Rajasthan: राष्ट्रीय लिंगानुपात से भी आगे निकल चुका है राजस्थान, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ जैसा योजनाओं से राजस्थान में बेटियों को लेकर परंपरागत सोच में बदलाव हुआ है. शायद आज इसी लिए सोच बदलने से ये कलंक हटा है,
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Rajasthan: जन्म लिंगानुपात के मामले में देश में सबसे ज्यादा स्थिति राजस्थान की खराब थी.बालिकाओं को जन्म के बाद यहां बोझ समझा जाता था,लेकिन अब धीरे-धीरे लिंगानुपात का ये कलंक राजस्थान के माथे से हटता हुआ दिखाई दे रहा है.बेटी बचाओं बेटी पढाओ अभियान के बाद अब राजस्थान में बेटियों के लिए सोच बदल रही है.अब मरूधरा की इस धरती पर बेटियां पैदा होने पर गालियां नहीं बल्की थालियों की गूंज सुनाई देती है.अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर लिंगानुपात पर खास रिपोर्ट.
2011 में लिंगानुपात 888 था,अब 948 तक पहुंचा
यूं समझ लो कि बेमिसाल होती हैं बेटियां,असीम प्यार पाने की हकदार होती हैं बेटिया,खुशनसीब हैं वो,जिनके आंगन में बेटियां होती है.जी हां..ये कहावत राजस्थान में बिल्कुल सही साबित हो रही है.प्रदेश को कलंकित करने वाला लिंगानुपात का काला अध्याय अब हटता जा रहा है.अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आज खुशनुमा तस्वीर हमारे सामने दिखाई देती है.पिछले 6 सालों में शिशु लिंगानुपात में राजस्थान में देशभर में सबसे ज्यादा सुधार हुआ है.
एक समय कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं इस हद तक बढ़ गई थीं कि 2011 में लिंगानुपात 888 के चिंताजनक स्तर तक पहुंच गया था,लेकिन आज राजस्थान का लिंगानुपात 948 तक पहुंच गया है,महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश का कहना है सामाजिक कुरूतियां अब समाज में खत्म होती जा रही है.जिस कारण महिलाएं लगातार आगे बढ रही है.
राष्ट्रीय लिंगानुपात से आगे निकला राजस्थान
देशभर में लिंगानुपात की बात करे 1000 पुरुषों पर 935 महिलाएं है,लेकिन राजस्थान में मौजूदा आकंडा 948 तक पहुंच गया है.यानि देश के लिंगानुपात के सभी राजस्थान आगे निकल गया है.वहीं जो झुन्झुनु पूरे देश में लिंगानुपात के मामले में सबसे पीछे था,वो अब वहीं झुन्झुनू अग्रिम पंक्ति में आकर खडा हो गया है.झुन्झुनू में जहां 2015 में लिंगानुपात 903 था,वहीं अब बढकर 950 हो गया है.इसके अलावा सीकर,नागौर,जोधपुर,पाली,हनुमानगढ में भी बेटियों को अब बोझ नहीं समझा जाता.
मरूधरा में 2011 से अब तक का लिंगानुपात
वर्ष बालक बालिकाएं
2011 1000 पर 888
2016 1000 पर 929
2017 1000 पर 938
2018 1000 पर 944
2019 1000 पर 947
2020 1000 पर 948
2021 1000 पर 935
2022 1000 पर 947
2023 1000 पर 948
टॉप 6 जिले,जो जन्म लिंगानुपात में अग्रणी
जिला 2015 2016 2017 2018 2019-20
झुन्झूनू 903 949 949 936 950
जोधपुर 950 950 950 960 960
पाली 914 924 937 943 949
सीकर 923 961 946 945 960
हनुमानगढ 971 973 970 977 969
नागौर 950 973 967 963 975
बेटियां आगे बढेगी,तभी तो आगे बढेगा इंडिया
ममता भूपेश,महिला बाल विकास मंत्री कहती हैं कि ये रिपोर्ट जरूर बताती है कि अब राजस्थान में बेटियों को बोझ नहीं माना जाता है,लेकिन आज भी ऐसे गांव या शहर है,जहां बेटियों के लिए परिवार का नजरियां नहीं बदला.इसलिए अब वक्त आ गया है,बदलाव का.सोच बदलेगी तो बेटियां आगे बढेगी,बेटियां आगे बढेगी तो इंडिया भी आगे बढेगा.