Rajya Sabha Election : राजस्थान के रास्ते राज्यसभा पहुंच सकती हैं सोनिया गांधी
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Rajya Sabha Election : राजस्थान के रास्ते राज्यसभा पहुंच सकती हैं सोनिया गांधी

Rajya Sabha Election : राजस्थान से कांग्रेस के खाते की एक सीट पर चेहरा कौन होगा. इसे लेकर कयास लगाये जा रहे हैं, लेकिन इस दौड़ में सबसे मजबूत नाम कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर रूप में आया है.

Rajya Sabha Election : राजस्थान के रास्ते राज्यसभा पहुंच सकती हैं सोनिया गांधी

Rajya Sabha Election : क्या सोनिया गांधी राजस्थान कांग्रेस को एकता में पिरोने वाला धागा बनेंगी.  क्या सोनिया गांधी की राजस्थान में मौजूदगी से पार्टी के सभी धड़े एक जाजम पर आ जाएंगे और क्या सोनिया गांधी को राजस्थान से भेजने पर लोकसभा चुनाव में भी यहां पार्टी को फायदा मिलेगा ?

राजस्थान के रास्ते राज्यसभा पहुंचेगी सोनिया गांधी

दरअसल यह सभी सवाल प्रदेश के राजनीतिक गलियां में गूंज रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि राज्यसभा की तीन में से एक सीट कांग्रेस के पास जाना तय है. लिहाजा कांग्रेस नेताओं में सोनिया गांधी को राजस्थान की सीट सुरक्षित बताते हुए राज्यसभा भेजे जाने पर अनौपचारिक बातचीत तो हुई है, लेकिन पार्टी को इंतजार इस बात का है कि कब ऊपर से हरी झंडी मिले और राजस्थान पीसीसी इस संदर्भ का एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित करके पार्टी आलाकमान को दिल्ली दरबार में भेजे.

कांग्रेस नेताओं के बीच हुई अनौपचारिक चर्चाओं ने राजस्थान से राज्यसभा सदस्य के रूप में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे जाने की चर्चाओं को और मजबूत किया है.

हर दो साल में होने वाले राज्यसभा के चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है. राजस्थान में इस बार राज्यसभा की तीन सीट खाली हो रही हैं. लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस में नेता चुनाव का गणित अपने-अपने पक्ष में बिठाने की जुगत लगा रहे हैं. आमतौर पर राज्यसभा चुनाव के लिए किसे प्रत्याशी बनाया जाएगा और किसे नहीं.

इस संदर्भ में बड़े फैसले पार्टियों के आलाकमान की तरफ़ से ही लिए जाते हैं. ऐसे में दिल्ली दरबार इसका फैसला करेगा. फिर चाहे बात कांग्रेस की हो या बीजेपी की. आमतौर पर एक से अधिक सीट होने की स्थिति में एक सीट राज्य को जाती है और एक सीट केंद्र के किसी नेता को राज्यसभा में भेजने के लिए काम ली जाती है.

बहरहाल अबकी बार खाली हुई तीन सीटों में से दो सीट सीधे तौर पर भाजपा के पक्ष में जाती दिख रही हैं. जबकि एक सीट पर कांग्रेस का प्रत्याशी जीतना निश्चित है. बीजेपी ने रविवार को अपनी एक लिस्ट जारी की है, लेकिन उसमें भी राजस्थान और मध्य प्रदेश को अभी प्रतीक्षा में रखा गया है.

दूसरी तरफ कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए अभी कोई लिस्ट जारी नहीं की है. हालांकि राजस्थान से कांग्रेस के खाते की एक सीट पर चेहरा कौन होगा. इसे लेकर कयास लगाये जा रहे हैं, लेकिन इस दौड़ में सबसे मजबूत नाम कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर रूप में आया है.

सोनिया गांधी क्यों ?

दरअसल 77 साल की हो चुकी कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी अब तक पांच बार लोकसभा में निर्वाचित हुई हैं.  साल 1999 में अमेठी से पहली बार लोकसभा पहुंची सोनिया गांधी 2044 से लगातार रायबरेली से सांसद के रूप में निर्वाचित होती रही हैं.

