राजस्थान के नागौर के डेगाना के निमड़ी कोठारिया गांव के प्रदीप RBSE टॉपर हैं. प्रदीप के पिता मोची हैं और मां कचरा बीनती है. अब बेटे प्रदीप की कामयाबी से मां-बाप सपनों का महल बुनने लगे हैं.
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RBSE Topper Motivational Story: जब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 10वें रिजल्ट आये तो मोची का काम करने वाले हंसराज का सपना सच हुआ. वो सपना जो उन्होनें अपने बेटे के लिए देखा था. बेटा प्रदीप 96 फीसदी अंक के साथ RBSE टॉपर बना.
प्रदीप की मां कचरा बीनने का काम करती हैं. मुश्किल हालातों में बेटे की पढ़ाई कराना परिवार के लिए आसान बिल्कुल नहीं था. प्रदीप के घर में सुख सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है. एक समय का खाना मिलने के बाद दूसरे वक्त के लिए सोचना पड़ता था.
प्रदीप शुरुआत से ही पढ़ाई में अच्छा रहा है लेकिन पिता हंसराज के पास प्राइवेट स्कूल में भेजने के पैसा नहीं थे. लेकिन फिर भी प्रदीप ने मेहनत की और RBSE में टॉपर्स की लिस्ट में शामिल हो कर नागौर समेत पूरे राज्य का नाम रोशन किया.
प्रदीप अपने घर में अकेले नहीं है. उसके 6 भाई बहन हैं. प्रदीप से बड़ी बहनें और दो भाई हैं. चारों बहनों की शादी हो चुकी है. सबसे बड़ी बहन अनपढ़ है. दूसरी बहन ने बीए फाइनल कर लिया है. तीसरी बहन ने 12वीं और चौथी बहन ने 8वीं तक पढ़ाई की थी.
प्रदीप का एक भाई भी है जो 12वीं साइंस मैथेमेटिक्स से कर रहा था और 74 फीसदी अंकों के साथ पास हुआ है, वहीं प्रदीप ने क्लास 10 में 96 फीसदी अंक हासिल किये हैं. उम्मीद है इस खबर को पढ़ने के बाद प्रदीप के परिवार तक सरकारी या निजी मदद पहुंचेगी ताकि वो अपने मां बाप के सपनों को पूरा कर सकें.
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