LPG चोरी मामले में देशभर में राजस्थान अव्वल, पिछले 3 सालों में हुई इतनी कार्रवाई
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LPG चोरी मामले में देशभर में राजस्थान अव्वल, पिछले 3 सालों में हुई इतनी कार्रवाई

रसोई गैस सिलेंडर में एलपीजी कम आने, बुकिंग का सिलेण्डर ब्लैक करने या कीमत से ज्यादा पैसे लेने अथवा समय पर सिलेण्डर की डिलीवरी नहीं करवाने के मामले में राजस्थान देश में 5वें नंबर पर आता है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: रसोई गैस सिलेंडर में एलपीजी कम आने, बुकिंग का सिलेण्डर ब्लैक करने या कीमत से ज्यादा पैसे लेने अथवा समय पर सिलेण्डर की डिलीवरी नहीं करवाने के मामले में राजस्थान देश में 5वें नंबर पर आता है. 

केन्द्र सरकार की ओर से जारी एक ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार के बाद राजस्थान का नंबर आता है. घर में एलपीजी उपयोग करने वाला उपभोक्ता आज भी ठगा जा रहा हैं. केन्द्रीय पेट्रोलिय एवं गैस मंत्रालय की ओर से जारी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है.

आंकडों पर गौर करें तो राजस्थान में पिछले 3 साल में एलपीजी कम आने, बुकिंग का सिलेण्डर ब्लैक करने या कीमत से ज्यादा पैसे लेने के 110 से ज्यादा मामलों में उच्च स्तर पर शिकायत मिलने के बाद कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटर पर कार्रवाई की है. इस मामले में सबसे ज्यादा कार्यवाही एचपीसीएल कंपनी के डिस्टीब्यूटर पर की गई. 

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पिछले तीन साल में एचपीसीएल के 44 डिस्टीब्यूटर के खिलाफ ऐसी शिकायतें मिलने पर कार्रवाई की गई है. वहीं दूसरे नंबर पर बीपीसीएल के 39 और तीसरे नंबर पर आईओसीएल के 27 डिस्टीब्यूटर्स पर कार्यवाही करनी पड़ी है. रिफलिंग में देरी से डिलीवरी देने या नहीं देने के मामले में सबसे ज्यादा शिकायतें एचपीसीएल की मिली है,  जिसमें पिछले 3 साल में एचपीसीएल की 13 शिकायतों पर डिस्टीब्यूटर्स के खिलाफ एक्शन लिया गया है.

वहीं रिफलिंग में देरी से डिलीवरी देने या नहीं देने के मामलेआईओसी के 6 और बीपीसी के 1 शिकायत पर कार्रवाई की गई हैं. एलपीजी सिलेंडर का आवंटन करने वाली गैस एजेंसी या आपके घर तक इसे पहुंचाने के लिए डिलीवरी चार्ज लेती है, लेकिन अगर आपने एजेंसी या गोदाम पर जाकर सिलेंडर लिया है तो एजेंसी को वह डिलीवरी चार्ज लौटाना होता है.

सभी कंपनियों ने सिलिंडर के लिए राशि तय की है, पहले यह 19 रुपये था, बाद में इसे बढ़ाकर 27 रुपये 60 पैसा किया गया है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. आज भी उपभोक्ता यदि सिलेंडर लेने गोदाम पर जाता है तो उसे डिलीवरी चार्ज नहीं लौटाया जाता है. उपभोक्ता से पूरा पैसा वसूला जाता है. हालांकि पेट्रोलियम मंत्रालय होम डिलीवरी के नाम पर चार्ज वसूलने पर ऐसी गैस एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.

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एलपीजी मार्केटिंग डिसिप्लिन गाइडलाइन के मुताबिक अगर किसी एजेंसी के खिलाफ इस तरह की शिकायत मिलती है, तो पहली बार उसके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा और दूसरी बार जुर्माने की राशि और बढ़ाई जाएगी. लेकिन किसी एजेंसी के खिलाफ दो साल में ऐसी तीन शिकायतें मिली तो उसका आवंटन भी रद्द कर दिया जा सकता हैं. इतना ही तेल कंपनियां बुकिंग होने के 24 से 48 घंटे में डिलीवरी करने का दावा करती हैं, लेकिन इस दावे पर भी कंपनियां खरा नहीं उतर रही है.

बहरहाल, भले ही कंपनियां उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए हर दिन कुछ ना कुछ करती हैं, लेकिन गैस एजेंसी संचालकों पर लगाम आज तक नहीं कस पाई है. गैस एजेंसी संचालकों के आगे कार्रवाई को अंजाम देने वाले अफसर नतमस्तक नजर आते हैं.

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