कोर्ट ने कहा कि निजी अस्पताल में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की मौत होने पर न तो उनके परिजनों को आर्थिक सहायता दी जा रही है और ना ही अनुकंपा नियुक्ति की कोई व्यवस्था की गई है,
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Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि निजी अस्पतालों के कोविड वार्ड में सेवाएं देने वाले चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी की मौत होने पर उनके आश्रितों को दूसरे सरकारी कर्मचारियों के सामान्य अनुकंपा नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है.
न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश मनोज व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश साहिल जैन की जनहित याचिका पर दिया. याचिका में कहा गया कि निजी अस्पतालों में बने कोरोना वार्ड में भी चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी सरकारी अस्पतालों के कोविड वार्ड में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों की तरह काम कर रहे हैं.
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अनुसार, कोरोना से बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों की मौत हो चुकी है. निजी अस्पताल और सरकारी अस्पताल में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कोविड का एक समान खतरा है. इसके बावजूद भी निजी अस्पताल में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की मौत होने पर न तो उनके परिजनों को आर्थिक सहायता दी जा रही है और ना ही अनुकंपा नियुक्ति की कोई व्यवस्था की गई है, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
(इनपुट-महेश पारिक)