Rajasthan: सफाईकर्मी भर्ती में आरक्षण पर 'रार', संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ कर रहा विरोध
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Rajasthan: सफाईकर्मी भर्ती में आरक्षण पर 'रार', संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ कर रहा विरोध

 सफाईकर्मी भर्ती में आरक्षण को लेकर वाल्मीकि समाज ने टीमें भी गठित कर रखी हैं जो हर वार्ड और हाजरीगाह पर जाकर कर्मचारियों को सफाई का काम करने से रोक रही हैं. उधर हेरिटेज और ग्रेटर निगम प्रशासन सफाई कार्य सुचारु रखने के वैकल्पिक इंतजाम नहीं सका. मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग व जेटिंग मशीनें भी खड़ी हुई हैं. वजह इनमें कर्मी वाल्मीकि समाज के ही हैं.

Rajasthan: सफाईकर्मी भर्ती में आरक्षण पर 'रार', संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ कर रहा विरोध

Jaipur News: सफाईकर्मी भर्ती में आरक्षण को लेकर चल रहीं रार से जयपुर सहित प्रदेशभर की जनता परेशान हैं. कचरे के कारण शहर की चौड़ी-चौड़ी सडके अब संकरी हो गई हैं. गलियों से लेकर मुख्य सडकों पर कचरा ही कचरा नजर आ रहा हैं. चार दिन से शहर में ना झाडू निकल रहीं हैं ना ही सडकों पर पसरा कचरा उठ रहा हैं और ना ही घर-घर कचरा संग्रहण के लिए हूपर पहुंच रहे हैं.

संयुक्त वाल्मीकि श्रमिक संघ सफाईकर्मी भर्ती में 70 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहा हैं नहीं तो काम बंद रहेगा. साथ ही वाल्मीकि समाज ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगें गंभीरता से नहीं ली गईं तो कल स्टेच्यू सर्किल से मुख्यमंत्री निवास की ओर कूच किया जाएगा. इसके लिए प्रदेशभर से वाल्मीकि समाज और सफाई कर्मचारियों को जयपुर बुलाया जा रहा है. परंपरागत सफाई कार्य में वाल्मीकि समाज ने प्राथमिकता के आधार पर आरक्षण मांगा है. कर्मियों की मांग को देखते हुए डीएलबी प्रशासन ने सफाई कर्मी भर्ती के विज्ञापन को स्थगित कर दिया है.

अब कर्मचारी बिना आरक्षण के भर्ती की नई विज्ञप्ति जारी करने पर अड़े हुए हैं. जब तक आरक्षण संबंधित मांगों को मानते हुए नई विज्ञप्ति जारी नहीं होगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी. अब मुख्यमंत्री निवास पर आमरण अनशन किया जाएगा. सफाईकर्मियो की हडताल के कारण चौथे दिन शहर में सफाई कार्य पूरी तरह से बंद रहा. मुख्य बाजारों में झाड़ू नहीं लगी और डिपो नहीं उठाए गए. कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सड़कों पर कचरे के ढेर लगे रहे.

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सबसे बड़ी बात है कि वाल्मीकि समाज ने टीमें भी गठित कर रखी हैं जो हर वार्ड और हाजरीगाह पर जाकर कर्मचारियों को सफाई का काम करने से रोक रही हैं. उधर हेरिटेज और ग्रेटर निगम प्रशासन सफाई कार्य सुचारु रखने के वैकल्पिक इंतजाम नहीं सका. मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग व जेटिंग मशीनें भी खड़ी हुई हैं. वजह इनमें कर्मी वाल्मीकि समाज के ही हैं. हर वार्ड में अस्थाई सफाई कर्मी लगाने का प्रस्ताव तो पास हुआ था पर किसी वार्ड में अस्थाई कर्मी या बीट लगाई ही नहीं गई. उधर, निगम के जनप्रतिनिधि और अफसर भी सरकार पर दबाव नहीं बना पा रहे.

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