हालांकि उनके बाद अमेटी सीट राहुल गांधी ने संभाली और वहां 2004 से 2014 तक लगातार तीन चुनाव जीते. अब पिछले कुछ वर्ष से सोनिया गांधी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता ऐसे में पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव नहीं लड़वाना चाहती लेकिन फिर भी पार्टी को संसद में सोनिया गांधी की उपस्थिति मनोबल बढ़ाने वाली लगती है और इसीलिए कांग्रेस चाहती है कि सोनिया गांधी को अबकी बार उच्च सदन में राज्यसभा भेजा जाए.

सोनिया गांधी की मौजूदगी की है विशेष अहमियत

सोनिया गांधी की मौजूदगी की अहमियत को कांग्रेस पार्टी समझती है और इसीलिए पार्टी के हर आम कार्यकर्ता से खास नेता तक उन्हें संसद में देखना चाहते हैं. सोनिया गांधी के नेतृत्व ने अबसे पहले भी पार्टी को एकजुटता का सम्बल दिया है. ऐसे में कांग्रेस नेताओं का मानना है कि सोनिया गांधी की संसद में मौजूदगी से नेता तो उत्साहित रहेंगे ही. साथ ही राज्यों की यूनिट पर भी इसका असर पड़ेगा.

राजस्थान से भेजने के लिए तर्क 

सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा में भेजे जाने के प्रबल आसार हैं. दरअसल राजनीतिक गलियारों में गूंज रहे सवाल इस पर जवाब मांग रहे हैं. उन्हीं जवाबों के सन्दर्भ में कांग्रेस के कुछ नेता कहते हैं कि सोनिया गांधी को राजस्थान से भेजने पर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी मजबूत होगी.

फिलहाल कांग्रेस में अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविन्द डोटासरा, टीकाराम जूली, हरीश चौधरी जैसे बड़े नेताओं के समर्थकों के तर्क हैं कि उनकी पसन्द को तरजीह दी जानी चाहिए. लेकिन जैसे ही सोनिया गांधी के नाम की चर्चा आई. सभी धड़े शांत हो गए. लिहाजा सोनिया गांधी आती हैं तो यहां सभी को एकजुट रख सकेंगी.

इससे पहले पूर्व प्रधानमन्त्री डॉ मनमोहन सिंह भी राजस्थान से राज्यसभा सदस्य के रूप में ज़िम्मेदारी संभाल चुके हैं. साथ में कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी यहीं से राज्यसभा सदस्य हैं. ऐसे में पार्टी को लगता है कि सीनियर लीडरशिप के लिए दिल्ली से लगता हुआ राजस्थान सबसे बेहतर पसन्द हो सकती है.

राजस्थान कांग्रेस नेताओं में सोनिया गांधी के नाम पर सहमति

राजस्थान पीसीसी के नेताओं में भी सोनिया गांधी को राज्य सभा प्रत्याशी बनाये जाने पर पूर्ण सहमति दिख रही है. पिछले दिनों पीसीसी चीफ गोविन्द डोटासरा के साथ नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की भी अनौपचारिक चर्चा हो चुकी है.

साथ ही पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट, हरीश चौधरी, महेन्द्रजीत सिंह मालवीय, डॉ सीपी जोशी, ज़ुबेर खान और अन्य प्रमुख नाम भी सोनिया गांधी के पक्ष में हैं. पार्टी नेताओं ने अपने स्तर पर एआईसीसी से सोनिया गांधी को राज्यसभा प्रत्याशी बनाने का आग्रह किया है.

एआईसीसी का इशारा मिलते ही पीसीसी से जाएगा प्रस्ताव 

राजस्थान पीसीसी के अधिकांश नेता सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा भेजना तो चाहते हैं लेकिन चूंकि एआईसीसी से इस बारे में कोई स्पष्ट राय नहीं आई है तो पार्टी के नेता चुप हैं. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि अगर एआईसीसी से इशारा मिला तो राजस्थान पीसीसी इस काम को तरजीह देगी और तत्काल पार्टी की तरफ़ से एक सर्वसम्मत प्रस्ताव आलाकमान को भेजा जाएगा. इस प्रस्ताव के जरिये पार्टी सोनिया गांधी को राजस्थान से प्रत्याशी बनाने की बात रखेगी.

कांग्रेस में राजस्थान के नेताओं की हैसियत में होगा इजाफ़ा 

कांग्रेस नेताओं के साथ ही राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा में भेजा जाता है तो एआईसीसी में राजस्थान की धाक होगी। इसके साथ ही राजस्थान कांग्रेस के नेताओं के दर्जे में भी इज़ाफ़ा होगा.

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