राजस्थान: जल जीवन मिशन की धीमी रफ्तार पर PHED फर्मों की बढ़ी चिंता, राज्य सरकार करेगी अप्रैल में छुट्टी
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राजस्थान: जल जीवन मिशन की धीमी रफ्तार पर PHED फर्मों की बढ़ी चिंता, राज्य सरकार करेगी अप्रैल में छुट्टी

राजस्थान के जल जीवन मिशन में लापरवाह फर्मों पर सरकार शिकंजा कसेगी.

राजस्थान: जल जीवन मिशन की धीमी रफ्तार पर PHED फर्मों की बढ़ी चिंता, राज्य सरकार करेगी अप्रैल में छुट्टी

Jal Jeevan Mission:राजस्थान के जल जीवन मिशन में लापरवाह फर्मों पर सरकार शिकंजा कसेगी. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने लापरवाह फर्मों को चेतावनी दी है.पीएचईडी फर्मों के करीब 600 करोड़ के प्रोजेक्ट में रफ्तार धीमी रही,जिसके बाद अब इन फर्मों से काम छीना जाएगा.

नाम बडे,पर दर्शन छोटे

नाम बडे,पर दर्शन छोटे..राजस्थान के जल जीवन मिशन में बडीबडी फर्मों का कुछ ऐसा ही हाल हो रहा है.जिसके बाद में सरकार ने इन फर्मों पर शिकंजा कसने की तैयारी रही है.बार बार कार्यों में लापरवाही पर चेतावनी के बाद भी फर्मों की धीमी चाल ने जल जीवन मिशन की रफ्तार को कमजोर कर रखा है.जिसके बाद अब  जलदाय विभाग के एसीएस सुबोध अग्रवाल ने आखिरी बार हिदायत दी है.यदि लापरवाह फर्में अप्रैल तक अपनी परफॉर्मेंस नहीं सुधारती है तो इन फर्मों का काम दूसरी फर्मों को दिया जाएगा.

इन फर्मों की सुस्त चाल पड रही भारी
जैसलमेर के 207 करोड़ और बाड़मेर के 105 करोड़ के प्रोजेक्ट में लापरवाही बरतने पर जिम्मेदार फर्म विष्णु प्रकाश पुगलियां को चेतावनी दी है. फर्म जैसलमेर में 196 और बाड़मेर में 99 गांवों की परियोजनाओं में धीमी रफ्तार है. जैसलमेर में 33 प्रतिशत और बाड़मेर में सिर्फ 34 प्रतिशत प्रगति हुई है.इसके अलावा चित्तौड़गढ में देंवेद्र कंस्ट्रक्शन ने 60 करोड़ की योजना में सिर्फ 20 प्रतिशत काम पूरा किया है. 

वहीं जोधपुर के 51 करोड़ की परियोजना में जीओ मीटर एंड कंपनी 24 प्रतिशत,धौलपुर में कार्यरत जीसीकेसी ने 25 प्रगति की.फर्म के पास 78.69 करोड रूपए की 94 गांव योजनाओं का काम है.इसके अलावा जुबेरी इंजीनियरिंग फर्म के पास कोटा में 73 करोड़ का प्रोजेक्ट है,इस फर्म का भी कुछ इसी तरह का हाल है.

नहीं तो अप्रैल के बाद छुट्टी तय
 
ऐसा पहली बार नहीं है कि इन फर्मों को इस बार ही चेतावनी दी है,बल्कि बार बार हिदायत के बाद भी फर्मों ने अपनी रफ्तार नहीं बढाई.ऐसे में अब इन बडीबडी फर्मों की लापरवाही खुद पर भारी पडेगी.अब विभाग को अप्रैल तक परर्फामेंस सुधारने का इतंजार है,नहीं तो जल जीवन मिशन से इन फर्मों की छुट्टी तय है.
 

 

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