Rajasthan News: एक्शन में मुख्य सचिव Sudhansh Pant, SMS अस्पताल में अचानक औचक निरीक्षण, जानें फिर क्या हुआ
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Rajasthan News: एक्शन में मुख्य सचिव Sudhansh Pant, SMS अस्पताल में अचानक औचक निरीक्षण, जानें फिर क्या हुआ

Jaipur SMS hospital : राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने एसएमएस अस्पताल में औचक निरीक्षण अस्पताल समय बाद कौन क्या कर रहा यह मेरे क्षेत्राधिकार में नहीं है. कई बार डॉक्टरों के गैर हाजिर रहने पर उन्हें नोटिस भी दिए हैं. अगर कोई अस्पताल समय में नहीं आता है तो कार्रवाई की जाएगी.

Rajasthan News: एक्शन में मुख्य सचिव Sudhansh Pant, SMS अस्पताल में अचानक औचक निरीक्षण, जानें फिर क्या हुआ

SMS hospital News :  मुख्य सचिव सुधांश पंत ने एसएमएस अस्पताल में औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को देखा. इस दौरान उन्होंने अस्पताल की सुविधाओं और व्यवस्थाओं पर संतुष्टि जताई.

 मुख्य सचिव सुधांश पंत ने एसएमएस अस्पताल में किया औचक निरीक्षण

एक घंटे के निरीक्षण में सीएस सुधांश पंत ने धन्वंतरी ओपीडी, दवा काउंटर, ट्रोमा लोअर, महिला हड्डी वार्ड, एसएमएस अस्पताल कंट्रोल रूम का विजिट किया.

सीएस सुधांश पंत सुबह अचानक एसएमएस अस्पताल पहुंच गए. जहां उन्होंने सबसे पहले धन्वंतरि ओपीडी में व्यवस्थाएं देखी. पंत ने दौरे की शुरूआत रजिस्ट्रेशन काउंटर ब्लॉक से की. इसके बाद ओपीडी ब्लॉक, जनरल महिला वार्ड, कंट्रोल रूम और एमआरआई सेंटर भी.

उन्होंने ओपीडी ब्लॉक में बुजुर्ग और गंभीर मरीजों के लिए ब्हील चेयर और वार्ड बॉय की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। इस दौरान एमआरआई समेत दूसरी जांचों में हो रही वेटिंग को कम करने के लिए कहा. इसके लिए ऐसी व्यवस्था करने के निर्देश दिए ताकि मरीजों को राहत मिल सके.

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सीएस के पहुंचने की सूचना मिलने पर हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा, एसएमएस के प्रिंसिपल डॉक्टर राजीव बगरहट्‌टा समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंच गए. रजिस्ट्रेशन काउंटर की व्यवस्था से सीएस संतुष्ट नजर आए और उसके बाद वे धन्वन्तरी ओपीडी ब्लॉक गए, जहां उन्होंने जनरल मेडिसिन एरिया का दौरा किया.

यहां उन्होंने दवाई काउंटर पर व्यवस्थाएं देखी और डॉक्टरों की उपस्थिति की जांच की. सीएस पंत ने अस्पताल में कुछ गंभीर मरीजों को पैदल आता देख ओपीडी ब्लॉक में व्हील चेयर की संख्या बढ़ाने और ट्रॉली व वार्ड बॉय की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए.

CS सुधांश पंत ने एसएमएस अस्पताल का किया निरीक्षण. इस दौरान कहा कि एसएमएस अस्पताल की सुविधाओं को लेकर संतुष्टि जताई. उन्होंने कहा कि मैंने 5-7 मरीजों से अस्पताल में बात की. मुझे लग रहा था इतने बड़े सिस्टम में कुछ कमियां हो सकती है. सभी ने अस्पताल की सुविधाओं को बेहतर बताया.

उन्होंने कहा कि हमारा यहां बढ़िया इलाज हो रहा है. इलाज के लिए कोई पैसे नहीं लिए जा रहे. सीएम ने 2 महीने पहले यहां का निरीक्षण किया था. यहां उन्होंने सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिए थे.

उसी कड़ी में मैंने भी यहां सुविधाएं देखी है. एक घंटे के निरीक्षण में कुछ जगह ही मैं जा पाया. एसएमएस अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है. देशभर के अस्पतालों में भी एसएमएस अस्पताल का नाम आता है.

एम्स में जहां 14000 मरीज रोजाना आते हैं, पीजीआई चंडीगढ़ में 10 हजार मरीज आते हैं. वैसे ही एसएमएस अस्पताल में भी 10 हजार के करीब रोजाना मरीज आते है. ओपीडी डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ की कमी को लेकर कहा कि इसके निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं हम और आप सालों से एसएमएस अस्पताल को देख रहे हैं, पहले से यहां सुविधाएं बढ़ी है लेकिन और सुविधाएं बढ़े तो बेहतर होगा.

सीएस सुधांश पंत ने डॉक्टरों की ओर से एनपीए लेने के बावजूद बाहर प्रैक्टिस करने के सवाल पर कहा कि इसकी मुझे जानकारी नहीं है. इस मामले में संबंधित से बात करनी पड़ेगी. इसके साथ ही डॉक्टर्स के वार्ड से गायब रहने और घर पर मरीज देखने को लेकर कहा कि आज ऐसा नहीं था, कई बार ऐसा भी हो. इस मामले में अधीक्षक को मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.

डॉक्टरों के गैर हाजिर रहने पर दिए नोटिस

एएमएस अस्पताल में सीएस के निरीक्षण को लेकर अधीक्षक डॉ अचल शर्मा ने कहा कि दिल्ली एम्स और पीजीआई चंडीगढ़ से तुलना नहीं कर सकते. वह रैफरल हॉस्पिटल है, एसएमएस अस्पताल रैफरल अस्पताल नहीं. यहां हम किसी मरीज को इलाज के लिए मना नहीं कर सकते. हमारी ओर से कोशिश रहती है कि मरीज को बेहतर इलाज मिले. सीएस के निर्देशों का हम पालन करेंगे. एनपीए को लेकर कहा कि अगर कोई डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं है तो उसकी मॉनिटरिंग हम कर सकते हैं.

लेकिन अस्पताल समय बाद कौन क्या कर रहा यह मेरे क्षेत्राधिकार में नहीं है. कई बार डॉक्टरों के गैर हाजिर रहने पर उन्हें नोटिस भी दिए हैं. अगर कोई अस्पताल समय में नहीं आता है तो कार्रवाई की जाएगी.

सीएस सुधांश पंत ने निरीक्षण के बाद अधीक्षक को ऐसे मरीजों का भी रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए जिनको अस्पताल में दवाईयों या जांचों के लिए किसी कारण से मना किया गया हो. जिससे अस्पताल में ओर सुधार किया जा सके.

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