राजस्थान में विश्वविद्यालय-महाविद्यालय के परीक्षा कार्यक्रम जारी, यहां जानें सबकुछ
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राजस्थान में विश्वविद्यालय-महाविद्यालय के परीक्षा कार्यक्रम जारी, यहां जानें सबकुछ

विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के स्नातक तृतीय अथवा अंतिम वर्ष तथा फाइनल या टर्मिनल सेमेस्टर की परीक्षाएं जुलाई के अंतिम सप्ताह या अगस्त के प्रथम सप्ताह ऑफलाइन आयोजित की जाएंगी.

 

राजस्थान में विश्वविद्यालय-महाविद्यालय के परीक्षा कार्यक्रम जारी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Jaipur: राज्य सरकार ने यूजीसी (UGC) की गाइडलाइन, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय तथा विभागीय समिति के सुझावों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की सत्र 2020-21 की परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, 

विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के स्नातक तृतीय अथवा अंतिम वर्ष तथा फाइनल या टर्मिनल सेमेस्टर की परीक्षाएं जुलाई के अंतिम सप्ताह या अगस्त के प्रथम सप्ताह ऑफलाइन आयोजित की जाएंगी. इनके परिणाम 30 सितम्बर, 2021 तक जारी किये जाएंगे.

उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि 'स्नातक प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को 10वीं एवं 12वीं परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अंक देकर प्रमोट किया जाएगा. स्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को अस्थाई आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा तथा 10 जुलाई, 2021 से ऑनलाइन अध्यापन कार्य प्रारंभ किया जाएगा. कोविड परिस्थिति सामान्य होने पर द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं सुविधानुसार ऑब्जेक्टिव या डिस्क्रेप्टिव पैटर्न पर आयोजित कर 31 दिसम्बर, 2021 तक परिणाम जारी किए जाएंगे.

स्नातकोत्तर पूर्वार्द्ध के विद्यार्थियों को अस्थाई रूप से अगली कक्षा में प्रवेश देकर अध्यापन कार्य 10 जुलाई से शुरू किया जाएगा. हालात सामान्य होने पर परीक्षाएं आयोजित कर 31 दिसंबर, 2021 तक उनके परिणाम जारी किए जाएंगे.'

जिन कोर्सेज,संकाय,विषयों में विद्यार्थियों की संख्या कम है और विश्व विद्यालय के पास पर्याप्त संसाधन है उनकी परीक्षाएं ऑनलाइन मोड पर करवाई जा सकती हैं. इसी प्रकार व्यावसायिक पाठ्यक्रम एवं सेमेस्टर पद्धति के पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं भी ऑनलाइनमोड पर आयोजित करवाई जाएंगी.

प्रश्न पत्रों में यूनिट की बाध्यता हटाते हुए परीक्षा की अवधि 3 घंटे के स्थान पर प्रति प्रश्न पत्र डेढ़ घण्टे की रखी जाएगी. इसके साथ प्रश्न पत्र में वर्णित प्रश्नों को अनुपातिक रूप से 50 फीसदी हल करने का विकल्प दिया जाएगा. जिन विषयों में दो अथवा तीन प्रश्न-पत्र होते है उनके समस्त प्रश्न-पत्र एक ही पारी में करवाये जाएंगे. साथ ही, आवश्यता एवं उपलब्ध संसाधनानुसार परीक्षा केन्द्र बढ़ाए जाएंगे.

उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि 'परीक्षा केंद्रों पर कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन गृह विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशानुसार सुनिश्चित की जाएगी. कोविड-19 से संक्रमित परीक्षार्थी, यदि परीक्षा में सम्मिलित नहीं होता है अथवा यदि कोई परीक्षार्थी परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होता है, तो उसे परीक्षा देने का अलग से विशेष अवसर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों तथा उनमें कार्यरत शिक्षकों एवं अन्य कार्मिकों का प्राथमिकता के साथ टीकाकरण करवाया जाएगा.

हालांकि, कमेटी द्वारा प्राप्त सुझावों को लेकर 20 जून को उच्च शिक्षा विभाग की ओर से यूजीसी को पत्र लिखकर दिशा निर्देश मांगे गए थे. लेकिन पत्र लिखने के 14 दिन बाद भी यूजीसी द्वारा कोई दिशा निर्देश प्राप्त नहीं होने के चलते उच्च शिक्षा विभाग ने आखिरकार परीक्षाओं को लेकर फैसला लिया. इसके साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने संकेत दिए हैं कि यदि आने वाले समय में यूजीसी की ओर से परीक्षाओं को लेकर कोई गाइडलाइन जारी की जाती है, तो इस आदेश में परिवर्तन भी किया जा सकता है. लेकिन इसके साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने यूजीसी द्वारा किसी प्रकार के दिशा निर्देश के संभावना कम ही जताई है.

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