Sawan news today: भगवान शंकर के प्रसन्न करने के लिए ज्यादा कुछ करने की आवश्यकता नहीं है, शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव केवल एक लोटा जल अर्पण करने से अपने भक्तो की सभी इच्छाएं पूर्ण करते हैं। वैसे तो भगवान शिव को अभिषेक पंचामृत से किया जाता है जिसमे दूध, दही, घी, इत्यादि चीजे शामिल है.
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Sawan2023: सावान शुरू होते ही भगवान भोलेनाथ के मंदिरों में शिव भक्त भगवान शिव को जल अर्पण करने के लिए लंबी लंबी कतारें में घंटो खड़े रहते है. और भगवान शिव को जल अर्पण करके उनसे अपनी दिल की बात कहते है. सावान का पूरा महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए समर्पित होता है. सावान में शिव शंकर की भक्ति करने से अधिक पुण्य फल प्राप्त होता है. इस महीने में भगवान शिव की आराधना कोई बेलपत्र चढ़ाकर कोई दूध चढ़ाकर, कोई भस्म चढ़ाकर तो कोई जल चढ़ाकर करता है.
पर क्या आप जानते है की शिव जी को जल कैसे अर्पण किया जाता है.लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव जी को जलाभिषेक करते समय कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. मान्यता है कि अगर इस दौरान जरा सी भी गलती कर दी जाए, तो ये भोलेनाथ को नाराज कर सकते हैं.
खड़े होकर न करे जल अर्पण
अक्सर हम देखते हैं की कुछ लोग जल्दी के चक्कर में शिवलिंग पर खड़े खड़े ही जल अर्पण कर देते है पर ऐसा करना गलत है,हमे आसन पर बैठ ही जल अर्पण करना चाहिए.
तांबे के बर्तन का करे उपयोग
हम जब भी शिव जी को जल अर्पण करे तो हमे हमेशा तांबे का बर्तन ही उपयोग करना चाहिए,तांबे के बर्तन से शिव जी का जलाभिषेक करना शुभ माना जाता है.
उत्तर दिशा की ओर
जल अर्पण करते समय अपना मुंह उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए जिससे यह माना जाता है की उत्तर दिशा की ओर मुंह करने से शिव और पार्वती दोनो प्रसन्न होते है.
तुलसी है वर्जित
जल अर्पण करते समय तुलसी के उपयोग से बचना चाहिए भगवन शिव को तुलसी चढ़ाना वर्जित है.
मंत्रो का करें जाप
भगवान शिव को जल अर्पण करे समय हमें रुद्राभिषेक उचित मंत्रोच्चार के साथ करना चाहिए जिससे भगवान शिव प्रसन्न होते है.