पक्ष विपक्ष दोनों ही सियासी बयानबाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीजेपी और आरएसएस पर दंगे करवाने का आरोप लगा रहे हैं तो इधर, बीजेपी ने कहा अगर भाजपा और आरएसएस के लोगों ने दंगा किया तो अब तक सलाखों के पीछे क्यों नहीं भेजा.
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Chomu: जोधपुर और करौली में हुई हिंसा के बाद बीजेपी सरकार पर आक्रामक हो गई है. पक्ष विपक्ष दोनों ही सियासी बयानबाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीजेपी और आरएसएस पर दंगे करवाने का आरोप लगा रहे हैं तो इधर, बीजेपी ने कहा अगर भाजपा और आरएसएस के लोगों ने दंगा किया तो अब तक सलाखों के पीछे क्यों नहीं भेजा.
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मुख्यमंत्री के बयान को लेकर बीजेपी प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने पलटवार किया. उन्होंने कहा प्रदेश की पुलिस और कानून व्यवस्था पर अब तो कांग्रेस के विधायकों का भी विश्वास उठ गया है. राजस्थान पुलिस के ही एक थानाधिकारी के आत्महत्या के मामले की जांच पर भी विश्वास नहीं रहा और फिर भी मुख्यमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को कह रहे हैं कि हिम्मत है किसी न्यायाधीश के द्वारा इन मामलों की जांच करवा ली जाए.
प्रदेश में कानून और शांति व्यवस्था बनाना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है. रामलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री को ही नसीहत दे डाली, कहा प्रदेश के मुख्यमंत्री को ही किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा राजस्थान के सभी प्रकरणों की जांच करवा लेनी चाहिए. इस जांच में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. रामलाल शर्मा ने कहा कि जोधपुर जैसे हिंसा के मामलों को मुख्यमंत्री अगर छिटपुट घटना बता रहे हैं तो राजस्थान में गहलोत दंड संहिता के सिवा कुछ भी नहीं बचा है और गहलोत दंड संहिता में जांच से पहले ही सब कुछ तय हो जाता है.