RPSC का 73वां स्थापना दिवस, नवाचारों और अभिनव प्रयोग के लिए CM Gehlot ने दी बधाई
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RPSC का 73वां स्थापना दिवस, नवाचारों और अभिनव प्रयोग के लिए CM Gehlot ने दी बधाई

Jaipur: मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कार्यक्रम में जुड़े मुख्यमंत्री ने कहा है कि RPSC की भर्तियां समय पर होनी चाहिए. क़ानूनी पेचीदगियां आड़े नहीं आनी चाहिए. 

मुख्यमंत्री ने कहा है कि RPSC की भर्तियां समय पर होनी चाहिए.

Jaipur: राजस्थान लोक सेवा आयोग (Rajasthan Public Service Commission) के 73वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न नवाचारों और अभिनव प्रयोग के लिए RPSC को बधाई दी है. 

मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कार्यक्रम में जुड़े मुख्यमंत्री ने कहा है कि RPSC की भर्तियां समय पर होनी चाहिए. क़ानूनी पेचीदगियां आड़े नहीं आनी चाहिए. 

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CM ने कहा कि मार्केट में चर्चा चलती है. RPSC में पैसे लेते होंगे लेकिन सदस्य बिना वजह बदनाम हो जाते हैं लेकिन सबसे बड़ी बात यह कि जो नवाचार हो रहे हैं, वे जनता के बीच विश्वास पैदा करने वाले हैं. 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में RPSC की अपनी प्रतिष्ठा है. सरकारी नौकरियों में सरकार कोई कमी नहीं रखेगी और नया कैलेंडर जारी करने के लिए मुख्यमंत्री ने RPSC के कार्यवाहक अध्यक्ष शिव सिंह को बधाई दी. CM ने कहा एक बार अगर कैलेंडर जारी होता है तो वो केवल एक बार की प्रक्रिया नहीं हो UPSC की तर्ज़ पर हर साल केलेंडर जारी होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पंडित जवाहर-लाल नेहरू की सोच से प्रतिष्ठित संस्थाएं बनी है RPSC की साख देश में सबसे ज़्यादा है. गोपनीयता और आमजन का भरोसा है, जहां लोगों का भविष्य बनता है वहां अगर निष्पक्षता नहीं हो तो ये लोकतंत्र में सही नहीं है.

क्या बोले कार्यवाहक चेयरमैन 
कार्यवाहक चेयरमैन शिव सिंह ने कहा बेहतर वर्षों में कई चुनौतियां का सामना RPSC ने किया है. लेकिन निष्पक्षता व विश्वसनीयता आज भी क़ायम है जनवरी 20 दिसंबर 2022 तक का भर्ती कैलेंडर घोषित कर दिया है. पहली बार RPSC ने इस तरह एक साथ 73 परीक्षाओं का केलेंडर आयोजित किया है. कार्यक्रम में RPSC की ऐतिहासिक यात्रा व नवाचार पर डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन हुआ.

आयोग कार्यालय किराए के दो भवनों में स्थापित किया गया था
दरअसल RPSC का कार्यालय जयपुर के एमआई रोड स्थित पुराने सचिवालय भवन में 1952 तक स्थापित रहा. दफ्तर को फिर माधव बिहारी जी मंदिर के पास 46 स्टेशन रोड में स्थानांतरित कर दिया गया. शुरुआती दौर में स्टाफ के बैठने और परीक्षा आयोजित करने के लिए कोई परीक्षा हाल तक नहीं था. आज का आयुर्वेद निदेशालय, कभी यह आरपीएससी मुख्यालय था. अजमेर में आयोग कार्यालय किराए के दो भवनों में स्थापित किया गया. पहला भवन सुख निवास और दूसरा भवन पुर फिजा मंजिल लोहागल रोड पर स्थित था. राव कमेटी की सिफारिश के बाद 1958 में अजमेर में आयोग आया. 31 अगस्त 1958 तक आरपीएससी जयपुर में रहा. आयोग के पहले अध्यक्ष सर एस के घोष थे.

 

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