेला में जाने पर रोक
मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र में प्रतिवर्ष आषाढ़ एकादशी से पूर्णिमा तक तहसील गोवर्धन में मुड़िया पूनों मेलाआयोजित किया जाता है. इस मेले में देश-विदेश के विभिन्न नागों से लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष पूजा ,परिक्रमा करने आते हैं. राजस्थान राज्य से भी कई श्रद्धालु इस आयोजन में जाते हैं. मथुरा कलेक्टर ने 20 से 24 जुलाई तक लगने वाले गोवर्धन मेले के आयोजन को निरस्त किया है. राजस्थान से इस मेले में शामिल होने वाले श्रद्धालु नहीं जा पाएंगे.

चातुर्मास में नहीं होंगे कार्यक्रम
जैन धर्म व अन्य कई धर्मावलम्बियों द्वारा राज्य के अनेक स्थानों पर चतुर्मास पर्व का आयोजन किया जाएगा. यह आयोजन चार महीने तक चलता है. इस आयोजन में सम्मिलित होने के लिए विश्वभर से श्रद्धालु आते हैं. वर्तमान में कोरोना की परिस्थितियों के मद्देनजर अत्यधिक भीड़भाड़ की संभावना को देखते हुए किसी भी सार्वजनिक एवं धार्मिक स्थान पर भीड़भाड़ एवं आयोजन करने की अनुमति नहीं होगी.

सरकार की अपील, घर पर रहकर ही पूजा इबादत करें
सभी धर्मावलम्बियों के भी समस्त धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध रहेगा. साथ ही आमजन से यह अपील की जाती है कि पर्याप्त सावधानी एवं कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करते हुए जहां तक संभव हो घर पर रहकर ही परिवारजन के साथ पूजा-अर्चना, इबादत करें.

स्विमिंग पूल नहीं खोले जाएंगे
प्रदेश में स्विमिंग पूल्स को खोलने की अनुमति नहीं होगी. सार्वजनिक उद्यान सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक खोलने की अनुमति होगी. लेकिन जिन लोगों ने कम से कम 1 डोज ले ली उन्हें शाम चार से रात 8 बजे तक घूमने की अनुमति होगी.

सरकारी तंत्र के लिए दिए गए यह निर्देश
जिला कलेक्टर .पुलिस आयुक्त 'No Mask No Movement ' की सख्ती से पालन करवाएंगे. जिला प्रशासन द्वारा इसीडेन्ट कमांडर्स, संयुक्त प्रवर्तन दल, वार्ड कमेटी, ग्रान पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप द्वारा समस्त शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में क्वारटीन नियनों के उल्लंघन एवं कोविड उपयुक्त व्यवहार की निगरानी सुनिश्चित करवाई जायेगी.

वार्ड, गांव ,शहर में त्रिस्तरीय जन अनुशासन मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान समावित भीड़भाड़ के क्षेत्रों में NCC, NSS आदि का सहयोग लिया जाकर प्रशासन, पुलिस एवं स्थानीय निकाय द्वारा माइक आदि के माध्यम से मास्क पहनने एवं अन्य कोविड उपयुक्त व्यवहार के पालन हेतु जन जागरूकता किया जाएगा.

इनका लिया जाएगा सहयोग
समस्त धार्मिक, सामाजिक, गैर सरकारी संस्थाओं और संगठनों से अपने स्तर पर COVID Appropriate Behaviour के लिए निरंतर सहयोग लिया जाएगा. इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर आईपीसी की धारा 188 के कानूनी प्रावधानों के अन्तर्गत व अन्य कानूनी प्रावधान जो लागू हो के अलावा आपदा प्रबंधन अधिनियम , 2005 की धारा 51 से 60 एवं राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

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