Rajasthan Political Crisis : सिंतबर 2022 में राजस्थान कांग्रेस(Rajasthan Congress) से उठा बवंडर, दिल्ली तक अपनी ताकत का एहसास करा चुका था. सचिन पायलट(Sachin Pilot) गुट ने अपनी मंशा जाहिर कर दी थी. बची कुछ कसर राहुल गांधी(Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा(Bharat Jodo Yatra) के दौरान दौसा(dausa) में उमड़े पायलट समर्थकों के हुजूम और सचिन पायलट जिंदाबाद के नारों में पूरी कर दी. लेकिन अभी तक कांग्रेस आलाकमान की तरफ से प्रदेश में चेहरा बदलने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया.
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Rajasthan Political Crisis : सचिन पायलट ने ट्वीट कर बताया है कि वो 16 जनवरी से 20 जनवरी के बीच वो लोगों से रोजाना नागौर, हनुमानगढ़, झुंझुंनु, पाली और जयपुर में जनसंपर्क करेंगे और जनसभाएं करेंगे. यानि भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस में छाया सन्नाटा अब दूर होगा.
I will be among people and workers in various districts of Rajasthan.
The schedule for public meetings and interactions is as follows:
16 January - Nagaur
17 January - Hanumangarh
18 January - Jhunjhunu
19 January - Pali
20 January - Jaipur pic.twitter.com/iPvv5PFKtJ— Sachin Pilot (@SachinPilot) January 12, 2023
पायलट समर्थक, सचिन पायलट की इन ताबड़तोड़ जनसभाओं और जनंसपर्क को शक्ति प्रदर्शन के दौर पर फ्रेम कर रही है. जिसका असर कितना कांग्रेस आलाकमान पर पड़ेगा ये तो वक्त ही बतायेगा.
वैसे कांग्रेस में छायी शांति कुछ दिन पहले हुई मीटिंग में ही हटती हुई दिखायी दी थी. जब प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा(Sukhjinder Singh Ranghawa)की बुलाई गई मीटिंग में सचिन पायलट नहीं पहुंचे थे. जिस पर सीएम अशोक गहलोत(Ashok Gehlot) और रंधावा दोनों ने नाराजगी जतायी थी.
कुलमिलाकर सिंतबर 2022 में राजस्थान कांग्रेस से उठा बवंडर, दिल्ली तक अपनी ताकत का एहसास करा चुका था. सचिन पायलट गुट ने अपनी मंशा जाहिर कर दी थी. बची कुछ कसर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दौसा में उमड़े पायलट समर्थकों के हुजूम और सचिन पायलट जिंदाबाद के नारों में पूरी कर दी. लेकिन अभी तक कांग्रेस आलाकमान की तरफ से कोई प्रदेश में चेहरा बदलने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया.
ऐसे में सचिन पायलट का ट्वीट खास मायने रखता है. जहां एक तरफ प्रदेश कांग्रेस हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू कर रही है. वहीं सचिन पायलट जनसंपर्क और जनसभाएं शुरु करने वाले हैं.
सिंतबर 2022 के बाद से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से कई बार मुलाकात कर चुके सचिन पायलट अब फिर से ताकत का एहसास कराने को तैयार है. कहने को तो सचिन पायलट हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की मिली जीत पर भी अपनी पीठ थपथपा चुके हैं. यहीं नहीं कई बड़े नेता उनकी प्रदेश मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवारी को मान चुके हैं. लेकिन इसका असर दिखना बाकी है.
इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने पद पर आज भी बने हैं और दावा है कि ज्यादातर विधायकों का समर्थन उन्हे ही हासिल है.